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टीवी कलाकारों ने बताया, लॉकडाउन ने कैसे बदले स्वतंत्रता के मायने
मुंबई। इस साल स्वतंत्रता दिवस का जश्न 1947 के बाद से अब तक के समय में सबसे अलग रहा। पहली बार लोग राष्ट्रध्वज फहराने और साथ में राष्ट्रगान गाने के लिए भीड़ में नहीं जुटे। कोविड-19 के कारण सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मना यह पर्व इस बार काफी व्यक्तिगत रहा। बॉलीवुड सेलिब्रिटीज ने भी इस बात को ध्यान में रखा।
लॉकडाउन के इस समय में स्वतंत्रता का क्या मतलब है? इस पर कुछ टेलीविजन कलाकारों ने अपने विचार साझा किए।
तुषार कपूर ने कहा, "महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन ने स्वतंत्रता के अर्थ को पुनर्परिभाषित किया है। मेरे लिए स्वतंत्रता का नया अर्थ नई परिस्थितियों के साथ तालमेल बिठाना और मुक्त महसूस करना है। साथ ही उत्पादक और सकारात्मक होना है। अपने परिवार के साथ जीवन का आनंद लेना और महामारी को रोकने के लिए स्वच्छता और सुरक्षा को तवज्जो देना है। इससे न केवल हमें व्यक्तिगत रूप से बल्कि सामूहिक रूप से भी मदद मिलेगी।"
अभिनेत्री दिव्यंका त्रिपाठी ने कहा, "स्वतंत्रता की परिभाषा इस साल निश्चित रूप से बदल गई है। हम सभी अपने घरों तक सीमित हैं। सुरक्षा के लिए पूरी सावधानी बरत रहे हैं। अब हमारे पास पहले की तरह बेपरवाह होकर यात्रा करने, अपनी इच्छा अनुसार काम करने की स्वतंत्रता नहीं है। वहीं दूसरी ओर इसने हमें सकारात्मक रूप से बदल भी दिया है। ज्यादातर भारतीय पहले घर के कामों के लिए दूसरों पर निर्भर थे। अब हम सीख रहे हैं कि अपने कैरियर और घर के कामों के बीच कैसे प्रबंधन करें।"
'बारिश' में गौरवी का किरदार निभाने वाली अभिनेत्री आशा नेगी कहती हैं, "समाज अब पहले से अधिक उदार हो गया है, लोग अपनी मान्यताओं के बारे में मुखर हैं और इसके बारे में खुलकर बात कर रहे हैं। जहां तक आजादी का सवाल है, तो ये जरूरी है कि इस देश की महिलाएं हर समय सुरक्षित महसूस करें। हममें से कई के पास अभी भी यह विकल्प नहीं है कि हम अपनी पसंद का पहन सकें या सपने देख सकें। 2020 में हमें निश्चित रूप से इन मुद्दों को लेकर स्वतंत्रता की आवश्यकता है।"
अभिनेत्री सुचित्रा पिल्लई को लगता है कि स्वतंत्रता की परिभाषा इस साल निश्चित रूप से बदल गई है क्योंकि हर किसी ने खुद को जेल में बंद होने जैसा महसूस किया है।
उन्होंने कहा, "इन दिनों किसी के लिए भी आजादी की परिभाषा निश्चित रूप से सिर्फ यही है कि वो ताजी हवा ले सके और खुली जगहों पर घूम सके। मैं चाहती हूं कि मैं जल्द से जल्द ज्यादा काम करना शुरू कर सकूं।" (आईएएनएस)
लॉकडाउन के इस समय में स्वतंत्रता का क्या मतलब है? इस पर कुछ टेलीविजन कलाकारों ने अपने विचार साझा किए।
तुषार कपूर ने कहा, "महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन ने स्वतंत्रता के अर्थ को पुनर्परिभाषित किया है। मेरे लिए स्वतंत्रता का नया अर्थ नई परिस्थितियों के साथ तालमेल बिठाना और मुक्त महसूस करना है। साथ ही उत्पादक और सकारात्मक होना है। अपने परिवार के साथ जीवन का आनंद लेना और महामारी को रोकने के लिए स्वच्छता और सुरक्षा को तवज्जो देना है। इससे न केवल हमें व्यक्तिगत रूप से बल्कि सामूहिक रूप से भी मदद मिलेगी।"
अभिनेत्री दिव्यंका त्रिपाठी ने कहा, "स्वतंत्रता की परिभाषा इस साल निश्चित रूप से बदल गई है। हम सभी अपने घरों तक सीमित हैं। सुरक्षा के लिए पूरी सावधानी बरत रहे हैं। अब हमारे पास पहले की तरह बेपरवाह होकर यात्रा करने, अपनी इच्छा अनुसार काम करने की स्वतंत्रता नहीं है। वहीं दूसरी ओर इसने हमें सकारात्मक रूप से बदल भी दिया है। ज्यादातर भारतीय पहले घर के कामों के लिए दूसरों पर निर्भर थे। अब हम सीख रहे हैं कि अपने कैरियर और घर के कामों के बीच कैसे प्रबंधन करें।"
'बारिश' में गौरवी का किरदार निभाने वाली अभिनेत्री आशा नेगी कहती हैं, "समाज अब पहले से अधिक उदार हो गया है, लोग अपनी मान्यताओं के बारे में मुखर हैं और इसके बारे में खुलकर बात कर रहे हैं। जहां तक आजादी का सवाल है, तो ये जरूरी है कि इस देश की महिलाएं हर समय सुरक्षित महसूस करें। हममें से कई के पास अभी भी यह विकल्प नहीं है कि हम अपनी पसंद का पहन सकें या सपने देख सकें। 2020 में हमें निश्चित रूप से इन मुद्दों को लेकर स्वतंत्रता की आवश्यकता है।"
अभिनेत्री सुचित्रा पिल्लई को लगता है कि स्वतंत्रता की परिभाषा इस साल निश्चित रूप से बदल गई है क्योंकि हर किसी ने खुद को जेल में बंद होने जैसा महसूस किया है।
उन्होंने कहा, "इन दिनों किसी के लिए भी आजादी की परिभाषा निश्चित रूप से सिर्फ यही है कि वो ताजी हवा ले सके और खुली जगहों पर घूम सके। मैं चाहती हूं कि मैं जल्द से जल्द ज्यादा काम करना शुरू कर सकूं।" (आईएएनएस)
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