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ऋचा शर्मा ने कहा, क्योंकि मेरे अधिकांश गीत काफी दर्दभरे हैं...
नई दिल्ली। भजनों से लेकर बॉलीवुड गीत तक, हर शैली के गीत गाने वाली गायिका ऋचा शर्मा ने कहा कि संगीत उनकी आत्मा है फिर चाहे वह किसी भी शैली में हो।
रिचा ने आईएएनएस को फोन पर बताया, ‘‘चाहे भजन हों या बॉलीवुड के धूम-धड़ाके वाले गीत। मैं शैली या रूप के आधार पर गीत नहीं गाती। मुझे हर प्रकार के गीत गाना पसंद है। मैं दो शैलियों में अंतर नहीं कर सकती। मेरे लिए संगीत ही सब कुछ है। यह मेरी आत्मा है।’’
‘बाबुल’ की गायिका को हालांकि, दर्दभरे, गीतों के लिए जाना जाता है लेकिन वह असल जिंदगी में बिलकुल अलग हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पता है कि मेरे अधिकांश गाने उदासी वाले हैं लेकिन मैं असल जीवन में बहुत अलग हूं...मैं एक शमीर्ली, खुशमिजाज इंसान हूं। कभी-कभी लोग आपके काम के आधार पर आपके बारे में विचार बना लेते हैं। इसी तरह मेरे मामले में भी, क्योंकि मेरे अधिकांश गीत काफी दर्दभरे हैं, लोग मान लेते हैं कि मैं व्यक्तिगत जीवन में भी एक ही दुखी व्यक्ति हूं लेकिन मैं बहुत अलग हूं।’’
ऋचा ने जी टीवी के शो ‘सा रे गा मा पा’ 2018 में बतौर जज सोना महापात्रा का स्थान लिया है।
रिचा ने आईएएनएस को फोन पर बताया, ‘‘चाहे भजन हों या बॉलीवुड के धूम-धड़ाके वाले गीत। मैं शैली या रूप के आधार पर गीत नहीं गाती। मुझे हर प्रकार के गीत गाना पसंद है। मैं दो शैलियों में अंतर नहीं कर सकती। मेरे लिए संगीत ही सब कुछ है। यह मेरी आत्मा है।’’
‘बाबुल’ की गायिका को हालांकि, दर्दभरे, गीतों के लिए जाना जाता है लेकिन वह असल जिंदगी में बिलकुल अलग हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पता है कि मेरे अधिकांश गाने उदासी वाले हैं लेकिन मैं असल जीवन में बहुत अलग हूं...मैं एक शमीर्ली, खुशमिजाज इंसान हूं। कभी-कभी लोग आपके काम के आधार पर आपके बारे में विचार बना लेते हैं। इसी तरह मेरे मामले में भी, क्योंकि मेरे अधिकांश गीत काफी दर्दभरे हैं, लोग मान लेते हैं कि मैं व्यक्तिगत जीवन में भी एक ही दुखी व्यक्ति हूं लेकिन मैं बहुत अलग हूं।’’
ऋचा ने जी टीवी के शो ‘सा रे गा मा पा’ 2018 में बतौर जज सोना महापात्रा का स्थान लिया है।
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