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सफल होने के लिए अपना स्टाइल ऑफ प्ले बनाना होगा: डेनेरबाई
दिल्ली। अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) ने बीते साल नवम्बर में एक बड़ा फैसला लेते हुए स्वीडन के थॉमस डेनेरबाई को भारत की अंडर-17 महिला फुटबाल टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया। पद सम्भालते ही डेनेरबाई एक अहम काम में जुट गए और वह था, भारतीय टीम को 2020 फीफा यू-17 विश्व कप के लिए तैयार करना।
60 साल के डेनेरबाई के पास बतौर कोच तकरीबन 15 साल का अनुभव है। स्वीडिश फुटबाल में बतौर मिडफील्डर 10 साल तक खेल चुके डेनेरबाई के पास महिला टीमों को प्रशिक्षित करने का अपार अनुभव है। 2011 में उनकी देखरेख में स्वीडिश टीम ने फीफा महिला विश्व कप में तीसरा स्थान हासिल करने के साथ-साथ 2012 ओलंपिक में क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय किया था। इसके अलावा 2018 में उनकी ही देखरेख में नाइजीरिया की राष्ट्रीय महिला फुटबाल टीम ने अफ्रीका कप ऑफ नेशंस जीता था।
अब डेनेरबाई भारत में हैं और एक अहम जिम्मेदारी अपने कंधों पर लिए भारत की जूनियर महिला टीम के साथ मेहनत कर रहे हैं, जो मेजबान होने के नाते इस साल नवम्बर में फीफा यू-17 महिला विश्व कप में हिस्सा लेगी। भारतीय जूनियर टीम के लिए यह बड़ा मौका है और यही कारण है कि डेनेरबाई बतौर कोच अपना पूरा दमखम ऐसी लड़कियों पर झोंकने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं, जो पहली बार इतने बड़े वैश्विक प्लेटफॉर्म पर खेलेंगी।
भारतीय टीम के साथ-साथ डेनेरबाई की राह आसान नहीं है। हालांकि वैश्विक दिग्गजों के रहते भारतीय टीम से कुछ खास उम्मीद नहीं पाली जा रही है लेकिन इसके बावजूद डेनेरबाई चाहते हैं कि भारतीय लड़कियां इस टूर्नामेंट अपनी छाप छोड़ें क्योंकि यह टूर्नामेंट उनके करियर का टर्निग प्वाइंट साबित हो सकता है। यही कारण है कि डेनेरबाई अपनी ओर से कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहते।
डेनेरबाई ने आईएएनएस को दिए ईमेल इंटरव्यू में कहा कि भारत की यू-17 टीम को प्रशिक्षित करना उनके लिए काफी रोचक और चुनौतीपूर्ण है क्योंकि अब तक वह सिर्फ सीनियर राष्ट्रीय महिला टीमों को प्रशिक्षित करते आए हैं।
60 साल के डेनेरबाई के पास बतौर कोच तकरीबन 15 साल का अनुभव है। स्वीडिश फुटबाल में बतौर मिडफील्डर 10 साल तक खेल चुके डेनेरबाई के पास महिला टीमों को प्रशिक्षित करने का अपार अनुभव है। 2011 में उनकी देखरेख में स्वीडिश टीम ने फीफा महिला विश्व कप में तीसरा स्थान हासिल करने के साथ-साथ 2012 ओलंपिक में क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय किया था। इसके अलावा 2018 में उनकी ही देखरेख में नाइजीरिया की राष्ट्रीय महिला फुटबाल टीम ने अफ्रीका कप ऑफ नेशंस जीता था।
अब डेनेरबाई भारत में हैं और एक अहम जिम्मेदारी अपने कंधों पर लिए भारत की जूनियर महिला टीम के साथ मेहनत कर रहे हैं, जो मेजबान होने के नाते इस साल नवम्बर में फीफा यू-17 महिला विश्व कप में हिस्सा लेगी। भारतीय जूनियर टीम के लिए यह बड़ा मौका है और यही कारण है कि डेनेरबाई बतौर कोच अपना पूरा दमखम ऐसी लड़कियों पर झोंकने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं, जो पहली बार इतने बड़े वैश्विक प्लेटफॉर्म पर खेलेंगी।
भारतीय टीम के साथ-साथ डेनेरबाई की राह आसान नहीं है। हालांकि वैश्विक दिग्गजों के रहते भारतीय टीम से कुछ खास उम्मीद नहीं पाली जा रही है लेकिन इसके बावजूद डेनेरबाई चाहते हैं कि भारतीय लड़कियां इस टूर्नामेंट अपनी छाप छोड़ें क्योंकि यह टूर्नामेंट उनके करियर का टर्निग प्वाइंट साबित हो सकता है। यही कारण है कि डेनेरबाई अपनी ओर से कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहते।
डेनेरबाई ने आईएएनएस को दिए ईमेल इंटरव्यू में कहा कि भारत की यू-17 टीम को प्रशिक्षित करना उनके लिए काफी रोचक और चुनौतीपूर्ण है क्योंकि अब तक वह सिर्फ सीनियर राष्ट्रीय महिला टीमों को प्रशिक्षित करते आए हैं।
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