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राष्ट्रमंडल खेलों से निशानेबाजी को नहीं हटा सकते : हीना
नई दिल्ली। राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीडब्ल्यूएफ) ने 2022 में होने वाले बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों (सीडब्ल्यूजी) से निशानेबाजी को हटाने का फैसला किया है। इससे भारत को झटका लगा है और इन विवादों के बीच महिला निशानेबाज हीना सिद्धू ने कहा है कि सीडब्ल्यूएफ के इस कदम के खिलाफ भारत को एकजुटता दिखानी चाहिए।
हीना ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अगर वे अपना पक्ष रख रहे हैं तो हमें भी अपना पक्ष रखना चाहिए। लेकिन यह सही नहीं है क्योंकि कुछ खिलाडिय़ों के चलते, अन्य खिलाडिय़ों को भी निराश होना होगा। लेकिन हमें एकजुट होना चाहिए। नहीं तो आज यह निशानेबाजी के साथ हो रहा है...कुछ साल पहले कुश्ती के साथ भी मसला हुआ था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप एक खेल के लिए खड़े नहीं होंगे तो फिर खिलाडिय़ों के साथ कौन खड़ा होगा। निश्चित रूप से इसके लिए हम सब को एकजुट होना होगा।’’
दो बार की राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता हीना ने कहा, ‘‘निशानेबाजी दर्शकों को अधिक आकर्षित नहीं करती है, इसलिए उन्होंने क्रिकेट को इसमें शामिल किया है। 2010 में हमारे पास काफी संख्या में दर्शक थे और काफी लोगों ने इसे कवरेज किया। आप निशानेबाजी जैसे ओलंपिक खेल को नहीं हटा सकते।’’
(आईएएनएस)
हीना ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अगर वे अपना पक्ष रख रहे हैं तो हमें भी अपना पक्ष रखना चाहिए। लेकिन यह सही नहीं है क्योंकि कुछ खिलाडिय़ों के चलते, अन्य खिलाडिय़ों को भी निराश होना होगा। लेकिन हमें एकजुट होना चाहिए। नहीं तो आज यह निशानेबाजी के साथ हो रहा है...कुछ साल पहले कुश्ती के साथ भी मसला हुआ था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप एक खेल के लिए खड़े नहीं होंगे तो फिर खिलाडिय़ों के साथ कौन खड़ा होगा। निश्चित रूप से इसके लिए हम सब को एकजुट होना होगा।’’
दो बार की राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता हीना ने कहा, ‘‘निशानेबाजी दर्शकों को अधिक आकर्षित नहीं करती है, इसलिए उन्होंने क्रिकेट को इसमें शामिल किया है। 2010 में हमारे पास काफी संख्या में दर्शक थे और काफी लोगों ने इसे कवरेज किया। आप निशानेबाजी जैसे ओलंपिक खेल को नहीं हटा सकते।’’
(आईएएनएस)
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