World Cup 2019 : Team India eying on third title on bowlers behalf-m.khaskhabar.com
×
khaskhabar
Mar 28, 2024 7:10 pm
Location
Advertisement

विश्व कप : बल्लेबाज नहीं, गेंदबाजों के दम पर है टीम इंडिया खिताबी दावेदार

khaskhabar.com : सोमवार, 20 मई 2019 6:14 PM (IST)
विश्व कप : बल्लेबाज नहीं, गेंदबाजों के दम पर है टीम इंडिया खिताबी दावेदार
नई दिल्ली। वर्ष 1975 से 2015 तक हुए अभी तक के सभी विश्व कप में भारतीय टीम जब भी गई एक बेहतरीन बल्लेबाजी ईकाई के रूप में गई और हमेशा से उसकी बल्लेबाजी ही उसकी पहचान रही। इस बीच उसने 1983 और 2011 में दो विश्व कप खिताब भी जीते। किसी ने शायद कभी नहीं सोचा होगा कि एक दिन ऐसा भी होगा जब विश्व कप में भारतीय टीम अपनी बल्लेबाजी नहीं अपनी गेंदबाजी के दम पर खिताब की दावेदार मानी जाएगी।

इंग्लैंड एंड वेल्स में 30 मई से शुरू हो रहे विश्व कप में ऐसा ही है जहां भारतीय टीम की ताकत उसका मजबूत तेज गेंदबाजी आक्रमण है। विराट कोहली की कप्तानी वाली भारतीय टीम का तेज गेंदबाजी आक्रमण विश्व कप में सबसे अच्छा माना जा रहा है। किसी ने कभी भी नहीं सोचा होगा कि खेल को सचिन तेंदुलकर, सुनील गावस्कर, राहुल द्रविड़ जैसे दिग्गज बल्लेबाज देने वाला भारत तेज गेंदबाजों की ऐसी खेप तैयार कर लेगा, जो दुनिया के किसी भी कोने में बल्लेबाजों को पैर भी नहीं हिलाने देगी।

मजबूत तेज गेंदबाजी आक्रमण ही भारत की नई पहचान है और इसी के दम पर कोच रवि शास्त्री की टीम खिताब जीतने का दम भर रही है। 2015 में भारत ने सेमीफाइनल तक का सफर तय किया था लेकिन उसके बाद बदलाव की हवा में भारत ने अपने गेंदबाजी आक्रमण को मजबूत किया। बीते तकरीबन दो साल में अगर देखा जाए तो भारत की अधिकतर जीत इन्हीं गेंदबाजों के दम पर है। विश्व कप में भारत के पास चार तेज गेंदबाज है।

जसप्रीत बुमराह- जो डेथ ओवरों के विशेषज्ञ हैं। बुमराह में दम है कि वह रन रोकने के अलावा विकेट लेने में भी सफल रहते हैं। बुमराह बेशक मौजूदा समय के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों में गिने जाते हैं और उन्होंने इस बात को साबित भी किया। क्रिकेट के महाकुंभ में यह गेंदबाज सभी के लिए सिरदर्द साबित होगा यह लगभग तय है। बुमराह के अलावा भारत के पास स्विंग के दो उस्ताद भुवनेश्वर कुमार और मोहम्मद शमी है।

इंग्लैंड जैसी परिस्थितियों में यह दोनों भारत के लिए कारगर साबित हो सकते हैं। इन दोनों की ताकत सिर्फ स्विंग ही नहीं बल्कि इनकी तेजी भी है। स्विंग और तेजी का मिश्रण इन दोनों को खतरनाक बनाता है। इन तीनों के अलावा भारत के पास दो हरफनमौला खिलाड़ी हैं जो तेज गेंदबाजी करते हैं। हार्दिक पांड्या और विजय शंकर, लेकिन पांड्या का अंतिम-11 में खेलना तय है।

पांड्या के पास इंग्लैंड में खेलने का अनुभव है। वे 2017 में खेली गई चैम्पियंस ट्रॉफी में टीम का हिस्सा था। तब से लेकर अब तक पांड्या एक गेंदबाज के तौर पर पहले से बेहतर हुए हैं और जानते हैं कि इंग्लैंड में किस तरह की गेंदबाजी करनी है। यह गेंदबाज मध्य के ओवरों में एक छोर पर अच्छा काम कर सकता है।

पांड्या की भी खासियात है कि वे लाइन टू लाइन गेंदबाजी करते हैं और रनों को रोकने पर ध्यान देते हैं। सिर्फ तेज गेंदबाज ही नहीं भारत के पास ऐसे स्पिनर भी हैं जो मध्य के ओवरों में मैच का पासा पलट सकते हैं और बड़े स्कोर की तरफ जाती दिख रही टीम को कम स्कोर पर रोक सकते हैं। हालिया दौर में चाइनमैन कुलदीप यादव और लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल की जोड़ी ने ऐसा कई बार किया है।

ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

1/2
Advertisement
Khaskhabar.com Facebook Page:
Advertisement
Advertisement