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पढ़ें, विश्व कप टीम के साथ इंग्लैंड जा रहे विजय शंकर का इंटरव्यू
शंकर के मुताबिक, सबसे अच्छी बात यहा थी कि बल्ले के साथ वो मेरा पहला
अनुभव था। मैंने उस सीरीज में गेंदबाजी तो की थी लेकिन फाइनल मैच में मैं
पहली बार बल्लेबाजी करने उतरा था। वो हालांकि जीवन की सीख देने वाला पल था।
उसने मुझे सिखाया कि हर पल का लुत्फ कैसे उठाते हैं और इस तरह के वाकये
अस्थायी होते हैं। साथ ही मुझे सिखाया कि मुझे अपना 100 फीसदी देना चाहिए।
नंबर-4 को लेकर जारी विवाद पर वापस आते हुए शंकर ने कहा कि वे सीख गए हैं
कि दबाव मुक्त कैसे हुआ जाता है और अब उन्हें फर्क नहीं पड़ता कि कोई क्या
कह रहा है।
उन्होंने कहा, न्यूजीलैंड में जब मैंने नंबर-3 पर बल्लेबाजी की तो मेरा प्रदर्शन अच्छा रहा। सबसे अच्छी बात यह रही कि टीम प्रबंधन ने मुझ पर भरोसा दिखाया और माना कि मैं यह काम कर सकता हूं। इससे आपको अतिरिक्त प्रेरणा मिलती है। टीम की जरूरत मेरी प्राथमिकता है और मैं हर स्थिति में खेलने को तैयार हूं। उन्होंने कहा, मैं अपने खेल का लुत्फ ले रहा हूं और अपने आप पर किसी तरह का दबाव नहीं ले रहा।
मैं स्थिति को समझने और उसके हिसाब से खेलने पर ध्यान दे रहा हूं। मैं अपने काम को महत्व दे रहा हूं और इसको लेकर कोई छोटा रास्ता नहीं है। शंकर से जब पूछा गया कि सीनियर खिलाडिय़ों और मुख्य कोच रवि शास्त्री से उन्हें क्या फीडबैक मिला? इस पर उन्होंने कहा कि वे इस बारे में ज्यादा बता नहीं सकते। उन्होंने कहा कि वे देखकर सीखने वाले हैं और जब भी अपने सीनियर खिलाडिय़ों के साथ रहते हैं तो ज्यादा से ज्यादा सीखने की कोशिश करते हैं।
उन्होंने कहा, पहली बात तो यह है कि भारतीय टीम का हिस्सा बनना वो सपना है जो हम तब से देखते हैं जबसे हम खेलना शुरू करते हैं। मैं वैसा खिलाड़ी हूं जो कोहली, माही भाई, रोहित को देखकर सीखना पसंद करता है। मैंने एक क्रिकेटर के तौर पर अपने आपमें सुधार करने के लिए उनसे काफी बात की है। उन्होंने मुझसे कहा है कि मैं अपना काम कर रहा हूं और मेरा ध्यान सिर्फ चीजों को सरल रखने पर होना चाहिए। भारतीय टीम में हार्दिक पांड्या के रूप में एक और हरफनमौला खिलाड़ी भी है।
ऐसे में शंकर और पांड्या की तुलना होना लाजमी है, लेकिन शंकर को लगता है कि उन्हें अपनी गेंदबाजी पर अभी और काम करना है। उन्होंने कहा, मैं अपनी गेंदबाजी पर काफी काम कर रहा हूं और मैं सही प्रक्रिया पर ध्यान देने में यकीन रखता हूं। मुझे लगता है कि जब स्थिति आएगी और कप्तान मुझे गेंद देंगे तो मेरे अंदर आत्मविश्वास होना चाहिए तभी मैं अच्छा कर पाऊंगा। यह हर मौके के साथ आत्मविश्वास हासिल करने की बात है।
उन्होंने कहा, न्यूजीलैंड में जब मैंने नंबर-3 पर बल्लेबाजी की तो मेरा प्रदर्शन अच्छा रहा। सबसे अच्छी बात यह रही कि टीम प्रबंधन ने मुझ पर भरोसा दिखाया और माना कि मैं यह काम कर सकता हूं। इससे आपको अतिरिक्त प्रेरणा मिलती है। टीम की जरूरत मेरी प्राथमिकता है और मैं हर स्थिति में खेलने को तैयार हूं। उन्होंने कहा, मैं अपने खेल का लुत्फ ले रहा हूं और अपने आप पर किसी तरह का दबाव नहीं ले रहा।
मैं स्थिति को समझने और उसके हिसाब से खेलने पर ध्यान दे रहा हूं। मैं अपने काम को महत्व दे रहा हूं और इसको लेकर कोई छोटा रास्ता नहीं है। शंकर से जब पूछा गया कि सीनियर खिलाडिय़ों और मुख्य कोच रवि शास्त्री से उन्हें क्या फीडबैक मिला? इस पर उन्होंने कहा कि वे इस बारे में ज्यादा बता नहीं सकते। उन्होंने कहा कि वे देखकर सीखने वाले हैं और जब भी अपने सीनियर खिलाडिय़ों के साथ रहते हैं तो ज्यादा से ज्यादा सीखने की कोशिश करते हैं।
उन्होंने कहा, पहली बात तो यह है कि भारतीय टीम का हिस्सा बनना वो सपना है जो हम तब से देखते हैं जबसे हम खेलना शुरू करते हैं। मैं वैसा खिलाड़ी हूं जो कोहली, माही भाई, रोहित को देखकर सीखना पसंद करता है। मैंने एक क्रिकेटर के तौर पर अपने आपमें सुधार करने के लिए उनसे काफी बात की है। उन्होंने मुझसे कहा है कि मैं अपना काम कर रहा हूं और मेरा ध्यान सिर्फ चीजों को सरल रखने पर होना चाहिए। भारतीय टीम में हार्दिक पांड्या के रूप में एक और हरफनमौला खिलाड़ी भी है।
ऐसे में शंकर और पांड्या की तुलना होना लाजमी है, लेकिन शंकर को लगता है कि उन्हें अपनी गेंदबाजी पर अभी और काम करना है। उन्होंने कहा, मैं अपनी गेंदबाजी पर काफी काम कर रहा हूं और मैं सही प्रक्रिया पर ध्यान देने में यकीन रखता हूं। मुझे लगता है कि जब स्थिति आएगी और कप्तान मुझे गेंद देंगे तो मेरे अंदर आत्मविश्वास होना चाहिए तभी मैं अच्छा कर पाऊंगा। यह हर मौके के साथ आत्मविश्वास हासिल करने की बात है।
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