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विश्व कप : इंग्लैंड पर पाकिस्तान की जीत ने नई संभावनाओं के द्वार खोले

नई दिल्ली। नॉटिंघम में सोमवार को मेजबान इंग्लैंड पर पाकिस्तान की जीत ने आईसीसी विश्व कप-2019 में कई सम्भावनाओं के द्वार खोल दिए हैं। पाकिस्तान को खिताब के दावेदारों में शामिल न करना क्रिकेट के पंडितों की पहली गलती थी और मेजबान होने के नाते इंग्लैंड को अजेय मानना उनकी दूसरी गलती कही जा सकती है। पाकिस्तान को इस विश्व कप से पहले खिताब के दावेदारों में शुमार नहीं किया जा रहा था।
वेस्टइंडीज के हाथों मिली शर्मनाक हार के बाद तो उसकी गिनती फिसड्डी टीमों में होने लगी लेकिन ट्रेंट ब्रिज मैदान पर सोमवार को जो हुआ, उसने सभी को अपनी सोच में बदलाव के लिए बाध्य कर दिया। अब आलम यह है कि विंडीज के खिलाफ मिली हार के बाद पाकिस्तानी टीम पर बरसने वाले मिस्बाह उल हक, शोएब अख्तर और 1992 में खिताब जीतने वाली टीम के सदस्य रहे रमीज राजा इसकी तारीफों के गुण गाने लगे हैं और यहां तक कि उसे खिताब के प्रबल दावेदारों में शामिल करने लगे हैं।
वेस्टइंडीज के महान खिलाड़ी विवियन रिचड्र्स ने भी ट्वीट के जरिए पाकिस्तानी टीम की सहज लड़ाकू प्रवृति की तारीफ की है। नॉटिंघम में जो हुआ, उससे पाकिस्तान के लिए जहां रातों-रात सबकुछ बदल गया, वहीं खिताब के दावेदारों में शामिल इंग्लैंड को लेकर भी लोगों की सोच बदल गई। इंग्लैंड को अजेय मानना गलत होगा। इससे बांग्लादेश और अफगानिस्तान जैसी कमजोर समझी जाने वाली टीमों का मनोबल बढ़ा है, जो इस विश्व कप फॉरमेट के आधार पर आने वाले समय में इंग्लैंड से भिडऩे वाली हैं।
1992 में खराब शुरुआत के बाद भी खिताब तक पहुंचने वाली पाकिस्तान टीम के पास इमरान खान के जैसा प्रेरणादायी और परफॉर्मिंग कप्तान नहीं है लेकिन सरफराज अहमद को क्रिकेट की इतनी समझ जरूर है कि एक्सपरिमेंट से हालात बदले जा सकते हैं। इंग्लैंड की टीम स्पिनरों के खिलाफ कमजोर रही है और इसी कारण सरफराज ने गेंदबाजी की शुरुआत स्पिनर शादाब खान से कराई। सरफराज ने मैच के बाद कहा, हमने इस मैच में कुछ अलग चीजें आजमाईं।
हमने शादाब से गेंदबाजी शुरू कराई क्योंकि हम जानते थे कि इंग्लिश टीम स्पिनरों के खिलाफ कमजोर है। फील्डिंग हमारे लिए अहम थी। वेस्टइंडीज के खिलाफ यह हमारी कमजोरी बनकर उभरी थी। इस मैच में हमने इसे सुधारते हुए कई रन बचाए। इससे हमें काफी आत्मबल मिला है। दूसरी ओर, इयोन मोर्गन की टीम ने कई आसान कैच गिराए और इसी ने मैच में अंतर पैदा किया।
पाकिस्तान टीम 348 रन बनाने में सफल रही और बाद में जोए रूट और जोस बटलर के शतकों के बावजूद इंग्लैंड लक्ष्य से 14 रन दूर रह गई। मैच के बाद मोर्गन ने स्वीकार किया कि फील्डिंग ने इस मैच में अंतर पैदा किया। मोर्गन ने कहा, हम फील्डिंग के कारण दोयम साबित हुए। इसी ने अंतर पैदा किया। अपनी गलतियों के कारण हमने 15-20 रन अधिक दिए और परिणाम बता रहा है कि यही रन हमें महंगे पड़े। मोर्गन ने एक खास बात कही और वह यह है कि पाकिस्तान की जीत इस टूर्नामेंट के लिए काफी अहम प्रचार है।
मोर्गन का आशय यह था कि पाकिस्तान ने दिखा दिया कि किसी को भी हल्के में लेना किसी भी टीम के लिए अच्छा नहीं होगा। इसी तरह की घटना एक दिन पहले हुई थी, जब बांग्लादेश ने दक्षिण अफ्रीका को पटककर शानदार शुरुआत की थी। अपने शानदार हरफनमौला प्रदर्शन के दम पर मैन ऑफ द मैच चुने गए मोहम्मद हफीज ने भी एक अहम बात कही और वह यह है कि वेस्टइंडीज के खिलाफ मिली हार के बाद उनकी टीम को सोचा-समझा जोखिम (केल्कुलेटेड रिस्क) लेना था जो उसने लिया और सफल रही।
वेस्टइंडीज के हाथों मिली शर्मनाक हार के बाद तो उसकी गिनती फिसड्डी टीमों में होने लगी लेकिन ट्रेंट ब्रिज मैदान पर सोमवार को जो हुआ, उसने सभी को अपनी सोच में बदलाव के लिए बाध्य कर दिया। अब आलम यह है कि विंडीज के खिलाफ मिली हार के बाद पाकिस्तानी टीम पर बरसने वाले मिस्बाह उल हक, शोएब अख्तर और 1992 में खिताब जीतने वाली टीम के सदस्य रहे रमीज राजा इसकी तारीफों के गुण गाने लगे हैं और यहां तक कि उसे खिताब के प्रबल दावेदारों में शामिल करने लगे हैं।
वेस्टइंडीज के महान खिलाड़ी विवियन रिचड्र्स ने भी ट्वीट के जरिए पाकिस्तानी टीम की सहज लड़ाकू प्रवृति की तारीफ की है। नॉटिंघम में जो हुआ, उससे पाकिस्तान के लिए जहां रातों-रात सबकुछ बदल गया, वहीं खिताब के दावेदारों में शामिल इंग्लैंड को लेकर भी लोगों की सोच बदल गई। इंग्लैंड को अजेय मानना गलत होगा। इससे बांग्लादेश और अफगानिस्तान जैसी कमजोर समझी जाने वाली टीमों का मनोबल बढ़ा है, जो इस विश्व कप फॉरमेट के आधार पर आने वाले समय में इंग्लैंड से भिडऩे वाली हैं।
1992 में खराब शुरुआत के बाद भी खिताब तक पहुंचने वाली पाकिस्तान टीम के पास इमरान खान के जैसा प्रेरणादायी और परफॉर्मिंग कप्तान नहीं है लेकिन सरफराज अहमद को क्रिकेट की इतनी समझ जरूर है कि एक्सपरिमेंट से हालात बदले जा सकते हैं। इंग्लैंड की टीम स्पिनरों के खिलाफ कमजोर रही है और इसी कारण सरफराज ने गेंदबाजी की शुरुआत स्पिनर शादाब खान से कराई। सरफराज ने मैच के बाद कहा, हमने इस मैच में कुछ अलग चीजें आजमाईं।
हमने शादाब से गेंदबाजी शुरू कराई क्योंकि हम जानते थे कि इंग्लिश टीम स्पिनरों के खिलाफ कमजोर है। फील्डिंग हमारे लिए अहम थी। वेस्टइंडीज के खिलाफ यह हमारी कमजोरी बनकर उभरी थी। इस मैच में हमने इसे सुधारते हुए कई रन बचाए। इससे हमें काफी आत्मबल मिला है। दूसरी ओर, इयोन मोर्गन की टीम ने कई आसान कैच गिराए और इसी ने मैच में अंतर पैदा किया।
पाकिस्तान टीम 348 रन बनाने में सफल रही और बाद में जोए रूट और जोस बटलर के शतकों के बावजूद इंग्लैंड लक्ष्य से 14 रन दूर रह गई। मैच के बाद मोर्गन ने स्वीकार किया कि फील्डिंग ने इस मैच में अंतर पैदा किया। मोर्गन ने कहा, हम फील्डिंग के कारण दोयम साबित हुए। इसी ने अंतर पैदा किया। अपनी गलतियों के कारण हमने 15-20 रन अधिक दिए और परिणाम बता रहा है कि यही रन हमें महंगे पड़े। मोर्गन ने एक खास बात कही और वह यह है कि पाकिस्तान की जीत इस टूर्नामेंट के लिए काफी अहम प्रचार है।
मोर्गन का आशय यह था कि पाकिस्तान ने दिखा दिया कि किसी को भी हल्के में लेना किसी भी टीम के लिए अच्छा नहीं होगा। इसी तरह की घटना एक दिन पहले हुई थी, जब बांग्लादेश ने दक्षिण अफ्रीका को पटककर शानदार शुरुआत की थी। अपने शानदार हरफनमौला प्रदर्शन के दम पर मैन ऑफ द मैच चुने गए मोहम्मद हफीज ने भी एक अहम बात कही और वह यह है कि वेस्टइंडीज के खिलाफ मिली हार के बाद उनकी टीम को सोचा-समझा जोखिम (केल्कुलेटेड रिस्क) लेना था जो उसने लिया और सफल रही।
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