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विश्व कप : दिग्गजों को फिरकी में फंसा सकता है अफगानिस्तान
नई दिल्ली। अफगानिस्तान ने 2015 में पहली बार विश्व कप में कदम रखा था। तब यह टीम बेहद कमजोर थी और ग्रुप दौर से ही बाहर हो गई थी। उसके लिए यह विश्व कप अंतरराष्ट्रीय स्तर का अनुभव लेने मात्र टूर्नामेंट के अलावा कुछ न था। न अफगानिस्तान किसी के लिए खतरा थी न ही यह टीम खुद जीत के बारे में सोच सकती थी। चार साल बाद इंग्लैंड एंड वेल्स में विश्व कप का 12वां संस्करण 30 मई से शुरू हो रहा है और अफगानिस्तान के खेल में सुधार का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दिग्गज टीमें भी इस टीम से डरी हुई हैं।
चार साल में अफगानिस्तान ने अपने आपको बदल डाला और एक ऐसी टीम के तौर पर विश्व कप में जा रही है जो किसी भी टीम को मात दे सकती है। इसकी बानगी उसने शुक्रवार को पाकिस्तान को अभ्यास मैच में मात दे दी है। अफगानिस्तान ने पाकिस्तान को अभ्यास मैच में तीन विकेट से हरा दिया। शुरुआत में ही इस टीम ने दूसरी टीमों को चेता दिया है।
चार साल पहले इस टीम की न बल्लेबाजी चर्चा में थी न गेंदबाजी, लेकिन अब गेंदबाजी के लिहाज से यह टीम खतरनाक टीमों में गिनी जा रही है जो किसी भी मजबूत बल्लेबाजी क्रम को कम स्कोर पर रोक सकती है और ताश के पत्तों की तरह ढह भी सकती है। इसमें अहम भूमिका उसके स्पिन गेंदबाजों की नहीं हैं। इसमें राशिद खान, मोहम्मद नबी और मुजीब उर रहमान का बड़ा हाथ है।
राशिद का इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2017 में सफल होना उन्हें विश्व पटल पर पहचान दिला गया था, लेकिन अफगानिस्तान की सफलता और क्रिकेट में आए दिन नए पड़ाव पार करने की कहानी भारत में 2016 में खेले गए टी20 विश्व कप से शुरू हुई थी जहां इस टीम ने बाद में विजेता बनी वेस्टइंडीज को मात दी थी। उस दिन का दिन है, इस टीम ने अपने खेल में सितारे ही जड़े हैं। इस टीम की ताकत सही मायनों में गेंदबाजी है।
दुबई में खेले गए एशिया कप में भी देखा गया था कि अफगानिस्तान ने पाकिस्तान, भारत जैसी टीमों को बड़ा स्कोर नहीं बनाने दिया था। भारत के साथ तो उसने आखिरी समय में मुकाबला टाई करा दिया था। राशिद उसके गेंदबाजी आक्रमण की अगुआई करते हैं। यह गेंदबाज दुनिया भर की टी20 लीगों में दिग्गज बल्लेबाजों के नचा चुका है। कोहली ने भी हाल ही में माना था कि राशिद को खेलना आसान नहीं है क्योंकि वे बहुत तेजी से गेंद करते हैं और बल्लेबाज जब तक कुछ सोच पाता है गेंद बल्ले पर आ जाती है।
राशिद इस विश्व कप में सभी टीमों के लिए चुनौती रहेंगे। अफगानिस्तान के पास राशिद की तरह की एक और करिश्माई स्पिनर मुजीब के रुप में मौजूद है। मुजीब भी अपनी फिरकी से आईपीएल में कई बल्लेबाजों को नचा चुके हैं। अव्वल यह है कि इन्हें रास्ता दिखाने के लिए मोहम्मद नबी हैं जो अनुभव के भंडार हैं और 2015 विश्व कप में टीम की कप्तानी कर चुके हैं। स्पिन के अलावा अफगानिस्तान के पास कुछ अच्छे तेज गेंदबाज भी हैं।
इनमें दौलत जादरान, हामिद हसन और नव निुयक्त कप्तान गुलबदीन नैब हैं। इन सभी गेंदबाजों ने हमेशा किफायती गेंदबाजी की है और यही इनके गेंदबाजी आक्रमण की खासियत है। तेज गेंदबाज रन बचाकर बल्लेबाजों पर दबाव बनाते हैं और स्पिनर इसका फायदा उठाते हैं।
चार साल में अफगानिस्तान ने अपने आपको बदल डाला और एक ऐसी टीम के तौर पर विश्व कप में जा रही है जो किसी भी टीम को मात दे सकती है। इसकी बानगी उसने शुक्रवार को पाकिस्तान को अभ्यास मैच में मात दे दी है। अफगानिस्तान ने पाकिस्तान को अभ्यास मैच में तीन विकेट से हरा दिया। शुरुआत में ही इस टीम ने दूसरी टीमों को चेता दिया है।
चार साल पहले इस टीम की न बल्लेबाजी चर्चा में थी न गेंदबाजी, लेकिन अब गेंदबाजी के लिहाज से यह टीम खतरनाक टीमों में गिनी जा रही है जो किसी भी मजबूत बल्लेबाजी क्रम को कम स्कोर पर रोक सकती है और ताश के पत्तों की तरह ढह भी सकती है। इसमें अहम भूमिका उसके स्पिन गेंदबाजों की नहीं हैं। इसमें राशिद खान, मोहम्मद नबी और मुजीब उर रहमान का बड़ा हाथ है।
राशिद का इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2017 में सफल होना उन्हें विश्व पटल पर पहचान दिला गया था, लेकिन अफगानिस्तान की सफलता और क्रिकेट में आए दिन नए पड़ाव पार करने की कहानी भारत में 2016 में खेले गए टी20 विश्व कप से शुरू हुई थी जहां इस टीम ने बाद में विजेता बनी वेस्टइंडीज को मात दी थी। उस दिन का दिन है, इस टीम ने अपने खेल में सितारे ही जड़े हैं। इस टीम की ताकत सही मायनों में गेंदबाजी है।
दुबई में खेले गए एशिया कप में भी देखा गया था कि अफगानिस्तान ने पाकिस्तान, भारत जैसी टीमों को बड़ा स्कोर नहीं बनाने दिया था। भारत के साथ तो उसने आखिरी समय में मुकाबला टाई करा दिया था। राशिद उसके गेंदबाजी आक्रमण की अगुआई करते हैं। यह गेंदबाज दुनिया भर की टी20 लीगों में दिग्गज बल्लेबाजों के नचा चुका है। कोहली ने भी हाल ही में माना था कि राशिद को खेलना आसान नहीं है क्योंकि वे बहुत तेजी से गेंद करते हैं और बल्लेबाज जब तक कुछ सोच पाता है गेंद बल्ले पर आ जाती है।
राशिद इस विश्व कप में सभी टीमों के लिए चुनौती रहेंगे। अफगानिस्तान के पास राशिद की तरह की एक और करिश्माई स्पिनर मुजीब के रुप में मौजूद है। मुजीब भी अपनी फिरकी से आईपीएल में कई बल्लेबाजों को नचा चुके हैं। अव्वल यह है कि इन्हें रास्ता दिखाने के लिए मोहम्मद नबी हैं जो अनुभव के भंडार हैं और 2015 विश्व कप में टीम की कप्तानी कर चुके हैं। स्पिन के अलावा अफगानिस्तान के पास कुछ अच्छे तेज गेंदबाज भी हैं।
इनमें दौलत जादरान, हामिद हसन और नव निुयक्त कप्तान गुलबदीन नैब हैं। इन सभी गेंदबाजों ने हमेशा किफायती गेंदबाजी की है और यही इनके गेंदबाजी आक्रमण की खासियत है। तेज गेंदबाज रन बचाकर बल्लेबाजों पर दबाव बनाते हैं और स्पिनर इसका फायदा उठाते हैं।
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