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पदार्पण मैच में मुरलीधरन का सामना करना नहीं भूल सकता : वेणुगोपाल
विशाखापट्टनम। भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज वेणुगोपाल राव (Venugopal Rao) ने कहा है कि वह पदार्पण मैच में श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन (Muttiah Muralitharan ) का सामना करना अपने जीवन में कभी नहीं भूल सकते।
राव ने मंगलवार को क्रिकेट के सभी प्रारूप से संन्यास लेने की घोषणा कर दी है।
राव ने 30 जुलाई 2005 को डाम्बुला में श्रीलंका के खिलाफ वनडे पदार्पण किया था। इस मैच में भारत ने सिर्फ 205 रन बनाए थे और राव ने 74 गेंदों पर 38 रनों की पारी खेली थी।
वेबसाइट क्रिकइंफो ने राव के हवाले से लिखा है, ‘‘पहले मैच में मुरलीधरन को खेलना मेरे लिए न भूलने वाला अनुभव है। एक बल्लेबाज के तौर पर, हम स्पिन खेलते हुआ बड़े हुए हैं, लेकिन मुझे लगा था कि उनको खेलने के लिए कोई तैयारी नहीं कर सकता। वह अलग तरह के गेंदबाज हैं। मेरी उस मैच से संबंधित अच्छी यादें हैं।’’
राव ने भारत के लिए 16 वनडे मैच खेले हैं। उन्होंने अपना आखिरी वनडे वेस्टइंडीज के खिलाफ मई 2006 में खेला था।
राव ने कहा, ‘‘मेरे पदार्पण मैच से पहले, मैं काफी नर्वस था। मेरे दिमाग में काफी चींजें चल रही थीं। ग्रैग चैपल (उस समय भारतीय टीम के मुख्य कोच) ने मुझसे कहा था कि मेरे लिए यह मायने नहीं रखता कि आप कहां से आए हैं, मैं जानता हूं कि आप यहां आने के काबिल हैं और इसलिए आप यहां हैं। उन शब्दों ने मुझे काफी आत्मविश्वास दिया था।’’
(आईएएनएस)
राव ने मंगलवार को क्रिकेट के सभी प्रारूप से संन्यास लेने की घोषणा कर दी है।
राव ने 30 जुलाई 2005 को डाम्बुला में श्रीलंका के खिलाफ वनडे पदार्पण किया था। इस मैच में भारत ने सिर्फ 205 रन बनाए थे और राव ने 74 गेंदों पर 38 रनों की पारी खेली थी।
वेबसाइट क्रिकइंफो ने राव के हवाले से लिखा है, ‘‘पहले मैच में मुरलीधरन को खेलना मेरे लिए न भूलने वाला अनुभव है। एक बल्लेबाज के तौर पर, हम स्पिन खेलते हुआ बड़े हुए हैं, लेकिन मुझे लगा था कि उनको खेलने के लिए कोई तैयारी नहीं कर सकता। वह अलग तरह के गेंदबाज हैं। मेरी उस मैच से संबंधित अच्छी यादें हैं।’’
राव ने भारत के लिए 16 वनडे मैच खेले हैं। उन्होंने अपना आखिरी वनडे वेस्टइंडीज के खिलाफ मई 2006 में खेला था।
राव ने कहा, ‘‘मेरे पदार्पण मैच से पहले, मैं काफी नर्वस था। मेरे दिमाग में काफी चींजें चल रही थीं। ग्रैग चैपल (उस समय भारतीय टीम के मुख्य कोच) ने मुझसे कहा था कि मेरे लिए यह मायने नहीं रखता कि आप कहां से आए हैं, मैं जानता हूं कि आप यहां आने के काबिल हैं और इसलिए आप यहां हैं। उन शब्दों ने मुझे काफी आत्मविश्वास दिया था।’’
(आईएएनएस)
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