Advertisement
‘थोड़ा समय जरूर लगेगा, लेकिन इस खेल को भी पहचान मिलेगी’
विकास ने स्नैच में 159 किलोग्राम का सर्वाधिक भार उठाया था जो उनका
सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। वे एक समय स्वर्ण की दौड़ में थे, लेकिन क्लीन
एंड जर्क में पिछडऩे के कारण उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। अपने
प्रदर्शन को लेकर विकास हालांकि संतुष्ट हैं, लेकिन उनका मानना है कि चोट
की वजह से वजन वर्ग में बदलाव करने के कारण उन्हें अभ्यास का ज्यादा समय
नहीं मिला। उन्होंने कहा, कमी कुछ नहीं रह गई थी। अगर आप देखेंगे तो मैंने
स्नैच में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदशर्न किया था। मैं अपने प्रदर्शन से खुश
हूं।
मुझे लगता है कि चोट के कारण वजन वर्ग में बदलाव करने से मुझे 94 किलोग्राम भारवर्ग में तैयारी का समय थोड़ा कम मिला, लेकिन मैं अपने प्रदर्शन से बिल्कुल संतुष्ट हूं। विकास ने ग्लास्गो 2014 में 85 किलोग्राम भारवर्ग में स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया था। वे इस उम्मीद के साथ गए थे कि वो अपने पदक का रंग बदलेंगे। विकास ने कांस्य जीतने के बाद अपनी मां से हंसते हुए कहा कि उन्होंने रंग तो बदला है।
उन्होंने कहा, मैंने जाते समय अपनी मां से कहा था कि मैं अपने पदक का रंग बदलूंगा। वहां कांस्य जीतने के बाद मैंने अपनी मां से मजाक में कहा कि मम्मी मैंने रंग तो बदल दिया है लेकिन वो सोना नहीं कांस्य है, लेकिन मैंने अपना वादा निभाया है। विकास ने अपना अगला लक्ष्य एशियाई खेल और राष्ट्रीय चैम्पियनशिप को बताया है। उन्होंने कहा, मेरा अगला लक्ष्य एशियाई खेल और राष्ट्रीय चैम्पियनशिप है। राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में मैं इस बार पहली बार अपने राज्य का प्रतिनिधत्व करूंगा।
मैं इस बार हिमाचल से खेलूंगा इससे पहले मैं सर्विसेस से खेल रहा था। तो मेरा ध्यान इन दो चीजों पर है। साथ ही इस साल विश्व चैम्पियनशिप में भी हिस्सा लूंगा और वहां भी अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश करूंगा। उन्होंने कहा, मेरे कंधे में अभी भी थोड़ा दर्द है, लेकिन यह जल्दी ठीक हो जाएगा। मैं पूरी मेहनत कर रहा हूं और आगे अच्छा प्रदर्शन करूंगा। विकास से जब दोबारा पुराने भारवर्ग में लौटने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, मैं अब पीछे मुडक़र नहीं देखूंगा। मैं अब 94 किलोग्राम भारवर्ग में ही उतरूंगा।
मुझे लगता है कि चोट के कारण वजन वर्ग में बदलाव करने से मुझे 94 किलोग्राम भारवर्ग में तैयारी का समय थोड़ा कम मिला, लेकिन मैं अपने प्रदर्शन से बिल्कुल संतुष्ट हूं। विकास ने ग्लास्गो 2014 में 85 किलोग्राम भारवर्ग में स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया था। वे इस उम्मीद के साथ गए थे कि वो अपने पदक का रंग बदलेंगे। विकास ने कांस्य जीतने के बाद अपनी मां से हंसते हुए कहा कि उन्होंने रंग तो बदला है।
उन्होंने कहा, मैंने जाते समय अपनी मां से कहा था कि मैं अपने पदक का रंग बदलूंगा। वहां कांस्य जीतने के बाद मैंने अपनी मां से मजाक में कहा कि मम्मी मैंने रंग तो बदल दिया है लेकिन वो सोना नहीं कांस्य है, लेकिन मैंने अपना वादा निभाया है। विकास ने अपना अगला लक्ष्य एशियाई खेल और राष्ट्रीय चैम्पियनशिप को बताया है। उन्होंने कहा, मेरा अगला लक्ष्य एशियाई खेल और राष्ट्रीय चैम्पियनशिप है। राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में मैं इस बार पहली बार अपने राज्य का प्रतिनिधत्व करूंगा।
मैं इस बार हिमाचल से खेलूंगा इससे पहले मैं सर्विसेस से खेल रहा था। तो मेरा ध्यान इन दो चीजों पर है। साथ ही इस साल विश्व चैम्पियनशिप में भी हिस्सा लूंगा और वहां भी अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश करूंगा। उन्होंने कहा, मेरे कंधे में अभी भी थोड़ा दर्द है, लेकिन यह जल्दी ठीक हो जाएगा। मैं पूरी मेहनत कर रहा हूं और आगे अच्छा प्रदर्शन करूंगा। विकास से जब दोबारा पुराने भारवर्ग में लौटने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, मैं अब पीछे मुडक़र नहीं देखूंगा। मैं अब 94 किलोग्राम भारवर्ग में ही उतरूंगा।
ये भी पढ़ें - T20 सीरीज : टीम इंडिया में रैना की वापसी, इन 5 की छुट्टी
Advertisement
Advertisement
खेल
Advertisement