We will definitely bring a medal in the Tokyo Olympics, which medal cannot be said: Coach Harendra Singh-m.khaskhabar.com
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टोक्यो ओलम्पिक में हम एक पदक जरूर लेकर आएंगे, वो पदक कौनसा होगा नहीं कह सकता: कोच हरेंद्र सिंह

khaskhabar.com : गुरुवार, 16 जनवरी 2020 9:38 PM (IST)
टोक्यो ओलम्पिक में हम एक पदक जरूर लेकर आएंगे, वो पदक कौनसा होगा नहीं कह सकता: कोच हरेंद्र सिंह

दिल्ली | हॉकी एक ऐसा खेल रहा है जिसने ओलम्पिक में भारत का मान बढ़ाया है। 1928 में भारत ने हॉकी में अपना पहला पदक जीता था और 1980 तक जीतती रही थी, लेकिन 1980 के बाद 4 दशकों में भारतीय हॉकी खेलों के महाकुम्भ में पदक नहीं जीत सकी। भारत की पुरुष और महिला टीमों के मुख्य कोच रह चुके हरेंद्र सिंह को लगता है कि पुरुष टीम इस बार टोक्यो ओलंपिक से पदक जीतकर ही लौटेगी।

हरेंद्र ने गारंटी के साथ कहा "भारतीय पुरुष टीम इस बार पदक जीतकर ही लौटेगी।" हरेंदर ने हालांकि पदक के रंग को लेकर कुछ नहीं कहा। लेकिन हरेंद्र ने टीम के पोडियम फिनिश करने की बात को कबूला है। हरेंद्र ने महिला टीम के प्रदर्शन को लेकर भी सकारात्मकता दिखाई है।

भारत इस साल ओलम्पिक में अपने 100 साल पूरे कर रहा है। भारतीय इतिहास में हॉकी से बड़ी सफलता किसी और खेल ने ओलम्पिक में नहीं दिलाई। 100वें साल में क्या भारत हॉकी में चार दशक के सूखे को तोड़ पाएगा? इस संबंध में जब आईएएनएस ने हरेंद्र से सवाल किया तो उन्होंने पूरे आत्मविश्वास से कहा "जिंग्स टूट सकता है कि नहीं, इस बार टूटेगा ही।"

अपने दावे को लेकर तथ्यात्मक तरीके से कारण बताते हुए हरेंद्र ने कहा "वो इसलिए, क्योंकि इसमें कई सारी चीजें हैं। एक कारण, 2018 से लेकर अभी तक इस टीम में निरंतरता है। दूसरा, 2018 से अब तक की यह भारत की सबसे फिट टीमों में से एक है। तीसरा, टीम में हमें जिस तरह के विशेषज्ञ चाहिए, मसलन पेनाल्टी कॉर्नर विशेषज्ञ, फर्स्ट रशर, पेनाल्टी कॉर्नर डिफेंड करने के विशेषज्ञ, गोलकीपर, डिफेंडर साथ ही स्ट्राइकर भी डिफेंडिंग की कला है, वो हैं।"

हरेंद्र ने दूसरी टीमों की तुलना में भी भारत को मजबूत बताया। उन्होंने कहा "अन्य टीमें जो हैं, कोरिया लगभग ओलम्पिक से बाहर है। न्यूजीलैंड रिडवलपमेंट के दौर से गुजर रही है। जर्मनी बीते 2 - 3 साल से अच्छा नहीं कर रही है। अर्जेंटीना के खिलाड़ी ओवर द हिल्स पहुंच चुके हैं। आस्ट्रेलिया एक चुनौती है लेकिन हम उनके बराबर के हैं। भारत और आस्ट्रेलिया के मैच में दिन-विशेष पर कौन जीतेगा ये कहा नहीं जा सकता। मैं यह भी कह सकता हूं कि विश्व कप के बाद बेल्जियम भी संघर्ष कर रही है। हां एक टीम जो सबसे बड़ा खतरा होगी वो है होलैंड। अन्यथा विश्व हॉकी का स्तर नीचे गया है और इसी दौरान भारत ने अपना स्तर उठाया है। यह विश्व कप में भी देखने को मिला।"

उन्होंने कहा, "मैंने जो आक्रमक खेल शुरू किया था वही मौजूदा कोच ग्राहम रीड ने भी जारी रखा है। इसलिए मैं यह कह सकता हूं कि टोक्यो ओलम्पिक हम एक पदक जरूर लेकर आएंगे, अब वो पदक कौन सा होगा ये मैं नहीं कह सकता लेकिन पदक जरूर आएगा,ये मेरी सौ फीसदी गारंटी है।"

भारतीय पुरुष हॉकी टीम तो लगातार ओलम्पिक खेलती आई है सिवाए 2008 के लेकिन महिला हॉकी टीम का यह तीसरा ओलम्पिक होगा और वो अपने पहले पदक की रेस में होगी। हरेंद्र महिला टीम के भी कोच रह चुके हैं।

महिला टीम की ओलम्पिक में संभावनाओं को लेकर हरेंद्र ने कहा "अगर भारतीय महिला टीम शुरुआती 2 मैचों में अच्छा करेगी तो मैं गारंटी दे सकता हूं कि वह शीर्ष-4 या शीर्ष-6 में जरूर आएगी। मैंने इस टीम के साथ काम किया है। इसकी गोलकीपिंग अच्छी है और टीम फिटनेस के मामले में भी अच्छी हो गई है। पिछले ओलम्पिक में हम सिर्फ खेलने गए थे, लेकिन इस ओलम्पिक में हम डार्कहॉर्स बनकर जाएंगे यह निश्चित है। अपने दिन यह टीम किसी को भी हरा सकती है।"

हरेंद्र ने भारत के पुरुष टीम के डिफेंस की तारीफ की और कहा "टीम के पास अच्छे डिफेंडर है। डिफेंस में गोलकीपर की भी अहम भूमिका होती है। पुरुष टीम के पास विश्व के दिग्गज गोलकीपरों में से एक पीआर. श्रीजेश है, लेकिन उनके बाद कोई बड़ा नाम नहीं दिखता है। हरेंदर को हालांकि लगता है कि कृष्णा पाठक एक शानदार गोलकीपर हैं जो श्रीजेश के बैकअप के तौर पर मुफीद है।"

उन्होंने कहा "मुझे लगता है कि कृष्णा पाठक शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार है। जब भी उन्हें मौका मिलता है तो वह अच्छा खेलते हैं। तो श्रीजेश की गैरमौजूदगी में कृष्णा कभी भी किसी भी स्थिति में टीम के लिए खेलने के लिए मुफीद गोलकीपर हैं।"

(आईएएनएस)

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