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शतरंज टूर्नामेंट फॉर्मेट में लगातार बदलाव से नाखुश हैं विश्वनाथन आनंद
कोलकाता। पांच बार के विश्व चैंपियन और भारत के दिग्गज शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद खेल के प्रारूप में होने वाले लगातार बदलावों से नाखुश हैं। उनका कहना है कि उन्हें यह बेकार लगते हैं। आनंद ने यहां टाट स्टील शतरंज प्रतियोगिता-2018 में रेपिड एंड ब्लिट्ज प्रतिस्पर्धा के पहले दिन का अंत पेंटला हरिकृष्णा के साथ 5/9 के स्कोर के साथ किया।
आनंद ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हो सकता है कि वह दिन आए जब एक दिन में तीन सत्र हों जिनमें पहले क्लासिकल सेशन, उसके बाद ब्लिट्ज सेशन और फिर रेपिड सेशन हों। रेपिड फॉर्मेट में आनंद ने सातवें स्थान के साथ अंत किया।
उन्होंने आठ ड्रॉ मैच खेले और एक मैच में स्थानीय खिलाड़ी सूर्या शेखर गांगुली ने उन्हें अप्रत्याशित मात दी। 48 साल के आनंद ने कहा कि लेकिन, अभी लगातार हो रही उथल पुथल को मैं बेकार महसूस कर रहा हूं, लेकिन यह ऐसा ही है।
आरएफवाईएस नेशनल एथलेटिक्स चैंपियनशिप की मेजबानी करेगी मुंबई
आनंद ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हो सकता है कि वह दिन आए जब एक दिन में तीन सत्र हों जिनमें पहले क्लासिकल सेशन, उसके बाद ब्लिट्ज सेशन और फिर रेपिड सेशन हों। रेपिड फॉर्मेट में आनंद ने सातवें स्थान के साथ अंत किया।
उन्होंने आठ ड्रॉ मैच खेले और एक मैच में स्थानीय खिलाड़ी सूर्या शेखर गांगुली ने उन्हें अप्रत्याशित मात दी। 48 साल के आनंद ने कहा कि लेकिन, अभी लगातार हो रही उथल पुथल को मैं बेकार महसूस कर रहा हूं, लेकिन यह ऐसा ही है।
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