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रणजी क्वार्टर फाइनल में DRS के न होने से अंपायरिंग प्रभावित नहीं होगी : करीम
नई दिल्ली। बीसीसीआई ने कहा था कि रणजी ट्रॉफी के नॉकआउट दौर में अंपायर निर्णय समीक्षा प्रणाली (यूडीआरएस) का उपयोग किया जाएगा, लेकिन अब जब देश के सबसे बड़े टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल करीब है तब पता चला है कि इन मैचों में यूडीआरएस तकनीक का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। क्रिकेट संचालन के महाप्रबंधक सबा करीम हालांकि इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि डीआरएस के न होने से रणजी ट्रॉफी के आने वाले मैच में अंपायरिंग के स्तर पर असर नहीं पड़ेगा।
करीम ने आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा कि तकनीक के इस्तेमाल का जब सवाल आता है तो समानता एक बड़ी चीज है और इसलिए डीआरएस का इस्तेमाल सेमीफाइनल से किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमने कहा था कि हम डीआरएस को इस्तेमाल करने की संभावनाओं पर काम कर रहे हैं जो हमने किया। हम सभी टीमों में समानता लाना चाहते हैं। इसलिए हम इसे सेमीफाइनल से उपयोग में लाना चाहते हैं।
क्वार्टर फाइनल में सभी मैच टेलीविजन पर दिखाए नहीं जाएंगे। इसलिए हम डीआरएस ला नहीं सकते थे। रणजी ट्रॉफी के क्वार्टर फाइनल मैचों में सौराष्ट्र का सामना आंध्रप्रदेश से अंगोल में होगा। वहीं कर्नाटक का सामना मेजबान जम्मू एवं कश्मीर से जम्मू में होगा। कटक में ओडिश और बंगाल का मैच होगा। वहीं वाल्साड में गुजरात का सामना गोवा से होगा।
करीम ने आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा कि तकनीक के इस्तेमाल का जब सवाल आता है तो समानता एक बड़ी चीज है और इसलिए डीआरएस का इस्तेमाल सेमीफाइनल से किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमने कहा था कि हम डीआरएस को इस्तेमाल करने की संभावनाओं पर काम कर रहे हैं जो हमने किया। हम सभी टीमों में समानता लाना चाहते हैं। इसलिए हम इसे सेमीफाइनल से उपयोग में लाना चाहते हैं।
क्वार्टर फाइनल में सभी मैच टेलीविजन पर दिखाए नहीं जाएंगे। इसलिए हम डीआरएस ला नहीं सकते थे। रणजी ट्रॉफी के क्वार्टर फाइनल मैचों में सौराष्ट्र का सामना आंध्रप्रदेश से अंगोल में होगा। वहीं कर्नाटक का सामना मेजबान जम्मू एवं कश्मीर से जम्मू में होगा। कटक में ओडिश और बंगाल का मैच होगा। वहीं वाल्साड में गुजरात का सामना गोवा से होगा।
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