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U-19 विश्व कप : फाइनल में इन गलतियों के कारण 5वीं बार ट्रॉफी चूमने से चूकी भारतीय टीम
बांग्लादेश को मामूली लक्ष्य देने के बाद ऐसी उम्मीद की जा रही थी कि
भारतीय गेंदबाज कसी हुई गेंदबाजी करेंगे और बांग्लादेश के बल्लेबाजों को
आसानी से रन नहीं देंगे। लेकिन बल्लेबाजों की विफलता को गेंदबाजों ने भी
जारी रखा और 33 रन अतिरिक्त खर्च कर डाले। अगर देखा जाए तो बांग्लादेश ने
19.41 प्रतिशत रन अतिरिक्त रनों के रूप में बटोरे।
भारत ने फाइनल से पहले कम ही अतिरिक्त रन खर्च किए थे। उसने श्रीलंका के खिलाफ 19, न्यूजीलैंड के खिलाफ 18, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 13 और पाकिस्तान के खिलाफ 12 रन एक्सट्रा दिए थे। लेकिन फाइनल में 33 रन एक्सट्रा खर्च करना उसे काफी महंगा पड़ गया, जिसके कारण वह अपने खिताब का बचाव नहीं कर पाया। भारत ने एक समय 102 रन तक बांग्लादेश के छह विकेट आउट कर दिए थे और उसके पास बांग्लादेश के ऊपर दबाव बनाने का अच्छा मौका था।
लेकिन कप्तान प्रियम द्वारा सही से अपने गेंदबाजों का इस्तेमाल न करना टीम के लिए घातक साबित हुआ। स्पिनर रवि बिश्नाई ने अपने पहले ही ओवर में भारत को सफलता दिला दी थी और फिर अगले छह ओवर में उसने बांग्लादेश के तीन और विकेट निकालकर भारत को मैच में वापस ला दिया था।
लेकिन कप्तान ने सात ओवर के बाद बिश्नोई को गेंदबाजी मोर्चे से हटा लिया, जिससे बांग्लादेश के ऊपर से दबाव कम हो गया। जब आप छोटे से स्कोर का बचाव करते हैं तो लगातार विकेट हासिल करते रहने के लिए आपको विपक्षी टीम पर लगातार दबाव बनाए रखना पड़ता है। लेकिन भारतीय टीम इसमें विफल रहे।
भारत ने फाइनल से पहले कम ही अतिरिक्त रन खर्च किए थे। उसने श्रीलंका के खिलाफ 19, न्यूजीलैंड के खिलाफ 18, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 13 और पाकिस्तान के खिलाफ 12 रन एक्सट्रा दिए थे। लेकिन फाइनल में 33 रन एक्सट्रा खर्च करना उसे काफी महंगा पड़ गया, जिसके कारण वह अपने खिताब का बचाव नहीं कर पाया। भारत ने एक समय 102 रन तक बांग्लादेश के छह विकेट आउट कर दिए थे और उसके पास बांग्लादेश के ऊपर दबाव बनाने का अच्छा मौका था।
लेकिन कप्तान प्रियम द्वारा सही से अपने गेंदबाजों का इस्तेमाल न करना टीम के लिए घातक साबित हुआ। स्पिनर रवि बिश्नाई ने अपने पहले ही ओवर में भारत को सफलता दिला दी थी और फिर अगले छह ओवर में उसने बांग्लादेश के तीन और विकेट निकालकर भारत को मैच में वापस ला दिया था।
लेकिन कप्तान ने सात ओवर के बाद बिश्नोई को गेंदबाजी मोर्चे से हटा लिया, जिससे बांग्लादेश के ऊपर से दबाव कम हो गया। जब आप छोटे से स्कोर का बचाव करते हैं तो लगातार विकेट हासिल करते रहने के लिए आपको विपक्षी टीम पर लगातार दबाव बनाए रखना पड़ता है। लेकिन भारतीय टीम इसमें विफल रहे।
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