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अपने एकमात्र टेस्ट शतक बोले कुंबले, वह बहुत खास था
बेंगलुरु। पूर्व भारतीय कप्तान और कोच अनिल कुंबले ने कहा है कि उनका एकमात्र टेस्ट शतक उनके लिए बहुत ही खास था। भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक विकेट लेने का रिकॉर्ड अपने नाम रखने वाले कुंबले के नाम एक टेस्ट शतक भी दर्ज हैं, जोकि उन्होंने 2007 में ओवल में इंग्लैंड के खिलाफ बनाया था। कुंबले ने भारतीय स्टार आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के साथ यूट्यूब चैट शो 'डीआएस विद एश' में कहा, " निश्चित रूप से शतक बहुत खास था क्योंकि मैंने इसकी कोशिश की थी। मैंने पहले मैच से ही कोशिश की थी और यह मुझे 117वें टेस्ट में जाकर हासिल हुआ। तो यह शायद मेरे लिए भी अनुमान था। अनुमान यही था कि गेंदबाज क्या करेगा और फिर मुझे 117वें टेस्ट मैच में सभी अनुमान सही लगे।"
उन्होंने कहा, " अगर आप ड्रेसिंग रूम को देखें तो मुझसे ज्यादा मेरे टीम साथी खुश थे। मुझे लगता है कि लक्ष्मण मेरे शतक का जश्न बनाने के लिए गिर गए थे।"
कुंबले ने आगे कहा, " मैं जानता था कि दूसरे छोर पर मेरे साथ अंतिम खिलाड़ी खड़ा था। श्रीसंत अतिम छोर पर अंतिम खिलाड़ी के रूप में खड़े थे। मैंने उनके साथ करीब 30 रन बनाए थे। मुझे पता था कि उन्होंने तीसरी या चौथी नई गेंद ली है, मुझे याद नहीं है। इसलिए मुझे पता था कि मुझे रन बनाने हैं और श्रीसंत को स्ट्राइक नहीं देना है।"
पूर्व कप्तान ने कहा, " इसलिए मैं कोशिश कर रहा था कि मैं कोशिश कर रहा था कि मैं केविन पीटरसन के बाद शॉट खेलने के लिए बाहर निकलूं। केपी ने इसे वाइड कर दिया। मेरे पास एक स्विंग थी। मुझे कि गेंद ने बल्ले का किनारा ले लिया है और इससे पहले स्टीव बकनर ने इसे बाई दे दिया। मैंने अपना हाथ ऊपर रखा और मैं कह सकता हूं कि मैंने शतक बना लिया।" (आईएएनएस)
उन्होंने कहा, " अगर आप ड्रेसिंग रूम को देखें तो मुझसे ज्यादा मेरे टीम साथी खुश थे। मुझे लगता है कि लक्ष्मण मेरे शतक का जश्न बनाने के लिए गिर गए थे।"
कुंबले ने आगे कहा, " मैं जानता था कि दूसरे छोर पर मेरे साथ अंतिम खिलाड़ी खड़ा था। श्रीसंत अतिम छोर पर अंतिम खिलाड़ी के रूप में खड़े थे। मैंने उनके साथ करीब 30 रन बनाए थे। मुझे पता था कि उन्होंने तीसरी या चौथी नई गेंद ली है, मुझे याद नहीं है। इसलिए मुझे पता था कि मुझे रन बनाने हैं और श्रीसंत को स्ट्राइक नहीं देना है।"
पूर्व कप्तान ने कहा, " इसलिए मैं कोशिश कर रहा था कि मैं कोशिश कर रहा था कि मैं केविन पीटरसन के बाद शॉट खेलने के लिए बाहर निकलूं। केपी ने इसे वाइड कर दिया। मेरे पास एक स्विंग थी। मुझे कि गेंद ने बल्ले का किनारा ले लिया है और इससे पहले स्टीव बकनर ने इसे बाई दे दिया। मैंने अपना हाथ ऊपर रखा और मैं कह सकता हूं कि मैंने शतक बना लिया।" (आईएएनएस)
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