Sports world expects of better changes and new policies from new sports minister-m.khaskhabar.com
×
khaskhabar
Mar 29, 2024 5:46 am
Location
Advertisement

नए खेल मंत्री से बेहतर बदलावों और नई नीतियों की अपेक्षा कर रहा खेल जगत

khaskhabar.com : सोमवार, 03 जून 2019 4:01 PM (IST)
नए खेल मंत्री से बेहतर बदलावों और नई नीतियों की अपेक्षा कर रहा खेल जगत
नई दिल्ली । नरेंद्र मोदी प्रचंड बहुमत के साथ दोबारा सत्ता में आए तो खेल जगत को उम्मीद थी कि खेलों से जुड़े किसी व्यक्ति को ही खेल मंत्रालय का जिम्मा सौंपा जाएगा लेकिन अपने हैरान करने वाले फैसलों के लिए विख्यात प्रधानमंत्री ने यह जिम्मेदारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में पूर्वोत्तर का चेहरा कहे जाने वाले युवा नेता किरण रिजिजू को यह जिम्मेदारी सौंपकर सबको हैरान कर दिया।

खेल मंत्रालय हमेशा से स्वतंत्र प्रभार में रहा है। भाजपा के नेतृत्व वाली पुरानी सरकार में कर्नल (रिटायर्ड) राज्यवर्धन सिंह राठौर थे। वह जयपुर से चुनाव जीते तो लगा कि दोबारा वही खेल मंत्री बनाए जाएंगे। यह भी आशा थी कि अगर प्रधानमंत्री इस महकम में बदलाव करेंगे तो दिल्ली से चुने गए पूर्व क्रिकेटर गौतम गम्भीर या बीसीसीआई अध्यक्ष रह चुके हिमाचल के सांसद अनुराग ठाकुर को यह जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, लेकिन हुआ इसके उलट।

रिजिजू एनडीए सरकार की पहली पारी में गृह राज्य मंत्री रह चुके हैं और खेलों से भी जुड़े रहे हैं। उन्हें कई बार खेल संबंधी कार्यक्रमों में शिरकत करते देखा गया। अब जब रिजिजू ने यह कार्यभार संभाल लिया तो खेल जगत आस लगाए बैठा है कि वह अपने पूर्ववर्ती के अच्छे कार्यों को आगे बढ़ाएंगे और कुछ नई खेल नीतियां लेकर आएंगे, जिससे खेल और खिलाडिय़ों का भला हो सके।

कई खिलाडिय़ों और अधिकारियों ने नए खेल मंत्री से मिलने का समय मांगा है ताकि उनके सामने वे अपनी बात रख सकें और परेशानियों से खेल मंत्री को अवगत करा सकें। साथ ही सुझाव भी दे सकें।

इनमें से ही एक हैं भारत के पुरुष मुक्केबाज मनोज कुमार। मनोज ने आईएएनएस से कहा कि उन्हें रिजिजू से काफी उम्मीदें हैं और उन्होंने खेल मंत्री से मिलने का समय भी मांगा है। मनोज ने कहा, ÞÞ मुझे रिजिजू से काफी उम्मीदें हैं। मैंन अपने बड़े भाई से मेल करवाया है और मिलने का समय मांगा है। अभी तक तो कोई जबाव नहीं आया, लेकिन उम्मीद है आ जाएगा। मैं अपने लिए कुछ नहीं मांगना चाहता। मैं सभी खिलाडिय़ों के भले के लिए चाहता हू कि जिस तरह दिल्ली में हर राज्य के भवन है, उसी तरह खेल भवन भी बनाया जाए और उसमें सभी सुविधाएं हो ताकि खिलाडिय़ों के लिए अच्छा होगा क्योंकि जब भी कोई बड़े खेलों के लिए खिलाडिय़ों को बाहर जाना पड़ता तो सभी दिल्ली आते हैं होटलों में रूकते हैं। मैं चाहता हूं कि खेल भवन हो जहां अच्छा खाना हो, स्वीमिंग पूल हो, वेट ट्रेेनिंग की सुविधाएं हों ताकि खिलाड़ी जब बाहर जाएं तो एक-दो दिन वहां कर रुक कर जाएं। मैंने यह बात पूर्व खेल मंत्री (अब असम के मुख्यमंत्री) सवार्नंद सोनेवाल जी के सामने भी रखी थी लेकिन तब से कोई कार्रवाई नहीं हुई।ÞÞ

वहीं, राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली महिला पहलवान बबीता फोगाट को भी रिजिजू से उम्मीद है कि वह खिलाडिय़ों के लिए बेहतर करेंगे और खासकर उनकी स्वास्थ बीमा तथा फिटनेस संबंधी जरूरतों का ध्यान देंगे।

बबीता ने कहा, मुझे उम्मीद है कि वह खिलाडिय़ों के पहले से बेहतर काम करेगें और सभी प्रकार की सुविधाएं तथा मौके मुहैया कराएंगे। निजी तौर पर मैं चाहूंगी कि वह खिलाडिय़ों की हेल्थ पर ज्यादा ध्यान दें ताकि जब कोई चोटिल हो तो लाइफ इंश्योरेंस उसे मिलना चाहिए क्योंकि खिलाड़ी को चोटें लगती रहती हैं तो अगर उसके पास बीमा होगा तो खिलाड़ी को ईलाज कराने में फायदा होगा। वहीं महिला खिलाडिय़ों के लिए अलग से खेल अकादमी वो बना सकें तो बेहतर होगा साथ ही उन्हें जमीनी स्तर पर भी देखना चाहिए, क्योंकि खिलाड़ी जमीनी स्तर पर ही निकल कर आएंगे। अगर रिजिजू जमीनी स्तर पर काम करेंगे, अच्छी सुविधाएं देंगे तो अच्छे खिलाड़ी निकलेंगे।

वहीं, आस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में पिछले साल खेले गए राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने वाले निशानेबाज रवि कुमार को भी रिजिजू से बेहतर भविष्य मिलने की उम्मीद है लेकिन उनका साथ ही कहना है कि चूंकि ओलम्पिक पास में हैं और राठौर चीजों से वाकिफ थे, ऐसे में अगर राठौर ओलम्पिक तक बने रहते तो बेहतर होता।

रवि ने कहा, मैं एक-दो दिन पहले ही भारत लौटा हूं। मुझे पता चला कि रिजिजू को नया खेल मंत्री बनाया गया है। मुझे उम्मीद है कि राठौर जी ने जिस तरह के खेलों इंडिया और टॉप्स स्कीम को नए आयाम दिए वही रिजिजू भी करेंगे। साथ ही कुछ नई नीतियां लेकर आएंगे जिससे सभी को फायदा होगा और देश में खेल का माहौल बनेगा। हां, अगर राठौर जी ओलम्पिक तक बने रहते तो अच्छा होता क्योंकि सभी कुछ उनकी जानकारी में था कि क्या चल रहा, उन्हें खिलाडिय़ों के बारे में भी पता था, उन्हें पता था कि कौन खिलाड़ी कहां है, तो अगर वह होते तो थोड़ा बेहतर होता। ÞÞ

भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कोच हरेंदर सिंह ने हालांकि इस बात को नकारा है कि रिजिजू को दिक्कत आएगी क्योंकि कोच के मुताबिक रिजिजू पहले भी मंत्रालय संभाल चुके हैं, इसलिए उन्हें अनुभव है कि क्या-कैसे होता है।

हरेंदर ने कहा, राठौर जी ने काफी अच्छा काम किया था। चाहे वो खेलो इंडिया हो या टॉप्स हो। रिजिजू ने अपने पिछले मंत्रालय में भी शानदार काम किया था। वह युवा हैं। डायनामिक हैं। बिल्कुल राठौर जी की तरह। इसलिए मुझे लगता है कि जो चीजें अधूरी रह गई थीं उनको पूरा करने में रिजिजू पूरी तरह से सक्षम हैं। वह खुद फुटबाल खेल चुके हैं। वह युवा हैं यह हमारे लिए अहम है। एक युवा देश होने के नाते युवा खेल में आएं और खेल में आगे बढ़े। राठौर काफी काबिल थे लेकिन अब रिजिजू हैं और मुझे उन पर पूरा भरोसा है कि वह अच्छा काम करेंगे। रिजिजूजानते हैं कि मंत्रालय कैसे चलाते हैं। साई और महासंघों के साथ रिजिजू बेहतर करेंगे।

वहीं, भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) के सचिव आर.के. सचेती ने भी उम्मीद जताई है कि अतीत में जो कुछ मुद्दे खेल मंत्रालय के साथ उठे थे उनका रिजिजू जी समाधान करेंगे।

सचेती ने कहा, ÞÞहमें उनसे काफी उम्मीदे हैं। विश्व चैम्पियनशिप के समय जो मुद्दे कोसोवो को लेकर उठे थे, हमें उम्मीद है कि वह अब उस तरह के मुद्दे सुलझा लिए जाएंगे। वह खुद भी खिलाड़ी रहे हैं और खेलों से जुड़े रहे हैं। रिजिजू को पैशन है। उनकी रूचि खेलों में है। हम मिलकर काम करेंगे और उम्मीद है कि टोक्यो ओलम्पिक-2020 में हम अच्छा करेंगे।ÞÞ

रिजिजू की नियुक्ति और राठौर को खेल मंत्री बनाए रखने के सवाल पर सचेती ने कहा, ÞÞजो विभाग हमारा नहीं है, उस पर मैं कुछ टिप्पणी नहीं कर सकता। यह सिस्टम है। जो चीजें राठौर साहब ने चालू की थीं वह चलेंगी और हमारे सामने परिणाम आएंगे।ÞÞ

भारतीय फुटबाल टीम के कप्तान सुनील छेत्री, निशानेबाज अंजुम मोदगिल, धाविका दुती चंद, टेबल टेनिस स्टार मौमा दास, तीरंदाज अमन सैनी जैसे केई अन्य खिलाडिय़ों को भी रिजिजू से सकारात्मक बदलाव और बेहतर खेल माहौल तैयार करने की उम्मीदे हैं।

रिजिजू 2014 से सत्तासीन मोदी सरकार में पांचवें खेल मंत्री हैं। सबसे पहले मोदी ने यह जिम्मेदारी सोनोवाल को दी थी। इसके बाद अल्पकाल के लिए जीतेंद्र सिंह खेल मंत्री बनाए गए। इसके बाद मंत्रीमंडल में जो बदलाव हुए, उसके बाद विजय गोयल खेल मंत्री बने और फिर अपने पहले कार्यकाल के अंतिम साल में मोदी ने एथेंस ओलम्पिक में निशानेबाजी में रजत जीतने वाले राठौर को यह जिम्मेदारी सौंपी थी।
(आईएएनएस)

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

Advertisement
Khaskhabar.com Facebook Page:
Advertisement
Advertisement