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बेहतरीन फॉर्म में हैं सरफराज, हाल ही तोड़ा था लक्ष्मण का रिकॉर्ड, पढ़ें पूरा इंटरव्यू
नई दिल्ली। एक समय था जब सरफराज खान का नाम चर्चा में रहता था। बचपन में हैरिस शील्ड में 439 रन बनाने के बाद सरफराज के हिस्से कई सफलताएं आईं, जिनमें से एक भारत की अंडर-19 टीम के लिए विश्व कप खेलना भी रहा, लेकिन कुछ समय बाद यह बल्लेबाज गायब सा हो गया। 22 वर्षीय सरफराज ने अब वापसी की है वह भी बल्ले से ताबड़तोड़ रन करने के बाद। मुंबई के लिए खेलते हुए दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने तीन मैचों में बिना आउट हुए 605 रन बनाए और इसी के साथ वीवीएस लक्ष्मण को पीछे छोड़ा।
सरफराज प्रथम श्रेणी क्रिकेट में बिना आउट हुए लगातार सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाडिय़ों की सूची में शामिल हो गए हैं। सरफराज ने इस सीजन रणजी ट्रॉफी की नौ पारियों में कुल 928 रन बनाए। इसमें उत्तर प्रदेश के खिलाफ लगाया गया तिहरा शतक और फिर हिमाचल प्रदेश के खिलाफ लगाया गया दोहरा शतक भी शामिल है। उत्तर प्रदेश के खिलाफ वे 301 रन बनाकर नाबाद लौटे थे और इसी मैच के बाद हिमाचल प्रदेश के खिलाफ भी वे 226 रन बनाकर नाबाद लौटे थे।
इन दोनों मैचों के बाद सरफराज ने सौराष्ट्र के खिलाफ 78 रनों की पारी खेली, जिसमें वे अंतत: आउट हुए। इन पारियों ने सरफराज को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया। इस ड्रीम रन का जब सरफराज से कारण पूछा गया तो उन्होंने आईएएनएस से कहा कि मैंने कूलिंग ऑफ पीरियड में ट्रेनिंग पर ज्यादा समय बिताया, ग्राउंड पर ज्यादा समय बिताया। इस दौरान मुझे अपने आपको समझने का मौका मिला। मैंने प्रक्रिया का पालन किया जो सफल रहा और मैं रन कर सका।
सरफराज मुंबई से खेल रहे थे, लेकिन पिता और कोच नौशाद के कहने पर वे 2015 में उत्तर प्रदेश चले गए, ताकि उन्हें बेहतर मौके मिल सकें, लेकिन जब बात नहीं बनी तो सरफराज ने मुंबई लौटने का फैसला किया और इसके बाद वे कूलिंग ऑफ पीरियड में गए जहां उन्होंने अपने आपको नया रूप दिया। सरफराज ने कहा, छोटेपन में अच्छा कर रहा था। बाद में अच्छा कर नहीं पा रहा, मुझे मौके नहीं मिल रहे थे। इसलिए अपने मौके का, समय का इंतजार कर रहा था।
प्रैक्टिस कर रहा था। मुंबई वापस आने का कारण पूछने पर सरफराज ने कहा, बचपन से मुंबई के लिए खेला हूं लेकिन बीच में उत्तर प्रदेश गया। वापस मुंबई लौटकर आया। मुझे लग रहा था कि मुंबई से मेरा करियर बन सकता है। मुंबई लौटने का फैसला मेरा था। यूपी टीम मुझे खेला नहीं रही थी तो मेरे पास कोई विकल्प बचा नहीं था।
सरफराज प्रथम श्रेणी क्रिकेट में बिना आउट हुए लगातार सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाडिय़ों की सूची में शामिल हो गए हैं। सरफराज ने इस सीजन रणजी ट्रॉफी की नौ पारियों में कुल 928 रन बनाए। इसमें उत्तर प्रदेश के खिलाफ लगाया गया तिहरा शतक और फिर हिमाचल प्रदेश के खिलाफ लगाया गया दोहरा शतक भी शामिल है। उत्तर प्रदेश के खिलाफ वे 301 रन बनाकर नाबाद लौटे थे और इसी मैच के बाद हिमाचल प्रदेश के खिलाफ भी वे 226 रन बनाकर नाबाद लौटे थे।
इन दोनों मैचों के बाद सरफराज ने सौराष्ट्र के खिलाफ 78 रनों की पारी खेली, जिसमें वे अंतत: आउट हुए। इन पारियों ने सरफराज को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया। इस ड्रीम रन का जब सरफराज से कारण पूछा गया तो उन्होंने आईएएनएस से कहा कि मैंने कूलिंग ऑफ पीरियड में ट्रेनिंग पर ज्यादा समय बिताया, ग्राउंड पर ज्यादा समय बिताया। इस दौरान मुझे अपने आपको समझने का मौका मिला। मैंने प्रक्रिया का पालन किया जो सफल रहा और मैं रन कर सका।
सरफराज मुंबई से खेल रहे थे, लेकिन पिता और कोच नौशाद के कहने पर वे 2015 में उत्तर प्रदेश चले गए, ताकि उन्हें बेहतर मौके मिल सकें, लेकिन जब बात नहीं बनी तो सरफराज ने मुंबई लौटने का फैसला किया और इसके बाद वे कूलिंग ऑफ पीरियड में गए जहां उन्होंने अपने आपको नया रूप दिया। सरफराज ने कहा, छोटेपन में अच्छा कर रहा था। बाद में अच्छा कर नहीं पा रहा, मुझे मौके नहीं मिल रहे थे। इसलिए अपने मौके का, समय का इंतजार कर रहा था।
प्रैक्टिस कर रहा था। मुंबई वापस आने का कारण पूछने पर सरफराज ने कहा, बचपन से मुंबई के लिए खेला हूं लेकिन बीच में उत्तर प्रदेश गया। वापस मुंबई लौटकर आया। मुझे लग रहा था कि मुंबई से मेरा करियर बन सकता है। मुंबई लौटने का फैसला मेरा था। यूपी टीम मुझे खेला नहीं रही थी तो मेरे पास कोई विकल्प बचा नहीं था।
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