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पढ़ें, रणजी व ईरानी कप चैंपियन विदर्भ के कोच चंद्रकांत पंडित का इंटरव्यू
पंडित के मुताबिक, मैं इस शानदार सफर के लिए एक और शख्स को श्रेय देना
चाहूंगा वो हैं वसीम जाफर। जाफर ने खिलाडिय़ों को मेरे और मुझे खिलाडिय़ों के
बारे में अवगत कराया। उनकी मदद मेरे लिए बहुत जरूरी थी क्योंकि हम दोनों
एक ही कल्चर से आते हैं। जहां हमें सिखाया गया है कि खड़ूसनेस क्या होती
है। जहां हमें सिखाया गया है कि आप क्रिकेट खेलते हो तो जीतने के लिए लेकिन
इससे भी ज्यादा जो बात मायने रखती है वो यह है कि आप कैसे क्रिकेट खेलते
हो।
अपनी और जाफर की जोड़ी के बारे में पंडित ने आगे कहा, मैं जब मुंबई का कोच था तब वसीम मेरे साथ थे। वे मेरे बारे में जानते हैं, इसलिए उन्होंने खिलाडिय़ों को मुझे समझने में मदद की। वे अनुभवी हैं। उनके पास जानकारी भी है। वे युवा खिलाडिय़ों को मैच संबंधी सलाह भी देते हैं। इस तरह उन्होंने एक काफी अहम रोल निभाया है। उन्होंने कहा, कई बार खिलाड़ी मेरे पास आने में डरते थे तो वे वसीम के पास जाते थे। वसीम ने हमेशा खिलाडिय़ों के संदेश मुझ तक पहुंचाए हैं कि वे किस तरह का महसूस कर रहे हैं।
इससे मुझे खिलाडिय़ों को समझने में मदद मिली है और फिर मैंने खिलाडिय़ों को अपने कमरे में बुलाकर उनसे बात की है और उन्हें आत्मविश्वास दिया। पंडित कप्तान फैज फजल का योगदान भी नहीं भूलते। पंडित ने कहा, जाफर के अलावा फजल ने भी बड़ा रोल अदा किया। यह दोनों मेरे लिए ओल्डर शिप की तरह हैं। क्योंकि इन्होंने आश्वस्त किया कि टीम एक साथ रहे, सिस्टम एक साथ काम करे, जो हो एक प्रक्रिया से हो।
यह चीजें थी जो वसीम और फैज ने टीम में स्थापित करने में मदद की। इससे युवा खिलाडिय़ों को फायदा हुआ। धीरे-धीरे इस सिस्टम ने टीम में जगह बना ली और फिर हार न मानने की मानसिकता टीम में आ गई। उन्होंने कहा, मैं टीम मीटिंग में आदेश दे रहा था और काफी सख्त भी था। कई बार आपको सख्त को होना होता है, तो कई बार आपको एक दोस्त की तरह बात करनी होती है। जब टीम ने जीतना शुरू कर दिया तो उन्होंने विश्वास भी करना शुरू कर दिया है कि वह जीत सकते हैं।
(IANS)
अपनी और जाफर की जोड़ी के बारे में पंडित ने आगे कहा, मैं जब मुंबई का कोच था तब वसीम मेरे साथ थे। वे मेरे बारे में जानते हैं, इसलिए उन्होंने खिलाडिय़ों को मुझे समझने में मदद की। वे अनुभवी हैं। उनके पास जानकारी भी है। वे युवा खिलाडिय़ों को मैच संबंधी सलाह भी देते हैं। इस तरह उन्होंने एक काफी अहम रोल निभाया है। उन्होंने कहा, कई बार खिलाड़ी मेरे पास आने में डरते थे तो वे वसीम के पास जाते थे। वसीम ने हमेशा खिलाडिय़ों के संदेश मुझ तक पहुंचाए हैं कि वे किस तरह का महसूस कर रहे हैं।
इससे मुझे खिलाडिय़ों को समझने में मदद मिली है और फिर मैंने खिलाडिय़ों को अपने कमरे में बुलाकर उनसे बात की है और उन्हें आत्मविश्वास दिया। पंडित कप्तान फैज फजल का योगदान भी नहीं भूलते। पंडित ने कहा, जाफर के अलावा फजल ने भी बड़ा रोल अदा किया। यह दोनों मेरे लिए ओल्डर शिप की तरह हैं। क्योंकि इन्होंने आश्वस्त किया कि टीम एक साथ रहे, सिस्टम एक साथ काम करे, जो हो एक प्रक्रिया से हो।
यह चीजें थी जो वसीम और फैज ने टीम में स्थापित करने में मदद की। इससे युवा खिलाडिय़ों को फायदा हुआ। धीरे-धीरे इस सिस्टम ने टीम में जगह बना ली और फिर हार न मानने की मानसिकता टीम में आ गई। उन्होंने कहा, मैं टीम मीटिंग में आदेश दे रहा था और काफी सख्त भी था। कई बार आपको सख्त को होना होता है, तो कई बार आपको एक दोस्त की तरह बात करनी होती है। जब टीम ने जीतना शुरू कर दिया तो उन्होंने विश्वास भी करना शुरू कर दिया है कि वह जीत सकते हैं।
(IANS)
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