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सायना के खिलाफ होने वाले मुकाबलों को ऐसा लेती हैं सिंधु
नई दिल्ली। गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में सायना नेहवाल के हाथों फाइनल में हारने वाली पीवी सिंधु ने शनिवार को कहा कि उन्होंने इस मुकाबले में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था, लेकिन खिताब न जीत पाना उनके लिए दुर्भाग्यपूर्ण रहा। सिंधु को महिला एकल फाइनल में हमवतन सायना के हाथों सीधे गेमों में 18-21, 21-23 से हार का सामना करना पड़ा था।
सिधु, सायना और भारतीय बैडमिंटन टीम के राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद को यहां भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की ) की महिला संगठन (एफएलओ) ने गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में उनके शानदार प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया। इस अवसर पर सिंधु और सायना के पिता भी मौजूद थे। सिंधु ने सम्मान समारोह से इतर संवाददाताओं से कहा, फाइनल में मिली हार से निराश हूं लेकिन यह एक अच्छा मैच था क्योंकि मैंने इसमें अपना सर्वश्रेष्ट प्रदर्शन दिया था। मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं। मुझे यकीन है कि अगले राष्ट्रमंडल खेलों में इससे अच्छा होगा।
यह पूछे जाने पर कि सायना के खिलाफ होने वाले मैचों को वे किस तरह से देखती हैं, रियो ओलम्पिक की रजत पदक विजेता ने कहा कि मेरा मानना है कि सायना के खिलाफ होने वाले मैचों को भी मैं अन्य मैचों की तरह ही लेती हूं। उनके खिलाफ खेलना चुनौतीपूर्ण होता है लेकिन खेल में प्रतिद्वंद्विता होनी चाहिए, यह खेल के लिए अच्छा है। जब भी हम कोर्ट पर होंगे तो आक्रामक खेलेंगे।
सिधु, सायना और भारतीय बैडमिंटन टीम के राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद को यहां भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की ) की महिला संगठन (एफएलओ) ने गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में उनके शानदार प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया। इस अवसर पर सिंधु और सायना के पिता भी मौजूद थे। सिंधु ने सम्मान समारोह से इतर संवाददाताओं से कहा, फाइनल में मिली हार से निराश हूं लेकिन यह एक अच्छा मैच था क्योंकि मैंने इसमें अपना सर्वश्रेष्ट प्रदर्शन दिया था। मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं। मुझे यकीन है कि अगले राष्ट्रमंडल खेलों में इससे अच्छा होगा।
यह पूछे जाने पर कि सायना के खिलाफ होने वाले मैचों को वे किस तरह से देखती हैं, रियो ओलम्पिक की रजत पदक विजेता ने कहा कि मेरा मानना है कि सायना के खिलाफ होने वाले मैचों को भी मैं अन्य मैचों की तरह ही लेती हूं। उनके खिलाफ खेलना चुनौतीपूर्ण होता है लेकिन खेल में प्रतिद्वंद्विता होनी चाहिए, यह खेल के लिए अच्छा है। जब भी हम कोर्ट पर होंगे तो आक्रामक खेलेंगे।
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