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सिंधु ने किया मीटू अभियान का समर्थन, ज्वाला के बयान से किनारा
उन्होंने कहा, लेकिन जब वह शख्स मुझे परेशान नहीं कर सके तो उन्होंने मेरे
साथियों को डराया, उन्हें प्रताडि़त किया.. और सुनिश्चित किया कि वे मुझे
हर तरह से अकेला कर दें.. रियो के बाद.. जिसके साथ मैं मिश्रित युगल का मैच
खेलने वाली थी उसे भी डराया गया और मुझे टीम से बाहर कर दिया गया। सिंधु
ने सखी सर्विस की तारीफ करते हुए कहा, यह शानदार पहल है।
जब हम महिलाओं की बात करते हैं तो वे रात में बाहर जाने, देर रात तक काम करने और अपने सपनों के पीछे भागने से डरती हैं। यह अच्छी बात है कि वोडाफोन सखी इस तरह की आपातकालीन सेवा लेकर आया है। उन्होंने कहा, देश में अब काफी बदलाव हो रहे हैं। हम महिलाओं को बहादुर होने की जरूरत है। हम अपने सपने सच कर सकती हैं और हमें किसी से डरने की जरूरत नहीं है।
जब हम महिलाओं की बात करते हैं तो वे रात में बाहर जाने, देर रात तक काम करने और अपने सपनों के पीछे भागने से डरती हैं। यह अच्छी बात है कि वोडाफोन सखी इस तरह की आपातकालीन सेवा लेकर आया है। उन्होंने कहा, देश में अब काफी बदलाव हो रहे हैं। हम महिलाओं को बहादुर होने की जरूरत है। हम अपने सपने सच कर सकती हैं और हमें किसी से डरने की जरूरत नहीं है।
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