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PKL-7 : पहले खिताब के लिए आज आमने-सामने होंगे दिल्ली और बंगाल

अहमदाबाद। प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) के सातवें सीजन में लीग को एक नया चैम्पियन मिलना तय है क्योंकि आज होने वाले फाइनल मुकाबले में दो ऐसी टीमों ने जगह बनाई हैं जो पहली बार खिताबी मुकाबला खेलेंगी। दबंग दिल्ली और बंगाल वॉरियर्स यहां के ट्रांस्टेडिया स्थित ईका एरेना में सातवें सीजन की ट्रॉफी उठाना चाहेंगी।
दोनों टीमें लीग चरण में शीर्ष-2 स्थान पर रहते हुए सेमीफाइनल में पहुंची थी।
दिल्ली ने पहले सेमीफाइनल में एलिमिनेटर से आई मौजूदा विजेता बेंगलुरू बुल्स को मात दे पहली बार फाइनल में जगह बनाई थी जबकि बंगाल ने यू-मुम्बा को परास्त कर पहली बार खिताबी मुकाबले में कदम रखा।
दिल्ली ने पूरे सीजन दमदार प्रदर्शन किया और यह लीग के अभी तक के इतिहास में उसका सबसे दमदार प्रदर्शन भी है। इसका बहुत बड़ा श्रेय नवीन कुमार को जाता है जो अभी तक 21 सुपर-10 लगा चुके हैं। एक बार फिर नवीन पर दिल्ली का दारोमदार होगा और बंगाल की रणनीति में वह अहम बिंदु रहेंगे।
दिल्ली की सफलता में हालांकि अकेले नवीन का योगदान नहीं हैं। रेडिंग में चंद्रन रंजीत और विजय ने भी उनका बखूबी साथ दिया है।
डिफेंडिंग में दिल्ली की जिम्मेदारी रवींद्र पहल पर रहेगी जो टीम के लिए सबसे ज्यादा टैकल अंक लेने वाले खिलाड़ी रहे हैं। रवींद्र ने इस सीजन 59 टैकल अंक लिए हैं। विशाल माने और अनिल कुमार, जोगिंदर नरवाल दिल्ली के डिफेंस को मजबूती देंगे।
बंगाल के लिए एक बुरी खबर यह है कि उसके कप्तान मनिंदर फाइनल में भी नहीं खेल पाएंगे। सेमीफाइनल में कप्तान के बिना उतरी बंगाल ने जीत हासिल की थी लेकिन खिताबी मुकाबले में दिल्ली जैसी मजबूत टीम के सामने मनिंदर का न होना उसके लिए परेशानी का सबब बन सकता है। बंगाल की इस कमी को दिल्ली भुनाने की पूरी कोशिश करेगी।
उनकी गैरमौजूदगी में सुकेश हेगड़े, के. प्रपंजन और मोहम्मद नबीबक्श की जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं। डिफेंडिंग में बलदेव सिंह बंगाल की मजबूत कड़ी होंगे। (आईएएनएस)
दोनों टीमें लीग चरण में शीर्ष-2 स्थान पर रहते हुए सेमीफाइनल में पहुंची थी।
दिल्ली ने पहले सेमीफाइनल में एलिमिनेटर से आई मौजूदा विजेता बेंगलुरू बुल्स को मात दे पहली बार फाइनल में जगह बनाई थी जबकि बंगाल ने यू-मुम्बा को परास्त कर पहली बार खिताबी मुकाबले में कदम रखा।
दिल्ली ने पूरे सीजन दमदार प्रदर्शन किया और यह लीग के अभी तक के इतिहास में उसका सबसे दमदार प्रदर्शन भी है। इसका बहुत बड़ा श्रेय नवीन कुमार को जाता है जो अभी तक 21 सुपर-10 लगा चुके हैं। एक बार फिर नवीन पर दिल्ली का दारोमदार होगा और बंगाल की रणनीति में वह अहम बिंदु रहेंगे।
दिल्ली की सफलता में हालांकि अकेले नवीन का योगदान नहीं हैं। रेडिंग में चंद्रन रंजीत और विजय ने भी उनका बखूबी साथ दिया है।
डिफेंडिंग में दिल्ली की जिम्मेदारी रवींद्र पहल पर रहेगी जो टीम के लिए सबसे ज्यादा टैकल अंक लेने वाले खिलाड़ी रहे हैं। रवींद्र ने इस सीजन 59 टैकल अंक लिए हैं। विशाल माने और अनिल कुमार, जोगिंदर नरवाल दिल्ली के डिफेंस को मजबूती देंगे।
बंगाल के लिए एक बुरी खबर यह है कि उसके कप्तान मनिंदर फाइनल में भी नहीं खेल पाएंगे। सेमीफाइनल में कप्तान के बिना उतरी बंगाल ने जीत हासिल की थी लेकिन खिताबी मुकाबले में दिल्ली जैसी मजबूत टीम के सामने मनिंदर का न होना उसके लिए परेशानी का सबब बन सकता है। बंगाल की इस कमी को दिल्ली भुनाने की पूरी कोशिश करेगी।
उनकी गैरमौजूदगी में सुकेश हेगड़े, के. प्रपंजन और मोहम्मद नबीबक्श की जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं। डिफेंडिंग में बलदेव सिंह बंगाल की मजबूत कड़ी होंगे। (आईएएनएस)
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