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पुराने मैचों की फुटेज के लिए दूरदर्शन से पैसा नहीं लेगा बीसीसीआई
नई दिल्ली। इस समय लॉकडाउन के कारण पूरा देश रुका हुआ है। ऐसे में बीसीसीआई ने पुराने क्रिकेट मैचों की फुटेज भारतीय सरकार से साझा की है ताकि प्रशंसक पुराने मैचों की यादों को ताजा कर सकें। आम स्थिति में इन फुटेज के लिए भारी भरकम रकम ली जाती लेकिन इस समय बीसीसीआई ने डीडी स्पोर्ट्स से इन फुटेज के लिए एक भी पैसा नहीं लिया है।
इस मामले से संबंध रखने वाले बीसीसीआई के एक कार्यकारी ने आईएएनएस से कहा कि इस समय सरकार जब इस आपदा से लड़ने की कोशिश कर रही है, उनसे पैसे लेने का सवाल ही नहीं उठता।
सूत्र ने कहा, "आर्काइव फुटेज के लिए पैसा लेने का सवाल ही नहीं उठता। यह इंतजामात लॉकडाउन तक है और इस विषम परिस्थिति में हम इतना तो कर ही सकते हैं। इसके पीछे विचार लोगों को घर के अंदर ही रखने का है। अगर इन मैचों से क्रिकेट प्रंशसकों को घर में रहने में मदद मिलेगी तो फिर क्यों नहीं। राष्ट्रहित में योगदान देने के लिए हमेशा तैयार हैं।"
सूत्र से जब पूछा गया कि सामान्य स्थिति में इन फुटेज के लिए कितना पैसा लिया जाता तो उन्होंने कहा कि यह मांग कैसी है, इस पर निर्भर होता।
सूत्र ने कहा, "आमतौर पर यह काफी महंगा होता है, लेकिन कोई तय कीमत नहीं है। यह आमतौर पर इस पर निर्भर रहता है कि फुटेज कौनसी चाहिए। उदाहरण के तौर पर अगर किसी को 2011 विश्व कप में महेंद्र सिंह धोनी के आखिरी छक्के की फुटेज चाहिए तो जाहिर तौर पर यह काफी महंगी होगी। इसलिए यह इस बात पर निर्भर है कि मांग कैसी है। एक बार के उपयोग की बात है तो यह कीमत अलग होगी और अगर कई बार उपयोग में लेने की बात है तो यह अलग होगी।"
डीडी स्पोर्ट्स 14 अप्रैल तक भारतीय क्रिकेट टीम के पुराने मैचों की फुटेज दिखा रहा है। (आईएएनएस)
इस मामले से संबंध रखने वाले बीसीसीआई के एक कार्यकारी ने आईएएनएस से कहा कि इस समय सरकार जब इस आपदा से लड़ने की कोशिश कर रही है, उनसे पैसे लेने का सवाल ही नहीं उठता।
सूत्र ने कहा, "आर्काइव फुटेज के लिए पैसा लेने का सवाल ही नहीं उठता। यह इंतजामात लॉकडाउन तक है और इस विषम परिस्थिति में हम इतना तो कर ही सकते हैं। इसके पीछे विचार लोगों को घर के अंदर ही रखने का है। अगर इन मैचों से क्रिकेट प्रंशसकों को घर में रहने में मदद मिलेगी तो फिर क्यों नहीं। राष्ट्रहित में योगदान देने के लिए हमेशा तैयार हैं।"
सूत्र से जब पूछा गया कि सामान्य स्थिति में इन फुटेज के लिए कितना पैसा लिया जाता तो उन्होंने कहा कि यह मांग कैसी है, इस पर निर्भर होता।
सूत्र ने कहा, "आमतौर पर यह काफी महंगा होता है, लेकिन कोई तय कीमत नहीं है। यह आमतौर पर इस पर निर्भर रहता है कि फुटेज कौनसी चाहिए। उदाहरण के तौर पर अगर किसी को 2011 विश्व कप में महेंद्र सिंह धोनी के आखिरी छक्के की फुटेज चाहिए तो जाहिर तौर पर यह काफी महंगी होगी। इसलिए यह इस बात पर निर्भर है कि मांग कैसी है। एक बार के उपयोग की बात है तो यह कीमत अलग होगी और अगर कई बार उपयोग में लेने की बात है तो यह अलग होगी।"
डीडी स्पोर्ट्स 14 अप्रैल तक भारतीय क्रिकेट टीम के पुराने मैचों की फुटेज दिखा रहा है। (आईएएनएस)
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