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नई टेक-ऑफ सिस्टम के कारण भारत के मुरली श्रीशंकर स्वर्ण पदक से चूके

बर्मिघम । भारत ने यहां राष्ट्रमंडल गेम्स 2022 में लंबी कूद में स्वर्ण पदक जीता होता, लेकिन मुरली श्रीशंकर को नई टेक ऑफ सिस्टम के कारण दो बार फाउल करार दे दिया गया। इससे पहले, बोर्ड के पास अधिकारी के साथ टेक-ऑफ बोर्ड की मैन्युअल रूप से निगरानी की जाती है और यह घोषित करने के लिए लाल या सफेद झंडा उठाया जाता था कि क्या एक जम्पर ने नियम का उल्लंघन किया है या नहीं।
विश्व एथलेटिक्स ने हाल ही में एक डिजिटल टेक-ऑफ बोर्ड पेश किया है, जिसमें एक लेजर बीम टेक-ऑफ लाइन की तरह काम करता है। इस प्रकार उस लेजर बीम को पार करने या तोड़ने से जम्पर के प्रयास को गलत घोषित किया जा सकता है।
इसलिए, गुरुवार को मुरली श्रीशंकर की दो छलांगों को इस नई प्रणाली द्वारा गलत घोषित किया गया था, यहां तक कि एथलीट भी खुद को उस अंतर से आश्चर्यचकित रह गए जिसके द्वारा उन्हें रेखा पार करते हुए दिखाया गया था।
श्रीशंकर ने कहा, "मैं उस करीबी अंतर से बहुत हैरान था, जिसके द्वारा मुझे सीमा पार करते हुए दिखाया गया था। यह बहुत छोटा था। व्यवस्था के अनुसार श्रीशंकर के पैर का अंगूठा रेखा के पार एक मिलीमीटर था और उनकी छलांग, जो 8.30 के दायरे में रही होगी, अवैध घोषित कर दी गई।
--आईएएनएस
विश्व एथलेटिक्स ने हाल ही में एक डिजिटल टेक-ऑफ बोर्ड पेश किया है, जिसमें एक लेजर बीम टेक-ऑफ लाइन की तरह काम करता है। इस प्रकार उस लेजर बीम को पार करने या तोड़ने से जम्पर के प्रयास को गलत घोषित किया जा सकता है।
इसलिए, गुरुवार को मुरली श्रीशंकर की दो छलांगों को इस नई प्रणाली द्वारा गलत घोषित किया गया था, यहां तक कि एथलीट भी खुद को उस अंतर से आश्चर्यचकित रह गए जिसके द्वारा उन्हें रेखा पार करते हुए दिखाया गया था।
श्रीशंकर ने कहा, "मैं उस करीबी अंतर से बहुत हैरान था, जिसके द्वारा मुझे सीमा पार करते हुए दिखाया गया था। यह बहुत छोटा था। व्यवस्था के अनुसार श्रीशंकर के पैर का अंगूठा रेखा के पार एक मिलीमीटर था और उनकी छलांग, जो 8.30 के दायरे में रही होगी, अवैध घोषित कर दी गई।
--आईएएनएस
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