Never said I am selling car to fund my training: Dutee Chand-m.khaskhabar.com
×
khaskhabar
Mar 29, 2024 11:56 am
Location
Advertisement

कभी नहीं कहा, अपनी ट्रेनिंग के लिए कार बेच रही हूं : दुती चंद

khaskhabar.com : गुरुवार, 16 जुलाई 2020 08:34 AM (IST)
कभी नहीं कहा, अपनी ट्रेनिंग के लिए कार बेच रही हूं : दुती चंद
भुवनेश्वर। भारत की स्टार महिला धावक दुती चंद ने अगले साल होने वाले टोक्यो ओलम्पिक की तैयारी के लिए अपनी कार बेचने पर सफाई देते हुए बुधवार को कहा कि इसका उनके प्रसिक्षण के लिए धन की कमी से कोई लेना देना नहीं है। दुती ने कहा कि उन्होंने अपनी सेडान कार इसलिए बेची क्योंकि वह कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (केआईआईटी) और ओडिशा सरकार पर बोझ नहीं डालना चाहतीं।

दुती ने हाल ही में अपने फेसबुक अकाउंट पर पोस्ट किया था कि वह अगले साल होने वाले टोक्यो ओलम्पिक की तैयारी के लिए अपनी कार बेच रही हैं। उन्होंने हालांकि बाद में यह पोस्ट हटा दी लेकिन तब तक इसे लेकर देश में सुर्खियां बन गई थीं।

जेएसडब्ल्यू स्पोर्ट के निदेशक पार्थ जिंदल ने बुधवार को कहा कि उन्होंने कई बार दुती चंद को समर्थन का प्रस्ताव दिया था। उन्होंने कहा कि अभी भी दुती के लिए दरवाजे खुले हुए हैं।

दुती ने ट्विटर पर एक बयान में कहा, " मैंने अपनी कार बीएमडब्ल्यू को बेचने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। मेरे पास लक्जरी कार को मेनटेन करने के लिए संसाधन नहीं हैं। हालांकि मैं उससे अभी भी बहुत प्यार करती हूं। मैंने कभी यह नहीं कहा कि मैं इसे अपने प्रशिक्षण के लिए बेच रही हूं।"

उन्होंने कहा, "ओडिशा सरकार और मेरे अपने केआईआईटी विश्वविद्यालय ने हमेशा मेरा समर्थन किया है। इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता है कि मेरा प्रशिक्षण बहुत महंगा है, खासकर 2021 ओलंपिक के लिए। मैं केवल यह चाहती थी कि यह पैसा मेरे प्रशिक्षण के लिए डायवर्ट किया जा सकता है और राज्य सरकार से धन प्राप्त करने के बाद कोविड के बाद एक कार खरीदी जा सकती है।"

पूर्व टेनिस खिलाड़ी सोमदेव देवबर्मन ने अपने ट्विटर पर दुती की कार बेचने वाली स्टोरी शेयर की थी और पोस्ट में लिखा था, "जब हमारे खिलाड़ी जीतते हैं, सिस्टम के बिना जीतते हैं, उसके कारण नहीं।"

जिंदल स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट ने कई भारतीय खिलाड़ियों को स्पांसर किया है। जिंदल ने सोमदेव के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा, " एकदम बकवास, हमने आईआईएस में कई बार उनको समर्थन का प्रस्ताव दिया। प्रस्ताव अभी भी खुला है।"

इसके जवाब में सोमदेव ने लिखा, " मैं इस बारे में नहीं बोल सकता कि उन्होंने अपना पैसा और फंड कैसे और कहां खत्म किया। मैं उनकी निजी स्थिति के बारे में नहीं जानता हूं। मुझे लगता है कि सभी के लिए अच्छा होगा कि सरकारी फंड और इनामी राशि में पारदर्शिता हो। मैं यहां एक बड़ा मुद्दा उठाना चाह रहा था कि अधिकतर खिलाड़ी सिस्टम के बिना सफलता हासिल करते हैं और मैं अभी इस पर कायम हूं।" (आईएएनएस)

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

Advertisement
Khaskhabar.com Facebook Page:
Advertisement
Advertisement