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अपनी पहली ही गेंद पर छक्का मारने वाले सिद्धेश ने शेयर की ये बातें
नई दिल्ली। किसी टीम के साथ पांच साल तक बने रहना और इतने लंबे अतंराल के बाद उस टीम के लिए पदार्पण करना बताता है कि खिलाड़ी के भीतर कितना धैर्य है। सिद्देश लाड़ के साथ कुछ ऐसा ही हुआ है। वे मुंबई इंडियंस के साथ पांच साल से थे लेकिन 2019 में उन्हें पदार्पण करने का मौका मिला। सिद्देश का कहना है कि इंतजार लंबा था, लेकिन उन्होंने पहली ही गेंद पर छक्का मार इस पदार्पण को यादगार बना लिया।
सिद्देश ने 10 अप्रैल को किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ आईपीएल पदार्पण किया था और पहली ही गेंद पर छक्का मारा। सिद्देश कहते हैं कि वे उस छक्के को कभी नहीं भूलेंगे। सिद्देश ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, मैं मुंबई इंडियंस के साथ पांच साल से हूं और महान खिलाडिय़ों के साथ ड्रेसिंग रूम शेयर कर रहा हूं। इससे मुझे घरेलू क्रिकेट खेलने में मदद मिली है। मैंने हाल ही में देखा है कि वे किस तरह से मैच की तैयारी करते हैं, उनके वर्क एथिक्स क्या हैं।
उन्होंने कहा, मैंने पांच साल अपने पदार्पण का इंतजार किया और मैंने अपनी पहली ही गेंद पर छक्का मारा। यह एक रिकॉर्ड ही है। यह मेरे लिए विशेष था। साथ ही मैं तीसरी बार टीम की खिताबी जीत का हिस्सा बना। यह भी मेरे लिए बहुत बड़ी बात थी जिसे मैं कभी नहीं भूलूंगा। सिद्देश मुंबई टी20 लीग में शिवाजी पार्क टीम से खेले थे और कप्तानी की थी। सिद्देश का कहना है कि इस तरह की लीग में कप्तानी काफी दबावपूर्ण होती है क्योंकि समय कम होने के कारण फैसले तुरंत लेने होते हैं।
दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा, मुझे यह लगता है कि काफी तेजी से होने वाला प्रारूप है। आपको फैसले जल्दी लेने होते हैं। आपको जिम्मेदारी भी लेनी होती है। आपको बाकी खिलाडिय़ों के लिए भी उदाहरण तय करने होते हैं। साथ ही आपको अपना स्वाभाविक खेल खेलना होता है। यह बेहद मुश्किल होता है लेकिन इससे मैंने काफी कुछ सीखा है। अगली बार इस अनुभव से मुझे फायदा होगा।
सिद्देश ने 10 अप्रैल को किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ आईपीएल पदार्पण किया था और पहली ही गेंद पर छक्का मारा। सिद्देश कहते हैं कि वे उस छक्के को कभी नहीं भूलेंगे। सिद्देश ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, मैं मुंबई इंडियंस के साथ पांच साल से हूं और महान खिलाडिय़ों के साथ ड्रेसिंग रूम शेयर कर रहा हूं। इससे मुझे घरेलू क्रिकेट खेलने में मदद मिली है। मैंने हाल ही में देखा है कि वे किस तरह से मैच की तैयारी करते हैं, उनके वर्क एथिक्स क्या हैं।
उन्होंने कहा, मैंने पांच साल अपने पदार्पण का इंतजार किया और मैंने अपनी पहली ही गेंद पर छक्का मारा। यह एक रिकॉर्ड ही है। यह मेरे लिए विशेष था। साथ ही मैं तीसरी बार टीम की खिताबी जीत का हिस्सा बना। यह भी मेरे लिए बहुत बड़ी बात थी जिसे मैं कभी नहीं भूलूंगा। सिद्देश मुंबई टी20 लीग में शिवाजी पार्क टीम से खेले थे और कप्तानी की थी। सिद्देश का कहना है कि इस तरह की लीग में कप्तानी काफी दबावपूर्ण होती है क्योंकि समय कम होने के कारण फैसले तुरंत लेने होते हैं।
दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा, मुझे यह लगता है कि काफी तेजी से होने वाला प्रारूप है। आपको फैसले जल्दी लेने होते हैं। आपको जिम्मेदारी भी लेनी होती है। आपको बाकी खिलाडिय़ों के लिए भी उदाहरण तय करने होते हैं। साथ ही आपको अपना स्वाभाविक खेल खेलना होता है। यह बेहद मुश्किल होता है लेकिन इससे मैंने काफी कुछ सीखा है। अगली बार इस अनुभव से मुझे फायदा होगा।
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