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लिएंडर पेस बिना मुश्किल होगा भारतीय टेनिस टीम को पदक जीतना

khaskhabar.com : शनिवार, 18 अगस्त 2018 10:29 PM (IST)
लिएंडर पेस बिना मुश्किल होगा भारतीय टेनिस टीम को पदक जीतना
जकार्ता। दिग्गज टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस के बिना इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में हो रहे 18वें एशियाई खेलों में भाग लेने वाली भारतीय टेनिस टीम की पदक जीतने की राह मुश्किल होगी। हालांकि, रोहन बोपन्ना और रामकुमार रामनाथन जैसे खिलाडिय़ों की मौजूदगी से पदक की उम्मीद बनी हुई है। इस वर्ष जून में यह घोषणा की गई थी कि पेस 12 वर्षों के लंबे अंतराल बाद एशियाई खेलों में हिस्सा लेंगे, लेकिन उद्धाटन समारोह से दो दिन पहले उन्होंने इन खेलों में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया।

पेस के अलावा युकी भांबरी भी भारतीय टेनिस दल का हिस्सा नहीं हैं। टेनिस को 1958 में टोक्यो में हुए एशियाई खेलों में सबसे पहले शामिल किया गया था और तब से लेकर भारत इस खेल में आठ स्वर्ण के साथ कुल 29 पदक जीत चुका है। एशियाई खेलों में टेनिस में पदक जीतने के मामले में भारत पांचवें स्थान पर है, भारत ने सबसे ज्यादा चार स्वर्ण पदक पुरुषों की युगल स्पर्धा में जीते हैं।

एकल वर्ग में भारत के लिए एकमात्र स्वर्ण पदक सोमदेव देवबर्मन ने चीन के ग्वांगझाउ में हुए 2010 एशियाई खेलों में जीता था और इस बार एकल वर्ग में पदक जीतने का दारोमदार 23 वर्षीय रामकुमार रामनाथन पर होगा। रामनाथन मौजूदा एटीपी रैंकिंग में 118वें पायादान पर मौजूद हैं और इन खेलों में पदक जीतकर एक नया कीर्तिमान रचना चाहेंगे।

इनके अलावा, प्रजनेश गुणेश्वरन भी एकल वर्ग में भारत की ओर से चुनौती पेश करेंगे। भारत को अनुभवी खिलाड़ी 37 वर्षीय रोहन बोपन्ना से पदक की आस होगी। वह युगल और मिश्रित युगल वर्ग में चुनौती पेश करेंगे। युगल वर्ग में वह 32 वर्षीय दिविज शरण के साथ जोड़ी बनाएंगे, हालांकि यह देखना दिलचस्प होगा कि सुमित नागल युगल वर्ग में किस खिलाड़ी के साथ जोड़ी बनाकर खेलते हैं।



रैंकिंग के आधार पर वह रामनाथन के साथ कोर्ट पर उतर सकते हैं। महिला एकल वर्ग में 20 वर्षीय करमान कौर थांडी भारतीय चुनौती पेश करेंगी। थांडी को एकल वर्ग में भारत का भविष्य माना जा रहा है। 2014 में सिंगापुर में हुए पहले अंडर-16 डब्ल्यूटीए फ्यूचर स्टार्स टूर्नामेंट का खिताब जीतकर थांडी ने काफी कम उम्र में अपनी प्रतिभा को दर्शाया था और एशियाई खेलों में भी वह अपने अच्छे प्रदर्शन को जारी रखना चाहेंगी। इनके अलावा, अंकिता रैना से भी भारत को अच्छे प्रदर्शन की आस होगी। रैना ने 2014 एशियाई खेलों में एकल वर्ग के तीसरे और मिश्रित युगल के दूसरे दौर में जगह बनाई थी।

युगल वर्ग में रुतुजा भोसले और प्रंजला यादलापल्ली अच्छा प्रदर्शन करके भारत के लिए पदक लाना चाहेंगी। हालांकि, महिला टेनिस खिलाडिय़ों के पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए यह आसान प्रतीत नहीं होता। भारतीय दल की सबसे अनुभवी खिलाड़ी प्रार्थना थोंबरे युगल और मिश्रित युगल वर्ग में भाग लेंगी, 24 वर्षीय थोंबरे ने पिछले एशियाई खेलों में सानिया मिर्जा के साथ कांस्य पदक जीता था और इस बार भी वह अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को दोहराना चाहेंगी।

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