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एशियाई खेलों की तैयारी पर ऐसा बोले भारतीय पैडलर शरथ कमल
नई दिल्ली। राष्ट्रमंडल खेलों में ऐतिहासिक सफलता हासिल करने वाली पुरुष टेबल टेनिस टीम का हिस्सा रहे अनुभवी पैडलर अचंत शरत कमल एशियाई खेलों को लेकर किसी तरह का दबाव महसूस नहीं कर रहे। उनका कहना है कि वे अब दबाव झेलने के आदी हो गए हैं। शरथ ने कहा कि उम्र और अनुभव के साथ उन्होंने दबाव से पार पाना और इससे प्रेरित होना सीख लिया है। शरथ ने आईएएनएस से विशेष बातचीत में कहा कि सफलता के बाद सभी की उम्मीदें बढ़ जाती हैं लेकिन यह खिलाड़ी के जीवन का हिस्सा है।
शरथ से जब पूछा गया कि वे राष्ट्रमंडल खेलों की सफलता के बाद एशियाई खेलों तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और बेहतर प्रदर्शन करने का दबाव महसूस कर रहे हैं तो, शरथ ने हंसकर कहा, मैं अब दबाव का आदी हो चुका हूं। लोग आपसे काफी उम्मीदें करते हैं। यह खिलाड़ी के जीवन का हिस्सा है। जब आप अच्छा करने लगते हो तो आपसे जाहिर सी बात है उम्मीदें बढ़ जाती हैं। यह आप पर निर्भर करता है कि आप इन्हें किस तरह से लेते हैं।
ऐसे में खिलाड़ी को हमेशा सकारात्मक रहना चाहिए। इस दबाव को हावी नहीं होने देना चाहिए बल्कि इससे प्रेरित होकर आगे बढऩा चाहिए। उन्होंने कहा, यह उम्र के साथ हो जाता है। मैं जब युवा था तब मैं भी कई बार घबरा जाता था, दबाव में आ जाता था। लेकिन उम्र के साथ इन सबकी आदत बन गई। एशियाई खेलों की तैयारियों के बारे में पूछे जाने पर शरथ ने कहा, एशियाई खेलों की तैयारी अच्छी चल रही हैं।
हमारी तैयारियां अंतिम दौर में हैं। हम कुछ मैच खेल रहे हैं। अभी अल्टीमेट टेबल टेनिस लीग भी शुरू होने वाली है, उससे भी तैयारी में मदद मिलेगी। उसके बाद हम ट्रेनिंग कैम्प में जाएंगे। यहां से हम ऑस्ट्रेलिया और कोरिया के दौरे पर कुछ मैच खेलेंगे। अगस्त में एक बार फिर हम ट्रेनिंग कैम्प में जाएंगे। इन तीन महीनों में हम लगातार खेल रहे होंगे।
शरथ से जब पूछा गया कि वे राष्ट्रमंडल खेलों की सफलता के बाद एशियाई खेलों तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और बेहतर प्रदर्शन करने का दबाव महसूस कर रहे हैं तो, शरथ ने हंसकर कहा, मैं अब दबाव का आदी हो चुका हूं। लोग आपसे काफी उम्मीदें करते हैं। यह खिलाड़ी के जीवन का हिस्सा है। जब आप अच्छा करने लगते हो तो आपसे जाहिर सी बात है उम्मीदें बढ़ जाती हैं। यह आप पर निर्भर करता है कि आप इन्हें किस तरह से लेते हैं।
ऐसे में खिलाड़ी को हमेशा सकारात्मक रहना चाहिए। इस दबाव को हावी नहीं होने देना चाहिए बल्कि इससे प्रेरित होकर आगे बढऩा चाहिए। उन्होंने कहा, यह उम्र के साथ हो जाता है। मैं जब युवा था तब मैं भी कई बार घबरा जाता था, दबाव में आ जाता था। लेकिन उम्र के साथ इन सबकी आदत बन गई। एशियाई खेलों की तैयारियों के बारे में पूछे जाने पर शरथ ने कहा, एशियाई खेलों की तैयारी अच्छी चल रही हैं।
हमारी तैयारियां अंतिम दौर में हैं। हम कुछ मैच खेल रहे हैं। अभी अल्टीमेट टेबल टेनिस लीग भी शुरू होने वाली है, उससे भी तैयारी में मदद मिलेगी। उसके बाद हम ट्रेनिंग कैम्प में जाएंगे। यहां से हम ऑस्ट्रेलिया और कोरिया के दौरे पर कुछ मैच खेलेंगे। अगस्त में एक बार फिर हम ट्रेनिंग कैम्प में जाएंगे। इन तीन महीनों में हम लगातार खेल रहे होंगे।
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