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अजलान शाह कप में युवा खिलाडिय़ों की परीक्षा होगी : सुरेंद्र कुमार
बेंगलुरू। भारतीय हॉकी टीम के उप कप्तान सुरेंद्र कुमार का मानना है कि युवा खिलाडिय़ों को 28वें अजलान शाह कप 2019 से मिलने वाले अनुभव का लाभ टीम को एफआईएच मेन्स सीरीज फाइनल में मिलेगा। मेन्स सीरीज फाइनल इस साल जून में भुवनेश्वर में खेला जाएगा, जबकि अजलान शाह की शुरुआत मलेशिया के इपोह में 23 मार्च से हो रही है।
भारत ने इस टूर्नामेंट के लिए युवा खिलाडिय़ों से सजी टीम चुनी है जिसमें हार्दिक सिंह, विवेक सागर प्रसाद, सुमित, नीलकांत शर्मा और गुरजंत सिंह समेत अन्य खिलाड़ी शामिल हैं। सुरेंद्र ने कहा, सुल्तान अजलान शाह कप हमेशा से एक ऐसा मंच रहा है जहां युवाओं की परीक्षा ली जाती रही है। इस टूर्नामेंट के जरिए यह देखा जाता है कि खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय स्तर के अनुकूल हो सकता है या नहीं।
इसके जरिए मुख्य टूर्नामेंट (2020 ओलम्पिक क्वालीफाइंग) से पहले उनका अनुभव बढ़ेगा। उन्होंने कहा, इनमें से कुछ खिलाडिय़ों ने एफआईएच चैंपियंस ट्रॉफी और 2018 मेन्स वल्र्ड कप में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया और आत्मविश्वास से भरे हुए हैं। हम उनसे दबाव पर काबू पाने के बारे में नियमित रूप से बात कर रहे हैं, विशेष रूप से उन परिस्थितियों में जब हम एक या दो गोल पीछे होते हैं।
उनका अच्छा प्रदर्शन टोक्यो में होने वाले 2020 ओलम्पिक खेलों से पहले हमारी टीम के लिए फायदेमंद होगा। हरियाणा में जन्में सुरेंद्र ने हीरो इंडियन सुपर लीग (एचआईएल) में शानदार प्रदर्शन करने के बाद 2016 में राष्ट्रीय टीम में जगह बनाई थी। इसके बाद से वे टीम का अहम हिस्सा रहे हैं। अपनी सफलता का श्रेय वे समकालीन खिलाड़ी रुपिंदर पाल सिंह को देते हैं।
भारत ने इस टूर्नामेंट के लिए युवा खिलाडिय़ों से सजी टीम चुनी है जिसमें हार्दिक सिंह, विवेक सागर प्रसाद, सुमित, नीलकांत शर्मा और गुरजंत सिंह समेत अन्य खिलाड़ी शामिल हैं। सुरेंद्र ने कहा, सुल्तान अजलान शाह कप हमेशा से एक ऐसा मंच रहा है जहां युवाओं की परीक्षा ली जाती रही है। इस टूर्नामेंट के जरिए यह देखा जाता है कि खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय स्तर के अनुकूल हो सकता है या नहीं।
इसके जरिए मुख्य टूर्नामेंट (2020 ओलम्पिक क्वालीफाइंग) से पहले उनका अनुभव बढ़ेगा। उन्होंने कहा, इनमें से कुछ खिलाडिय़ों ने एफआईएच चैंपियंस ट्रॉफी और 2018 मेन्स वल्र्ड कप में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया और आत्मविश्वास से भरे हुए हैं। हम उनसे दबाव पर काबू पाने के बारे में नियमित रूप से बात कर रहे हैं, विशेष रूप से उन परिस्थितियों में जब हम एक या दो गोल पीछे होते हैं।
उनका अच्छा प्रदर्शन टोक्यो में होने वाले 2020 ओलम्पिक खेलों से पहले हमारी टीम के लिए फायदेमंद होगा। हरियाणा में जन्में सुरेंद्र ने हीरो इंडियन सुपर लीग (एचआईएल) में शानदार प्रदर्शन करने के बाद 2016 में राष्ट्रीय टीम में जगह बनाई थी। इसके बाद से वे टीम का अहम हिस्सा रहे हैं। अपनी सफलता का श्रेय वे समकालीन खिलाड़ी रुपिंदर पाल सिंह को देते हैं।
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