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इंडिया ओपन : मैरी कॉम को एक और स्वर्ण, सरिता ने भी मारी बाजी
गुवाहाटी। छह बार की विश्व विजेता मैरी कॉम ने शुक्रवार को करमबीर नबीन चंद्र बारदोलोई एसी इंडोर स्टेडियम में खेले गए इंडिया ओपन अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी टूर्नामेंट के 52 किलोग्राम भारवर्ग में स्वर्ण पदक अपने नाम किया। मैरी के अलावा सरिता देवी आखिरकार तीन साल से चले आ रहे अपने स्वर्ण पदक के सूखे को खत्म करने में सफल रही हैं।
सरिता ने 60 किलोग्राम भारवर्ग में सोने का तमगा जीता। इससे पहले उन्होंने शिलांग में 2016 में दक्षिण एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। 57 किलोग्राम भारवर्ग के मुकाबले में नीरज ने मनीषा मौन को मात दे सोने का तमगा हासिल किया। मैरी कॉम ने फाइनल में वेनिला दुआती को 5-0 से मात दी। यह मैरी का इंडिया ओपन का दूसरा स्वर्ण है। इससे पहले वो 48 किलोग्राम भारवर्ग में स्वर्ण जीत चुकी हैं।
वहीं पुरुषों में अमित पंघल (52 किलोग्राम भारवर्ग) और शिवा थापा (60 किलोग्राम भारवर्ग) ने टूर्नामेंट का अंत स्वर्ण जीतते हुए किया है। पंघल ने फाइनल में अपने ही देश के सचिन सिवाच को मात दी। सचिन का कद अमित से ज्यादा था बावजूद इसके अमित मुकाबला जीतने में कामयाब रहे। पहले राउंड में वह डिफेंसिव खेले, लेकिन दूसरे राउंड का अंत होने तक वह आक्रामक हो गए थे। यहां से अमित ने पीछे मुडक़र नहीं देखा और सचिन को मात दी।
मैच के बाद पंघल ने कहा, सचिन काफी लंबे हैं। मुझे लगता है कि मैंने अभी तक जितने मुक्केबाजों का सामना किया है उनमें वह सबसे लंबे हैं। मैं एशियाई चैम्पियनशिप में लंबे मुक्केबाजों से लड़ा था, लेकिन सचिन उनसे भी लंबे हैं। मेरी कोशिश थी या तो मैं उनके बहुत करीब जाऊं या दूरी बनाए रखूं।
दूर रहने से मुझे उनकी तकनीक के बारे में भी पता चल रहा था और इसके बाद मैंने पास जाकर आक्रमण किया। शिवा ने अपने घर में बेहतरीन प्रदर्शन कर भारत के ही मनीष कौशिक को मात दी। इसी के साथ शिवा ने 2018 में मनीष के हाथों मिली हार का बदला भी ले लिया। गुवाहाटी के शिवा ने यह मैच 5-0 से जीता।
सरिता ने 60 किलोग्राम भारवर्ग में सोने का तमगा जीता। इससे पहले उन्होंने शिलांग में 2016 में दक्षिण एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। 57 किलोग्राम भारवर्ग के मुकाबले में नीरज ने मनीषा मौन को मात दे सोने का तमगा हासिल किया। मैरी कॉम ने फाइनल में वेनिला दुआती को 5-0 से मात दी। यह मैरी का इंडिया ओपन का दूसरा स्वर्ण है। इससे पहले वो 48 किलोग्राम भारवर्ग में स्वर्ण जीत चुकी हैं।
वहीं पुरुषों में अमित पंघल (52 किलोग्राम भारवर्ग) और शिवा थापा (60 किलोग्राम भारवर्ग) ने टूर्नामेंट का अंत स्वर्ण जीतते हुए किया है। पंघल ने फाइनल में अपने ही देश के सचिन सिवाच को मात दी। सचिन का कद अमित से ज्यादा था बावजूद इसके अमित मुकाबला जीतने में कामयाब रहे। पहले राउंड में वह डिफेंसिव खेले, लेकिन दूसरे राउंड का अंत होने तक वह आक्रामक हो गए थे। यहां से अमित ने पीछे मुडक़र नहीं देखा और सचिन को मात दी।
मैच के बाद पंघल ने कहा, सचिन काफी लंबे हैं। मुझे लगता है कि मैंने अभी तक जितने मुक्केबाजों का सामना किया है उनमें वह सबसे लंबे हैं। मैं एशियाई चैम्पियनशिप में लंबे मुक्केबाजों से लड़ा था, लेकिन सचिन उनसे भी लंबे हैं। मेरी कोशिश थी या तो मैं उनके बहुत करीब जाऊं या दूरी बनाए रखूं।
दूर रहने से मुझे उनकी तकनीक के बारे में भी पता चल रहा था और इसके बाद मैंने पास जाकर आक्रमण किया। शिवा ने अपने घर में बेहतरीन प्रदर्शन कर भारत के ही मनीष कौशिक को मात दी। इसी के साथ शिवा ने 2018 में मनीष के हाथों मिली हार का बदला भी ले लिया। गुवाहाटी के शिवा ने यह मैच 5-0 से जीता।
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