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भारत को विश्व स्तरीय ड्रैग-फ्लिकर विकसित करने की जरूरत : टिर्की
कोलकाता। भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान दिलीप टिर्की ने रविवार को कहा कि भारत को विश्वस्तरीय ड्रैग-फ्लिकर विकसित करने की जरूरत है। हाल में हुए विश्व कप के पहले मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारतीय टीम पांच में से तीन पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलने में सफल नहीं रही थी। दिलीप टिर्की ने कहा कि हमें विश्व स्तरीय ड्रैग-फ्लिकर की जरूरत है। हमारे पास फिलहाल हरमनप्रीत, अमित रोहिदास और वरुण हैं।
हमें उन पर ध्यान देने की आवश्यकता है। महत्वपूर्ण मैचों में हमें पेनल्टी कॉर्नर पर 60-70 प्रतिशत गोल दागने होंगे। उन्होंने कहा कि युवा खिलाड़ी नीदरलैंड्स के खिलाफ उम्मीदों पर खड़े नहीं उतरे और विश्व कप जीतने का एक स्वर्णिम अवसर गंवा दिया। टिर्की ने कहा कि मैं समझता हूं कि युवा खिलाड़ी अपने स्तर के मुताबिक नहीं खेल पाए।
इसके अलावा, टीम का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा। कुछ टैकल बहुत बेहतरीन रहे, हमारी किस्मत खराब थी कि हम क्वार्टर फाइनल में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए। कुल मिलाकर प्रदर्शन अच्छा था। उन्होंने कहा, लंबे समय के बाद हम भारतीय हॉकी टीम में विकास देख रहे हैं। कई सारे युवा खिलाडिय़ों के होने की वजह से हम फिट नजर आए। हमने ग्रुप स्तर में बेल्जियम से ड्रॉ खेला।
हमें उन पर ध्यान देने की आवश्यकता है। महत्वपूर्ण मैचों में हमें पेनल्टी कॉर्नर पर 60-70 प्रतिशत गोल दागने होंगे। उन्होंने कहा कि युवा खिलाड़ी नीदरलैंड्स के खिलाफ उम्मीदों पर खड़े नहीं उतरे और विश्व कप जीतने का एक स्वर्णिम अवसर गंवा दिया। टिर्की ने कहा कि मैं समझता हूं कि युवा खिलाड़ी अपने स्तर के मुताबिक नहीं खेल पाए।
इसके अलावा, टीम का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा। कुछ टैकल बहुत बेहतरीन रहे, हमारी किस्मत खराब थी कि हम क्वार्टर फाइनल में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए। कुल मिलाकर प्रदर्शन अच्छा था। उन्होंने कहा, लंबे समय के बाद हम भारतीय हॉकी टीम में विकास देख रहे हैं। कई सारे युवा खिलाडिय़ों के होने की वजह से हम फिट नजर आए। हमने ग्रुप स्तर में बेल्जियम से ड्रॉ खेला।
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