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शार्दूल ठाकुर की सफलता के पीछे उनके कोच की पत्नी का हाथ

khaskhabar.com : बुधवार, 20 जनवरी 2021 11:24 AM (IST)
शार्दूल ठाकुर की सफलता के पीछे उनके कोच की पत्नी का हाथ
ब्रिस्बेन| भारतीय मध्यम तेज गेंदबाज शार्दूल ठाकुर की सफलता के पीछे एक अज्ञात नायिका है, जिसे शायद कभी श्रेय नहीं दिया गया है और वह हैं ठाकुर के बचपन के कोच दिनेश लाड की पत्नी। लाड की पत्नी ने अपने घर में ठाकुर की उम्र की ही अपनी बेटी के होने के बावजूद ठाकुर को मुंबई के बोरीवली में अपने टू बीएचके फ्लैट में रहने की अनुमति दी थी।

लाड परिवार के लिए यह एक मुश्किल फैसला था। लेकिन मुंबई के कोच के लिए ठाकुर की प्रतिभा को बाहर लाने का यही एक रास्ता था। उस समय, ठाकुर बोरीवली से 86 किमी दूर पालघर में रहते थे और लाड नहीं चाहते थे कि अनमोल प्रतिभा भटक जाए।

लाड ने मंगलवार को मुंबई से आईएएनएस से कहा, "मैंने उन्हें 2006 में मुंबई में हमारी स्कूल टीम स्वामी विवेकानंद इंटरनेशनल स्कूल के खिलाफ खेलते हुए देखा। तारापुर विद्या मंदिर के लिए खेलते हुए शार्दूल ने 78 रन बनाए और पांच विकेट भी लिए थे। उनके प्रदर्शन से प्रभावित होकर ही मैंने उन्हें अपने स्कूल में शामिल होने का फैसला किया। मैंने उन्हें अपने माता-पिता से संपर्क करने के लिए कहने के लिए कहा। मैंने उनके पिता से कहा कि शार्दूल में बहुत प्रतिभा है और वह शीर्ष स्तर की क्रिकेट खेल सकता है।"

उन्होंने कहा, "हालांकि, उनके पिता ने यह कहते हुए मना कर दिया कि शार्दूल ने दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा दी थी और पालघर से मुंबई तक का सफर ढाई घंटे से अधिक का था, जो बहुत मुश्किल था। फिर मैंने अपनी पत्नी से बात की और उनसे पूछा कि क्या हम अपने घर पर एक लड़के को रख सकते हैं, ताकि वह यहां मुंबई में खेल सके। मेरी पत्नी सहमत हो गई और हम उन्हें अपने घर ले आए।"

लाड ने स्वीकार किया कि शुरू में वह और उनकी पत्नी थोड़ा हिचकिचा रहे थे क्योंकि उनकी बेटी भी शार्दूल की एक उम्र की ही थी और किसी अंजान आदमी को घर पर रखना थोड़ा 'जोखिम भरा' था।

लाड अपने स्कूल में भारतीय सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा को कोचिंग दे चुके थे। उन्होंने कहा, "बोरीवली में हमारा एक दो बीएचके फ्लैट था। शुरू में, हम अनिच्छुक थे क्योंकि हमारी भी एक बेटी थी जो शार्दूल की उम्र की थी, या शायद एक साल कम की थी। यह एक जोखिम था। लेकिन हमने उन्हें अपने घर पर रहने दिया। हमने उनसे कोई पैसा नहीं लिया। मैंने उन्हें अपने स्कूल में दाखिला दिलाया और शार्दूल हमारे साथ एक साल तक रहे।"

ऑस्ट्रेलिया के 2020-21 के दौरे पर मोहम्मद शमी के चोटिल होने के बाद ठाकुर को केवल वनडे टीम में शामिल किया गया था। लेकिन बाद में उन्हें शमी के स्थान पर टेस्ट में शामिल किया गया।

ठाकुर को इसके बाद ब्रिस्बेन में चोटिल जसप्रीत बुमराह के स्थान पर टीम में चुना गया और उन्होंने सात विकेट लिए। इस प्रदर्शन के चलते ही उन्हें इंग्लैंड के साथ होने वाली चार मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले दो टेस्ट के लिए भी चुना गया है।

ठाकुर ने चौथे टेस्ट की पहली पारी में वॉशिंगटन सुंदर के साथ मिलकर सातवें विकेट के लिए 123 रनों की साझेदारी करके आस्ट्रेलिया को बड़ी बढ़त लेने से रोक दिया। ठाकुर (67) और सुंदर (62) के बीच सातवें विकेट के लिए हुई शतकीय और बहुमूल्य साझेदारी के दम पर भारतीय क्रिकेट टीम ने यहां अपनी पहली पारी में 336 रन का स्कोर बनाया।

--आईएएनएस

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