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महिला बैडमिंटन खिलाड़ी ने दर्ज कराया छेडख़ानी का केस, कोलकाता पुलिस पहुंची अल्मोड़ा
अल्मोड़ा। कोलकता पुलिस के बुधवार को अल्मोड़ा पहुंचते ही जिला पुलिस में हडक़ंप मच गया। कोलकता पुलिस पॉक्सो में दर्ज 1जीरो एफआईआर लेकर पहुंची है। एफआईआर में पढक़र अल्मोड़ा पुलिस के हाथ-पांव फूल गए। जीरो एफआईआर में कोलकता की एक महिला जूनियर बैडमिंटन खिलाड़ी ने अपनी 1 सीनियर महिला और 2 पुरुष खिलाडिय़ों पर चैंपियनशिप के दौरान छेड़छाड़ का आरोप लगाया है।
ईस्ट जोन बैडमिंटन चैंपियनशिप इसी वर्ष सितंबर में उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में सम्पन्न हुई थी। कोलकाता में पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज जीरो एफआईआर के मुताबिक ईस्ट जोन बैडमिंटन चैंपियनशिप में कोलकाता राज्य का प्रतिनिधित्व करने के लिए सीनियर और जूनियर दोनों आयु-वर्ग के महिला-पुरुष खिलाडिय़ों की टीमें उत्तराखंड राज्य के अल्मोड़ा जिले में पहुंची थीं।
उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) अशोक कुमार ने गुरुवार को आईएएनएस को टेलीफोन पर बताया घटना सितंबर महीने की है। यह बात भी सही है कि घटना शहर में पहली बार आयोजित ईस्ट जोन बैडमिंटन चैंपियनशिप के दौरान घटी। दुष्कर्म वाली बात सही नहीं है। कोलकता पुलिस जब बुधवार को अल्मोड़ा पहुंची तब घटना के बारे में उत्तराखंड पुलिस को पता चला। फिलहाल कोलकता पुलिस से मिली जीरो एफआईआर में लगाई गई पॉक्सो एक्ट की धाराओं के तहत अब आगे की तफ्तीश अल्मोड़ा महिला पुलिस थाने के हवाले की गई है।
घटना जब सितंबर में अल्मोड़ा में घटी तो फिर जीरो एफआईआर इतने दिन बाद कोलकता में क्यों दर्ज कराई गई? इसके जवाब में डीजी (कानून-व्यवस्था) अशोक कुमार ने कहा पीडि़ता जूनियर महिला बैडमिंटन खिलाड़ी ने सीनियर खिलाडिय़ों के डर के कारण घटना के तुरंत बात स्थानीय पुलिस को कोई शिकायत नहीं दी थी। जब वह अपने गृह राज्य पहुंची तब उसने पूरे मामले के बारे में कोलकता पुलिस को जानकारी दी।
एफआईआर के मुताबिक चैंपियनशिप के दौरान ही 2 सीनियर पुरुष और 1 महिला सीनियर खिलाड़ी उसे जबरन एक कमरे में ले गए। उसने जब विरोध किया तो, उसे चुप रहने की धमकी दी गई। 1 महिला और 2 पुरुष सीनियर्स के बीच खुद को अकेला और बेबस पाकर पीडि़ता चुप हो गई। पीडि़ता ने टीम के साथ मौजूद प्रबंधकों को भी डरकर कोई शिकायत उस वक्त नहीं दी। पीडि़ता को अंदेशा था कि अगर उसने चैंपियनशिप के दौरान ही सीनियर्स की शिकायत की तो संभव था कि उसकी शिकायत दबा दी जाती। साथ ही उसके खेल और भविष्य पर भी सवालिया निशान लग जाता। इन्हीं तमाम उलझनों के चलते उसने घटना के तुरंत बाद मुंह नहीं खोला। एफआईआर में पीडि़ता ने एक सीनियर महिला और दो सीनियर बैडमिंटन पुरुष खिलाडिय़ों को खुले रूप से आरोपी ठहराया है। घटना अल्मोड़ा में घटी थी, इसलिए कोलकाता पुलिस ने बुधवार को अल्मोड़ा कोर्ट में पहुंचकर तमाम संबंधित कानूनी दस्तावेज कानूनन उत्तराखंड पुलिस के हवाले कर दिए। ताकि आगे की तफ्तीश अल्मोड़ा पुलिस द्वारा पूरी की जा सके।
(आईएएनएस)
ईस्ट जोन बैडमिंटन चैंपियनशिप इसी वर्ष सितंबर में उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में सम्पन्न हुई थी। कोलकाता में पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज जीरो एफआईआर के मुताबिक ईस्ट जोन बैडमिंटन चैंपियनशिप में कोलकाता राज्य का प्रतिनिधित्व करने के लिए सीनियर और जूनियर दोनों आयु-वर्ग के महिला-पुरुष खिलाडिय़ों की टीमें उत्तराखंड राज्य के अल्मोड़ा जिले में पहुंची थीं।
उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) अशोक कुमार ने गुरुवार को आईएएनएस को टेलीफोन पर बताया घटना सितंबर महीने की है। यह बात भी सही है कि घटना शहर में पहली बार आयोजित ईस्ट जोन बैडमिंटन चैंपियनशिप के दौरान घटी। दुष्कर्म वाली बात सही नहीं है। कोलकता पुलिस जब बुधवार को अल्मोड़ा पहुंची तब घटना के बारे में उत्तराखंड पुलिस को पता चला। फिलहाल कोलकता पुलिस से मिली जीरो एफआईआर में लगाई गई पॉक्सो एक्ट की धाराओं के तहत अब आगे की तफ्तीश अल्मोड़ा महिला पुलिस थाने के हवाले की गई है।
घटना जब सितंबर में अल्मोड़ा में घटी तो फिर जीरो एफआईआर इतने दिन बाद कोलकता में क्यों दर्ज कराई गई? इसके जवाब में डीजी (कानून-व्यवस्था) अशोक कुमार ने कहा पीडि़ता जूनियर महिला बैडमिंटन खिलाड़ी ने सीनियर खिलाडिय़ों के डर के कारण घटना के तुरंत बात स्थानीय पुलिस को कोई शिकायत नहीं दी थी। जब वह अपने गृह राज्य पहुंची तब उसने पूरे मामले के बारे में कोलकता पुलिस को जानकारी दी।
एफआईआर के मुताबिक चैंपियनशिप के दौरान ही 2 सीनियर पुरुष और 1 महिला सीनियर खिलाड़ी उसे जबरन एक कमरे में ले गए। उसने जब विरोध किया तो, उसे चुप रहने की धमकी दी गई। 1 महिला और 2 पुरुष सीनियर्स के बीच खुद को अकेला और बेबस पाकर पीडि़ता चुप हो गई। पीडि़ता ने टीम के साथ मौजूद प्रबंधकों को भी डरकर कोई शिकायत उस वक्त नहीं दी। पीडि़ता को अंदेशा था कि अगर उसने चैंपियनशिप के दौरान ही सीनियर्स की शिकायत की तो संभव था कि उसकी शिकायत दबा दी जाती। साथ ही उसके खेल और भविष्य पर भी सवालिया निशान लग जाता। इन्हीं तमाम उलझनों के चलते उसने घटना के तुरंत बाद मुंह नहीं खोला। एफआईआर में पीडि़ता ने एक सीनियर महिला और दो सीनियर बैडमिंटन पुरुष खिलाडिय़ों को खुले रूप से आरोपी ठहराया है। घटना अल्मोड़ा में घटी थी, इसलिए कोलकाता पुलिस ने बुधवार को अल्मोड़ा कोर्ट में पहुंचकर तमाम संबंधित कानूनी दस्तावेज कानूनन उत्तराखंड पुलिस के हवाले कर दिए। ताकि आगे की तफ्तीश अल्मोड़ा पुलिस द्वारा पूरी की जा सके।
(आईएएनएस)
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