Coach sukhwinder singh bawa appreciates yuvraj singh very much Slide 2-m.khaskhabar.com
×
khaskhabar
Apr 20, 2024 3:16 pm
Location
Advertisement

‘युवराज ने इतिहास का सबसे बड़ा कमबैक किया, इसलिए वो लिजेंड है’

khaskhabar.com : मंगलवार, 11 जून 2019 3:53 PM (IST)
‘युवराज ने इतिहास का सबसे बड़ा कमबैक किया, इसलिए वो लिजेंड है’
युवराज का करियर रोमांचक और प्रेरक रहा है। 2011 विश्व कप के दौरान ही कैंसर के लक्षण दिखने लगे थे लेकिन युवी ने हार नहीं मानी और देश को 28 साल बाद सिरमौर बनाया। इसके बाद देश को पता चला कि युवी को कैंसर है। सबका बुरा हाल था और कोच इससे अलग नहीं थे। बावा मानते हैं कि जो इंसान अपनी इच्छाशक्ति के दम पर कैंसर को हरा सकता है, वह मानसिक तौर पर कितना मजबूत है, यह किसी को समझाने की जरूरत नहीं।

कोच ने कहा, वह कैंसर के खिलाफ जंग जीतकर आया है। आप सोच लीजिए कि वह मानसिक तौर पर कितना मजबूत होगा। बीमारी के कारण शरीर थोड़ा कमजोर हुआ और वह खेल की जरूरतों के हिसाब से खुद को ढाल नहीं पाया। इस क्रम में उससे प्रतिस्पर्धा रखने वाले आगे निकल गए। जब भी युवराज का नाम जेहन में आता है तो स्टुअर्ट ब्रॉड पर लगाए गए छह छक्के याद आ जाते हैं।

कोच के मुताबिक युवी की कई ऐसी परियां हैं जो बेमिसाल रहीं लेकिन कूच बिहार ट्रॉफी में खेली गई 358 रनों की पारी और युवी का लाहौर में टेस्ट पदार्पण उनके लिए सभी पारियों से ऊपर हैं। कोच ने कहा, उसने बहुत बड़ी-बड़ी पारियां खेलीं, लेकिन मैं एक पारी का जिक्र करूंगा। एमएस धोनी फिल्म में भी उस पारी का जिक्र है।

उसने मुझसे वादा करके अकेले 358 रन बनाए थे। मैं उस समय पंजाब की टीम का कोच था। मैच जमशेदपुर के टाटा नगर में हो रहा था। उसने ढाई दिन बल्लेबाजी की, उसमें से डेढ़ दिन मैं साइट स्क्रीन के पास खड़ा होकर उसे समझता रहा कि खेलता रहे। ऊंचा नहीं मारे। मेरी नजर में वो पारी उसकी सबसे बेहतरीन पारी है। इसके अलावा उसका लाहौर में पाकिस्तान में टेस्ट डेब्यू। इत्तेफाक की बात है कि मैं वहां भी था। मुझे यह दो पारियां बहुत पसंद हैं।

ये भी पढ़ें - ‘इसके बाद मेरी तबीयत बिगड़ गई, मेरे पेट में कुछ होने लगा’

2/3
Advertisement
Khaskhabar.com Facebook Page:
Advertisement
Advertisement