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COA के कोच नियुक्ति में जल्दबाजी पर BCCI अधिकारियों ने उठाए ये सवाल
नई दिल्ली। सर्वोच्च अदालत (Supreme Court) द्वारा भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) का कामकाज देखने के लिए गठित की गई प्रशासकों की समिति (COA) ने मंगलवार को भारतीय टीम के कोचिंग स्टाफ के लिए आवेदन मांगे हैं। इस त्वरित कदम पर बीसीसीआई के कुछ अधिकारियों को हैरानी हुई है, खासकर तब जब बोर्ड की वार्षिक आम बैठक 22 अक्टूबर को होनी है।
बोर्ड के एक सीनियर अधिकारी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि सीओए ने पहले तो कहा था कि वह कोच और कप्तान के साथ समीक्षा बैठक करेंगे, लेकिन उन्होंने अचानक से इससे आगे जाने का फैसला किया और कोचिंग स्टाफ के लिए आवेदन मंगा लिए। इस त्वरित घटनाक्रम को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अधिकारी ने कहा, यह कई तरह से गलत है।
पहली बात, जब सीओए ने बोर्ड के चुनावों की तारीख का ऐलान कर दिया है तो वह इन नियुक्तियों को लेकर इतनी जल्दबाजी में क्यों है? क्या वह किसी खास व्यक्ति को पद पर बिठाने की अपनी इच्छा पूरी करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, एक विकल्प यह लगता है कि वह विश्व कप के संदर्भ में किसी तरह की जल्दबाजी में हों और चीजों को कारपेट के अंदर छुपा देना चाहते हैं।
रिपोर्ट सिर्फ मैनेजर से नहीं बल्कि टीम के प्रत्येक कोच से ली जानी चाहिए। फीजियो और ट्रेनर से भी अपनी रिपोर्ट दाखिल करने को कहना चाहिए। यह जरूरी है कि विजय शंकर की चोट और इसे संभालने में प्रबंधन ने जो किया उस पर ध्यान दिया जाए।
अधिकारी ने कहा, बल्लेबाजी कोच संजय बांगड़ से नंबर-4 बल्लेबाजी क्रम से संबंधित समस्या का समाधान न ढूंढऩे को लेकर सवाल पूछना चाहिए। चूंकि यह जाहिर सी बात है कि टीम प्रबंधन कुछ निश्चित खिलाडिय़ों को टीम में लाना चाहता था। उन्हें इस बात का जवाब भी देना होगा कि क्या उन्हें शंकर की चोट के बारे में पता था कि नहीं।
बोर्ड के एक सीनियर अधिकारी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि सीओए ने पहले तो कहा था कि वह कोच और कप्तान के साथ समीक्षा बैठक करेंगे, लेकिन उन्होंने अचानक से इससे आगे जाने का फैसला किया और कोचिंग स्टाफ के लिए आवेदन मंगा लिए। इस त्वरित घटनाक्रम को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अधिकारी ने कहा, यह कई तरह से गलत है।
पहली बात, जब सीओए ने बोर्ड के चुनावों की तारीख का ऐलान कर दिया है तो वह इन नियुक्तियों को लेकर इतनी जल्दबाजी में क्यों है? क्या वह किसी खास व्यक्ति को पद पर बिठाने की अपनी इच्छा पूरी करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, एक विकल्प यह लगता है कि वह विश्व कप के संदर्भ में किसी तरह की जल्दबाजी में हों और चीजों को कारपेट के अंदर छुपा देना चाहते हैं।
रिपोर्ट सिर्फ मैनेजर से नहीं बल्कि टीम के प्रत्येक कोच से ली जानी चाहिए। फीजियो और ट्रेनर से भी अपनी रिपोर्ट दाखिल करने को कहना चाहिए। यह जरूरी है कि विजय शंकर की चोट और इसे संभालने में प्रबंधन ने जो किया उस पर ध्यान दिया जाए।
अधिकारी ने कहा, बल्लेबाजी कोच संजय बांगड़ से नंबर-4 बल्लेबाजी क्रम से संबंधित समस्या का समाधान न ढूंढऩे को लेकर सवाल पूछना चाहिए। चूंकि यह जाहिर सी बात है कि टीम प्रबंधन कुछ निश्चित खिलाडिय़ों को टीम में लाना चाहता था। उन्हें इस बात का जवाब भी देना होगा कि क्या उन्हें शंकर की चोट के बारे में पता था कि नहीं।
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