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‘लगातार अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भी सिला नहीं मिलने से दुख’
नई दिल्ली। एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहलवान बजरंग पूनिया खेल रत्न के लिए जारी सूची में नाम न आने से निराश हैं और वे अब इसकी वजह जानने के लिए उतावले हैं। इस संबंध में बजरंग शुक्रवार को खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ से मुलाकात करेंगे और मुलाकात का परिणाम सकारात्मक नहीं रहा तो यह पहलवान अदालत के दर पर भी जाने को तैयार है।
बजरंग ने गुरुवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही। इसी बीच, गुरुवार को ही खेल मंत्रालय ने खेल रत्न के लिए क्रिकेट स्टार विराट कोहली और महिला भारोत्तोलक मीरा बाई चानू के नाम पर मुहर लगा दी। बजरंग ने कहा, जब लगातार अच्छा प्रदर्शन करते हैं उसके बाद भी इसका सिला नहीं मिलता है तो दुख होता है। पता नहीं क्या कारण है। मैं यही कारण जानने के लिए मंत्री से मिलने जा रहा हूं। उन्होंने कहा, मैंने खेल मंत्री को फोन भी किया था और मैसेज भी भेजा था, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया था।
योगी भाई (योगेश्वर दत्त) की बात हुई है। टाइम तो बताया नहीं है लेकिन मुलाकात करने को कह दिया है। बजंरग ने कहा कि खेल मंत्री के हाथ में ही सब कुछ है अब। वे चाहें तो मेरा नाम जोड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर वे इस पुरस्कार के योग्य नहीं हैं तो कोई बात नहीं। उन्होंने कहा, उनके हाथ में ही है सब कुछ।
मैं साफ कहता हूं कि अगर मैं योग्य हूं तो मेरा नाम जोड़ा जाए अगर योग्य नहीं हूं तो कोई बात नहीं। मैं बस यही पूछना चाहता हूं कि मेरा नाम क्यों नहीं आया। बजरंग ने कहा कि अगर उन्हें खेल मंत्री से सकारात्मक जबाव नहीं मिलता है तो वे अदालत जाएंगे। उन्होंने कहा, अगर मंत्री के पास से कुछ नहीं होता है तो मेरे पास कोई विकल्प नहीं बचता तो फिर मैं अदालत ही जाना पड़ेगा।
बजरंग ने गुरुवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही। इसी बीच, गुरुवार को ही खेल मंत्रालय ने खेल रत्न के लिए क्रिकेट स्टार विराट कोहली और महिला भारोत्तोलक मीरा बाई चानू के नाम पर मुहर लगा दी। बजरंग ने कहा, जब लगातार अच्छा प्रदर्शन करते हैं उसके बाद भी इसका सिला नहीं मिलता है तो दुख होता है। पता नहीं क्या कारण है। मैं यही कारण जानने के लिए मंत्री से मिलने जा रहा हूं। उन्होंने कहा, मैंने खेल मंत्री को फोन भी किया था और मैसेज भी भेजा था, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया था।
योगी भाई (योगेश्वर दत्त) की बात हुई है। टाइम तो बताया नहीं है लेकिन मुलाकात करने को कह दिया है। बजंरग ने कहा कि खेल मंत्री के हाथ में ही सब कुछ है अब। वे चाहें तो मेरा नाम जोड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर वे इस पुरस्कार के योग्य नहीं हैं तो कोई बात नहीं। उन्होंने कहा, उनके हाथ में ही है सब कुछ।
मैं साफ कहता हूं कि अगर मैं योग्य हूं तो मेरा नाम जोड़ा जाए अगर योग्य नहीं हूं तो कोई बात नहीं। मैं बस यही पूछना चाहता हूं कि मेरा नाम क्यों नहीं आया। बजरंग ने कहा कि अगर उन्हें खेल मंत्री से सकारात्मक जबाव नहीं मिलता है तो वे अदालत जाएंगे। उन्होंने कहा, अगर मंत्री के पास से कुछ नहीं होता है तो मेरे पास कोई विकल्प नहीं बचता तो फिर मैं अदालत ही जाना पड़ेगा।
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