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एनआईटी में सालों बाद मिले पुराने दोस्त, यादें ताजा की
कुरुक्षेत्र। राष्ट्रीय
प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) में दो दिवसीय एल्यूमनाई टॉक्स का आयोजन 3
से 4 दिसम्बर देर सायं तक संस्थान के सीनेट हॉल में किया गया जिसमें
संस्थान के पुराने छात्र (1966-71 बैच) जो कि देश व विदेश में बहुत ऊँचे
स्थानों पर कार्यरत है उन्हें आमंत्रित किया गया था। समारोह का उद्देश्य
पूर्व छात्रों के अनुभव एवं ज्ञान से वर्तमान छात्रों का परिचय करवाना था।
संस्थान के लिए पुराने छात्रों जिन्होंने देश व विदेशों में विभिन्न
आयामों में अपनी निपुणता स्थापित की हो का संस्थान में दोबारा स्वागत करना
गर्व का विषय था।
दो दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम का शुभारंभ 3 दिसम्बर को पुराने छात्रों की मित्रता, यादों की बातचीत को लेकर हुई अनौपचारिक बैठक से हुई। इसके पश्चात उनको संस्थान के छात्रों को उनके पढऩे वाले विभागों, व रहने वाले छात्रावासों के दौरे पर ले जाया गया। छात्रावासों में उनको वर्तमान छात्रों से मिलने का मौका मिला और वे उनसे अपने पुराने अनुभव बांट कर अत्याधिक प्रसन्न हुए। कार्यक्रम की अगली कड़ी में 4 दिसम्बर को कार्यक्रम की शुरूआत उनके पुराने छात्रावास की मैस में नाश्ता करने के साथ हुई। संस्थान के सीनेट हॉल मेें संस्थान के निदेशक, डीन और विभागाध्यक्षों के बीच एक औपचारिक बैठक भी हुई। इस अवसर पर संस्थान के प्रो. पंकज चादंना, अध्यक्ष (एल्यूमनाई एसोसिएशन) ने सभी आगंतुकों का स्वागत किया।
इसके पश्चात संस्थान के प्रो. ब्रह्मजीत सिंह, डीन (शोध व परामर्श) ने एक प्रस्तुति के माध्यम से बताया कि संस्थान और पूर्व छात्रों के सम्बंधों को मजबूत बनाने के लिए क्या किया गया है और आगे क्या किया जा सकता है। संस्थान के वरिष्ठ प्रो. वी.के. अरोड़ा व पूर्व छात्र ने स्वर्ण जयंती समूह के साथ उनके सीनियर के रूप में बिताए गए पुराने दिनों को याद किया। इसके पश्चात एक खुली चर्चा हुई जिसमें स्वर्ण जयंती समूह ने अपने विचार रखे तथा सुझाव दिए। एनआईटी कुरूक्षेत्र को आईआईटीे के बराबर लाने के लिए क्या क्या कदम उठाने चाहिए और इसमें क्या योगदान दिया जा सकता है। इस दौरान सदस्यता एवं कैरियर सम्बंधी सलाह, संस्थान-उद्योग मजबूत सम्बंध, विद्यार्थियों के कौशल में बुद्वि और शोध के क्षेत्र में ओर अधिक ध्यान देने जैसी विभिन्न तकनीकें पर महत्वपूर्ण चर्चा की गई। इस अवसर पर वी.एम. बंसल(सेवानिवृत, आईएएस) ने पूरे समूह की तरफ से संस्थान के अधिकारियों को इस बात का विश्वास दिलाया कि जिस कार्य की भी आवश्यकता होगी वे उसे पूरा करेंगे। उन्होंने अत्याधिक इस बात पर जोर दिया कि समूह सबसे ज्यादा यही चाहता है कि संस्थान उनसे जुड़ा रहे जिससे उनमें उससे जुड़े रहने का भाव निरंतर आता रहे।
संस्थान के निदेशक डा. सतीश कुमार ने समूह की तरफ से आए सभी सुझावों का स्वागत किया एवं उन्हें व्यवस्थित रूप से करने का वादा किया। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक द्वारा पूर्व छात्र संघ की एक वेबसाइट भी जारी की गई। संस्थान के दो सेवानिवृत शिक्षकों प्रो. पी.जे. फिलिप और प्रो. एस.एस. रतन और इसके अतिरिक्त इस समूह को पढ़ाने वाले सेवानिवृत शिक्षकों प्रो. बी.एस. गिल एवं प्रो. डी.वी. एस. वर्मा को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अंत में स्वर्ण जयंती समूह के सभी पूर्व छात्रों को पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया।
खासखबर EXCLUSIVE: यूपी में कितने सियासी तीर चले,और कितने चलेंगे
दो दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम का शुभारंभ 3 दिसम्बर को पुराने छात्रों की मित्रता, यादों की बातचीत को लेकर हुई अनौपचारिक बैठक से हुई। इसके पश्चात उनको संस्थान के छात्रों को उनके पढऩे वाले विभागों, व रहने वाले छात्रावासों के दौरे पर ले जाया गया। छात्रावासों में उनको वर्तमान छात्रों से मिलने का मौका मिला और वे उनसे अपने पुराने अनुभव बांट कर अत्याधिक प्रसन्न हुए। कार्यक्रम की अगली कड़ी में 4 दिसम्बर को कार्यक्रम की शुरूआत उनके पुराने छात्रावास की मैस में नाश्ता करने के साथ हुई। संस्थान के सीनेट हॉल मेें संस्थान के निदेशक, डीन और विभागाध्यक्षों के बीच एक औपचारिक बैठक भी हुई। इस अवसर पर संस्थान के प्रो. पंकज चादंना, अध्यक्ष (एल्यूमनाई एसोसिएशन) ने सभी आगंतुकों का स्वागत किया।
इसके पश्चात संस्थान के प्रो. ब्रह्मजीत सिंह, डीन (शोध व परामर्श) ने एक प्रस्तुति के माध्यम से बताया कि संस्थान और पूर्व छात्रों के सम्बंधों को मजबूत बनाने के लिए क्या किया गया है और आगे क्या किया जा सकता है। संस्थान के वरिष्ठ प्रो. वी.के. अरोड़ा व पूर्व छात्र ने स्वर्ण जयंती समूह के साथ उनके सीनियर के रूप में बिताए गए पुराने दिनों को याद किया। इसके पश्चात एक खुली चर्चा हुई जिसमें स्वर्ण जयंती समूह ने अपने विचार रखे तथा सुझाव दिए। एनआईटी कुरूक्षेत्र को आईआईटीे के बराबर लाने के लिए क्या क्या कदम उठाने चाहिए और इसमें क्या योगदान दिया जा सकता है। इस दौरान सदस्यता एवं कैरियर सम्बंधी सलाह, संस्थान-उद्योग मजबूत सम्बंध, विद्यार्थियों के कौशल में बुद्वि और शोध के क्षेत्र में ओर अधिक ध्यान देने जैसी विभिन्न तकनीकें पर महत्वपूर्ण चर्चा की गई। इस अवसर पर वी.एम. बंसल(सेवानिवृत, आईएएस) ने पूरे समूह की तरफ से संस्थान के अधिकारियों को इस बात का विश्वास दिलाया कि जिस कार्य की भी आवश्यकता होगी वे उसे पूरा करेंगे। उन्होंने अत्याधिक इस बात पर जोर दिया कि समूह सबसे ज्यादा यही चाहता है कि संस्थान उनसे जुड़ा रहे जिससे उनमें उससे जुड़े रहने का भाव निरंतर आता रहे।
संस्थान के निदेशक डा. सतीश कुमार ने समूह की तरफ से आए सभी सुझावों का स्वागत किया एवं उन्हें व्यवस्थित रूप से करने का वादा किया। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक द्वारा पूर्व छात्र संघ की एक वेबसाइट भी जारी की गई। संस्थान के दो सेवानिवृत शिक्षकों प्रो. पी.जे. फिलिप और प्रो. एस.एस. रतन और इसके अतिरिक्त इस समूह को पढ़ाने वाले सेवानिवृत शिक्षकों प्रो. बी.एस. गिल एवं प्रो. डी.वी. एस. वर्मा को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अंत में स्वर्ण जयंती समूह के सभी पूर्व छात्रों को पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया।
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