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चलती ट्रेन में महिला को प्रसव पीड़ा, रेलवे की टीम ने कराया सुरक्षित प्रसव
रांची। रांची के हटिया स्टेशन पर बुधवार को एक महिला यात्री का ट्रेन में सुरक्षित प्रसव कराया गया। महिला की स्थिति ऐसी नहीं थी कि उसे प्रसव के लिए हॉस्पिटल ले जाया जा सके। रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) की ओर से तत्परता पूर्वक उपलब्ध करायी गयी सहायता से डॉक्टर की देखरेख में महिला ने ट्रेन में ही बच्चे को जन्म दिया। बाद में जच्चा-बच्चा को एंबुलेंस से स्थानीय रेलवे हॉस्पिटल ले जाया गया।
आरपीएफ की हटिया यूनिट को खबर मिली कि सूरत-मालदा एक्सप्रेस के कोच डी-6 में एक महिला को प्रसव पीड़ा हो रही है और उसके साथ सिर्फ एक साल का बच्चा है। इस सूचना पर आरपीएफ तुरंत सक्रिय हुई। रेलवे की डॉक्टर और मेडिकल टीम को ट्रेन के हटिया स्टेशन पहुंचने के पहले तैनात किया गया। ट्रेन जैसे ही स्टेशन पर पहुंची, टीम ने ट्रेन की बोगी में ही उसका सुरक्षित प्रसव कराया। आरपीएफ की महिला स्टाफ एवं कुछ महिला सहयात्रियों ने बोगी में कपड़े से घेरा बनाया। महिला ने थोड़ी देर में बच्चे को जन्म दिया। ट्रेन में किलकारियां गूंजीं तो सहयात्रियों ने तालियां बजाकर नवजात का स्वागत किया। इस दौरान ट्रेन हटिया स्टेशन पर करीब 25 मिनट तक रुकी रही। बाद में प्रसूता महिला यात्री, नवजात बच्चे और उसके एक वर्ष के बच्चे को एम्बुलेंस से रेल अस्पताल भेज दिया गया।
प्रसूता का नाम सुनीता रजक है और पश्चिम बंगाल के वर्दवान जिले के पानागढ़ की रहने वाली है। आरपीएफ ने महिला के भाई को फोन कर इसकी जानकारी दे दी है। परिजनों के शीघ्र रांची पहुंचने की संभावना है। इस मानवीय अभियान में आरपीएफ हटिया के एसआई सूरज राजबंसी, एएसआई पीके सिंह, आरक्षी डीएन यादव और महिला स्टाफ सारिका सिंह एवं निधि कुमारी की सराहनीय भूमिका रही।
--आईएएनएस
आरपीएफ की हटिया यूनिट को खबर मिली कि सूरत-मालदा एक्सप्रेस के कोच डी-6 में एक महिला को प्रसव पीड़ा हो रही है और उसके साथ सिर्फ एक साल का बच्चा है। इस सूचना पर आरपीएफ तुरंत सक्रिय हुई। रेलवे की डॉक्टर और मेडिकल टीम को ट्रेन के हटिया स्टेशन पहुंचने के पहले तैनात किया गया। ट्रेन जैसे ही स्टेशन पर पहुंची, टीम ने ट्रेन की बोगी में ही उसका सुरक्षित प्रसव कराया। आरपीएफ की महिला स्टाफ एवं कुछ महिला सहयात्रियों ने बोगी में कपड़े से घेरा बनाया। महिला ने थोड़ी देर में बच्चे को जन्म दिया। ट्रेन में किलकारियां गूंजीं तो सहयात्रियों ने तालियां बजाकर नवजात का स्वागत किया। इस दौरान ट्रेन हटिया स्टेशन पर करीब 25 मिनट तक रुकी रही। बाद में प्रसूता महिला यात्री, नवजात बच्चे और उसके एक वर्ष के बच्चे को एम्बुलेंस से रेल अस्पताल भेज दिया गया।
प्रसूता का नाम सुनीता रजक है और पश्चिम बंगाल के वर्दवान जिले के पानागढ़ की रहने वाली है। आरपीएफ ने महिला के भाई को फोन कर इसकी जानकारी दे दी है। परिजनों के शीघ्र रांची पहुंचने की संभावना है। इस मानवीय अभियान में आरपीएफ हटिया के एसआई सूरज राजबंसी, एएसआई पीके सिंह, आरक्षी डीएन यादव और महिला स्टाफ सारिका सिंह एवं निधि कुमारी की सराहनीय भूमिका रही।
--आईएएनएस
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