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जरूरत पड़ी तो राम मंदिर पर 1992 जैसा आंदोलन करेंगे : भैया जी जोशी
मुंबई। मुंबई में पिछले तीन दिन से चल रही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
(आरएसएस) की बैठक शुक्रवार को खत्म हो गई। राम मंदिर के मुद्दे पर आरएसएस
प्रमुख मोहन भागवत के साथ बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की बैठक के बाद सर
कार्यवाह भैयाजी जोशी ने सरकार को एक तरह से अल्टीमेटम दिया है। संघ के
सरकार्यवाहक भैयाजी जोशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि अगर जरुरत पड़ेगी
तो हम एक बार फिर 1992 जैसा आंदोलन करेंगे।
अयोध्या विवाद की सुनवाई अगले साल तक टालने के निर्णय पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने कहा कि इस मामले पर उन्हें जल्द निर्णय की उम्मीद थी लेकिन शीर्ष अदालत ने इसे टालकर हमारे इंतजार को और लंबा कर दिया है। संघ ने राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश की मांग फिर दोहराई। संघ ने कहा कि अगर जरूरी हुआ तो वह राम मंदिर के लिए 1992 जैसा आंदोलन भी करेगा। संघ ने कहा कि सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत द्वारा यह कहे जाने पर कि हमारी प्राथमिकताएं अलग हैं, इसे हिंदू समाज अपमानित महसूस कर रहा है।
संघ के सर कार्यवाह भैयाजी जोशी ने शुक्रवार को यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, राम मंदिर के निर्माण की प्रतीक्षा लंबी होती जा रही है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई को 7 साल हो गए हैं। जब तीन जजों की पीठ बनी थी तो हमें उम्मीद थी जल्द इसपर कोई निर्णय आएगा। पर उस पीठ का कार्यकाल समाप्त हो गया। कोर्ट ने फिर नए नामों की घोषणा कर दी और कोर्ट ने 29 अक्टूबर तक के लिए उसे टाल दिया। हमें उम्मीद बंधी कि दिवाली से पहले कुछ शुभ समाचार मिल जाए। लेकिन शीर्ष अदालत ने इस मामले की सुनवाई को ही अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया।
अयोध्या विवाद की सुनवाई अगले साल तक टालने के निर्णय पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने कहा कि इस मामले पर उन्हें जल्द निर्णय की उम्मीद थी लेकिन शीर्ष अदालत ने इसे टालकर हमारे इंतजार को और लंबा कर दिया है। संघ ने राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश की मांग फिर दोहराई। संघ ने कहा कि अगर जरूरी हुआ तो वह राम मंदिर के लिए 1992 जैसा आंदोलन भी करेगा। संघ ने कहा कि सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत द्वारा यह कहे जाने पर कि हमारी प्राथमिकताएं अलग हैं, इसे हिंदू समाज अपमानित महसूस कर रहा है।
संघ के सर कार्यवाह भैयाजी जोशी ने शुक्रवार को यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, राम मंदिर के निर्माण की प्रतीक्षा लंबी होती जा रही है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई को 7 साल हो गए हैं। जब तीन जजों की पीठ बनी थी तो हमें उम्मीद थी जल्द इसपर कोई निर्णय आएगा। पर उस पीठ का कार्यकाल समाप्त हो गया। कोर्ट ने फिर नए नामों की घोषणा कर दी और कोर्ट ने 29 अक्टूबर तक के लिए उसे टाल दिया। हमें उम्मीद बंधी कि दिवाली से पहले कुछ शुभ समाचार मिल जाए। लेकिन शीर्ष अदालत ने इस मामले की सुनवाई को ही अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया।
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