Advertisement
फर्रुखाबाद : बच्चों को बंधक बनाने वाले सुभाष के बाद उसकी पत्नी की मौत
मोहम्मदाबाद कोतवाली क्षेत्र के बरेली-ईटावा हाईवे स्थित गांव करथिया में 23 बच्चों को बंधक बनाने वाले सिरफिरे को पुलिस ने नौ घंटे बाद मुठभेड़ में मार गिराया और बेसमेंट में कैद किए गए सभी बच्चे सकुशल रात एक बजे निकाल लिए गए। डीजीपी ओपी सिंह ने सिरफिरे के मुठभेड़ में मार गिराने की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि कानपुर आइजी मोहित अग्रवाल की अगुवाई वाली पुलिस टीम पर उसने हमला बोला। बम से उड़ाने की धमकी दी थी। जवाबी कार्रवाई में उसे मार गिराया गया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीजीपी समेत अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को तलब कर बच्चों को सकुशल मुक्त कराने व सिरफिरे को गिरफ्तार कर कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
सूत्रों ने बताया कि सुभाष बाथम (40) अपने मौसा मेघनाथ की हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा पा चुका है। घर में चोरी करने की शिकायत पर उसने साल 2001 में मौसा की हत्या कर दी थी। 2005 में उसे उम्रकैद हुई। 10 साल जेल में रहने के बाद हाईकोर्ट से उसे जमानत मिल गई। करीब तीन महीने पहले एसओजी ने फतेहगढ़ में हुई चोरी के आरोप में उसे जेल भेज दिया। वहां से डेढ़ माह पूर्व जमानत पर छूटा। खुद को फंसाने के शक में उसने पुलिस व ग्रामीणों से बदला लेने की योजना बनाई और इस घटना को अंजाम दिया।
गुरुवार दोपहर को उसने अपनी एक साल की बेटी के जन्मदिन के बहाने गांव के करीब 23 बच्चों को घर बुलाया और सभी को बंधक बना लिया। देर तक बच्चों के घर न लौटने पर पड़ोसी जब सुभाष के घर पहुंचे तो उसने फायरिंग कर दी। गांव वाले और पुलिस जब उन्हें छुड़ाने पहुंचे तो फायरिंग की। बम फेंका। इसमें पुलिसकर्मी घायल हो गए। उसे समझाने पहुंचे चोरी के मामले में जमानत दिलाने वाले दोस्त को भी उसने गोली मार दी।
Advertisement
Advertisement
फर्रुखाबाद
उत्तर प्रदेश से
सर्वाधिक पढ़ी गई
Advertisement