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देश के दूसरे बड़े टाइगर रिजर्व में टाइगर हमले की झूठी दास्तां गढ़ रहे ग्रामीण?
सवाईमाधोपुर/जयपुर। राजस्थान के रणथंभौर टाइगर नेशनल रिजर्व पार्क से जुड़े गांवों में बाघ के हमले के मामले पिछले कुछ दिनों से लगातार सामने आ रहे हैं। लेकिन सूत्रों से पता चला है कि ग्रामीण यहां सिर्फ मुआवजा पाने के लिए टाइगर अटैक की झूठी कहानी गढ़ रहे हैं। आपको बता दें कि राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में स्थित रणथंभौर टाइगर रिजर्व भारत का दूसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है।
यहां 60 से ज्यादा संख्या में बाघ मौजूद हैं। साथ ही अभयारण्य के आसपास कई गांव मौजूद हैं। जहां अमूमन मैन-एनिमल कनफ्लिक्ट (भिड़ंत) के मामले सामने आते रहते हैं। शायद यही वजह है कि अब यहां के लोग बाघ हमले की झूठी दास्तां सुनाकर स्थानीय प्रशासन से पैसे ऐंठने में लगे हैं।
देवपुरा चेकपाइंट के पास टाइगर ने किया हमला
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बीते दिनों में टाइगर के हमला करने की कई घटनाएं सामने आई हैं। इन घटनाओं पर विभाग को संदेह है। एक मामले में चरवाहे शंभू नाथ ने कहा कि उस पर देवपुरा चेकपॉइंट के पास टाइगर ने रविवार को हमला किया। उसने अपने शरीर में मामूली चोटें दिखाईं। उसे अस्पताल ले जाया गया जहां प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया।
यहां 60 से ज्यादा संख्या में बाघ मौजूद हैं। साथ ही अभयारण्य के आसपास कई गांव मौजूद हैं। जहां अमूमन मैन-एनिमल कनफ्लिक्ट (भिड़ंत) के मामले सामने आते रहते हैं। शायद यही वजह है कि अब यहां के लोग बाघ हमले की झूठी दास्तां सुनाकर स्थानीय प्रशासन से पैसे ऐंठने में लगे हैं।
देवपुरा चेकपाइंट के पास टाइगर ने किया हमला
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बीते दिनों में टाइगर के हमला करने की कई घटनाएं सामने आई हैं। इन घटनाओं पर विभाग को संदेह है। एक मामले में चरवाहे शंभू नाथ ने कहा कि उस पर देवपुरा चेकपॉइंट के पास टाइगर ने रविवार को हमला किया। उसने अपने शरीर में मामूली चोटें दिखाईं। उसे अस्पताल ले जाया गया जहां प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया।
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