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बे-मौसम बारिश से खराब हुए गेहूं खरीद का मामला केन्द्र सरकार ने गठित किए दो दल
जयपुर। प्रदेश में बेमौसम हुई बारिश एवं ओलावृष्टि से 50 प्रतिशत से अधिक खराब हुए चमकहीन गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए केन्द्र सरकार द्वारा चार अधिकारियों के दो दलों का गठन किया है। यह जानकारी खाद्य सचिव मुग्धा सिन्हा ने गुरूवार को दी।
सिन्हा ने बताया कि आई.जी.एम.आर.आई. के सहायक निदेशक, आर.के. सिंह एवं तकनीकी अधिकारी, राकेश बराला का संयुक्त दल कोटा, बारां एवं बूंदी जिलों तथा दिल्ली मुख्यालय के सहायक निदेशक ए.एन. पाण्डे एवं तकनीकी अधिकारी वीरेन्द्र ए.सी. के नेतृत्व में दूसरा दल हनुमानगढ़ एवं श्रीगंगानगर जिलों की मण्डियों तथा समर्थन मूल्य खरीद के लिये स्थापित केन्द्रों पर 26 अप्रेल से दौरा कर गेहूं के नमूनों को एकत्र करेगा। दोनों दल आज रात तक प्रदेश में पहुंचेंगे।
उन्हाेंने बताया कि उपभोक्ता मामलात, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा गठित दोनों दल बेमौसम हुई बारिश से खराब हुई गेहूं की चमक के संबंध में एकत्र किये गये नमूनों को भारतीय खाद्य निगम, क्षेत्रीय प्रयोगशाला में जांच कर एक समेकित रिपोर्ट पेश करेंगे। इन दोनों दलों का गठन प्रदेश के किसानों को अधिक से अधिक राहत प्रदान करने के लिये गेहूं खरीद के लिये निर्धारित किये गये मानकों में छूट देने के लिए किया गया है।
सिन्हा ने बताया कि प्रदेश में हाल ही में हुई प्राकृतिक आपदा के कारण राज्य सरकार के स्तर से केन्द्र सरकार को मापदण्डों में ढिलाई देने के लिये आग्रह किया गया था। जिसके क्रम में बुधवार को 50 प्रतिशत तक चमकहीन गेहूॅ खरीद की अनुमति प्रदान कर दी थी, लेकिन 90 प्रतिशत तक चमकहीन गेहॅू की खरीद की अनुमति के लिये केन्द्र सरकार द्वारा इन दो दलों को गठन किया है। दलों की रिपोर्ट के बाद 90 प्रतिशत तक चमकहीन गेहॅू खरीद की अनुमति भारत सरकार से मिलने की पूरी सम्भावना है।
उन्हाेंने बताया कि बेमौसम बारिश से मुख्य रूप से हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, कोटा, बारां एवं बूंदी जिलों में गेहूं की फसल प्रभावित हुई थी। कोटा संभाग में 15 मार्च से तथा प्रदेश के अन्य संभागों में 1 अप्रेल से किसानों से समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद की जा रही है।
सिन्हा ने बताया कि आई.जी.एम.आर.आई. के सहायक निदेशक, आर.के. सिंह एवं तकनीकी अधिकारी, राकेश बराला का संयुक्त दल कोटा, बारां एवं बूंदी जिलों तथा दिल्ली मुख्यालय के सहायक निदेशक ए.एन. पाण्डे एवं तकनीकी अधिकारी वीरेन्द्र ए.सी. के नेतृत्व में दूसरा दल हनुमानगढ़ एवं श्रीगंगानगर जिलों की मण्डियों तथा समर्थन मूल्य खरीद के लिये स्थापित केन्द्रों पर 26 अप्रेल से दौरा कर गेहूं के नमूनों को एकत्र करेगा। दोनों दल आज रात तक प्रदेश में पहुंचेंगे।
उन्हाेंने बताया कि उपभोक्ता मामलात, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा गठित दोनों दल बेमौसम हुई बारिश से खराब हुई गेहूं की चमक के संबंध में एकत्र किये गये नमूनों को भारतीय खाद्य निगम, क्षेत्रीय प्रयोगशाला में जांच कर एक समेकित रिपोर्ट पेश करेंगे। इन दोनों दलों का गठन प्रदेश के किसानों को अधिक से अधिक राहत प्रदान करने के लिये गेहूं खरीद के लिये निर्धारित किये गये मानकों में छूट देने के लिए किया गया है।
सिन्हा ने बताया कि प्रदेश में हाल ही में हुई प्राकृतिक आपदा के कारण राज्य सरकार के स्तर से केन्द्र सरकार को मापदण्डों में ढिलाई देने के लिये आग्रह किया गया था। जिसके क्रम में बुधवार को 50 प्रतिशत तक चमकहीन गेहूॅ खरीद की अनुमति प्रदान कर दी थी, लेकिन 90 प्रतिशत तक चमकहीन गेहॅू की खरीद की अनुमति के लिये केन्द्र सरकार द्वारा इन दो दलों को गठन किया है। दलों की रिपोर्ट के बाद 90 प्रतिशत तक चमकहीन गेहॅू खरीद की अनुमति भारत सरकार से मिलने की पूरी सम्भावना है।
उन्हाेंने बताया कि बेमौसम बारिश से मुख्य रूप से हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, कोटा, बारां एवं बूंदी जिलों में गेहूं की फसल प्रभावित हुई थी। कोटा संभाग में 15 मार्च से तथा प्रदेश के अन्य संभागों में 1 अप्रेल से किसानों से समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद की जा रही है।
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