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Lockdown : होली न होती तो बुंदेलखंड का क्या हाल होता!
बुंदेलखंड क्षेत्र के राजनीतिक विश्लेषक रवींद्र व्यास कहते हैं, "इस इलाके का ताना-बाना ही अलग है, दुनिया में भले ही लोग खुद को प्रोफेशनल कहने लगे हो, समाज से दूरी बना ली हो, मगर यहां की स्थितियां अलग है। तीज-त्यौहार पर आना और दूसरे के सुख-दुख में शामिल होना यहां के लोगों की जिंदगी का हिस्सा है। यही कारण है कि होली के मौके पर बड़ी संख्या में मजदूर अपने गांव को लौटे है, इसी दौरान कटाई शुरू हो गई।
मजदूर कटाई पूरी होने पर आने वाले कुछ दिनों के बाद ही वापस लौटने की तैयारी कर रहे थे, तभी कोरोनावायरस का संक्रमण आ गया और लोग अपने गांव में ही रुक गए। यह अजब संयोग है इस इलाके के लिए कि कोरोना वायरस का संक्रमण तब हुआ, जब होली आई और कटाई चल रही थी।
बमीठा के अशोक नामदेव का कहना है कि इस क्षेत्र में कटाई का काम चल रहा है और हर साल कटाई के समय बड़ी संख्या में मजदूर अपने गांव को लौट आते हैं। इस बार भी ऐसा ही हुआ है। इसलिए अब जो मजदूर लौट रहे हैं। उनकी संख्या हजारों में है, मगर उतनी है जितनी कटाई न होने के कारण हो सकती थी। (आईएएनएस)
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