Advertisement
क्या गरीबों को नहीं मिलनी चाहिए मुफ्त दवाएं : बंबर ठाकुर
बिलासपुर। प्रदेश मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को काले झंडे दिखाने की बात करने वाले बिलासपुर के भाजपा नेता पहले इस बात का जवाब दें कि वह गरीबों के हिमायती है या फिर उनके जो मंहगी दवाएं लिख कर जनता की जेब पर डाका डाल रहे हैं। यह बात बिलासपुर में पत्रकारों को संबोधित करते हुए सदर के विधायक बंबर ठाकुर ने कही। उन्होंने कहा कि दो करोड़ रुपए की लागत से प्रदेश सरकार ने सरकारी अस्पतालों को जो दवाइयां गरीबों को मुफ्त देने के लिए उपलब्ध करवाई हैं क्या वे उन्हें नहीं मिलनी चाहिए। क्या अस्पताल में मुफ्त दवाइयां होने के बावजूद भी किसी डाक्टर विशेष को इन दवाइयों को किसी विशेष मैडीकल स्टोरों से महंगे दाम पर खरीद कर लाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यदि भाजपा इसका समर्थन करती है तो उनका विरोध भी जायज है लेकिन यदि भाजपा गरीबों को मुफ्त दवाइयां देना चाहती है तो फिर काले झंडे दिखाने वाली बात कहां से आती है। उन्होंने कहा कि बंबर ठाकुर विधायक रहे न रहे ऐसे भ्रष्टाचार व आम जनता की जेबों पर डाका डालने वाले चिकित्सकों, अधिकारियों व राजनेताओं के खिलाफ कांग्रेस पार्टी के बैनर तले उनका संषर्घ जारी रहेगा जिसके तहत जन जागरण अभियान भी चलाया जाएगा। मात्र टिकट लेने के लिए ऐसे मुद्दों पर बयान देने वाले भाजपाइयों व इन्हें संरक्षण देने वाले भाजपा के बड़े नेताओं के पुतले फंूकने व उनके खिलाफ धरना प्रदर्शन करना जारी रहेगा। ठाकुर ने कहा कि बिलासपुर में भी ऐसा ही गोरखधंधा पनप रहा था।
कुछ डाक्टर अस्पताल में मुफ्त दवा होने के बावजूद भी मरीजों को बाहर से दवाई खरीदने पर मजबूर कर रहे हैं। इन डाक्टरों को सीएमओ बिलासपुर ने उनके इस गलत कार्य हेतु कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है। अब प्रश्न यह है कि भाजपा नेता सुरेश चंदेल व भाजपा विधायक रणधीर ऐसे डाक्टरों को क्यों संरक्षण दे रहे हैं। विधायक बंबर ठाकुर ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सत्ती व पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल से भी प्रश्न पूछा कि क्या अस्पताल में चल रही कमीशनखोरी व गड़बड़झाले को संरक्षण देने में लगे वे बिलासपुर जिला के अपने इन भाजपा नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई करेंगे या फिर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले इन नेताओं को भाजपा ने खुली छूट दे रखी है।
उन्होंने कहा कि यदि उन्होंने स्वयं छापेमारी की व अस्पताल में चल रहे इस गोरख धंधे को उजागर किया तो क्या गलत किया। इन दवा की दुकानों में से एक दुकान भाजपा विधायक रणधीर शर्मा के मौसेरे भाई की है व दूसरी दुकान उस नगर पार्षद की है जो नगर परिषद उपाध्यक्ष के चुनाव में कांग्रेस के समॢथत उम्मीदवार कमलेंद्र कश्यप के विरोध में भाजपा के समर्थन से खड़ा हुआ था लेकिन उसे हार का मुंह देखना पड़ा था। बंबर ने आरोप लगाया कि भाजपा के नेताओं ने विकास कार्य रूकवा दिए हैं और लगभग 80 सडड़ों की आरटीआई से सूचना मांग कर उनका काम ठप्प किया है। उन्होंने कहा कि ऐसे ही पेयजल सुविधा के बारे में भी किया जा रहा है और न ही हैंडपंप लगने दिए जा रहे। उन्होनें कहा कि भाजपा के नेता विकास विरोधी हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि यदि भाजपा इसका समर्थन करती है तो उनका विरोध भी जायज है लेकिन यदि भाजपा गरीबों को मुफ्त दवाइयां देना चाहती है तो फिर काले झंडे दिखाने वाली बात कहां से आती है। उन्होंने कहा कि बंबर ठाकुर विधायक रहे न रहे ऐसे भ्रष्टाचार व आम जनता की जेबों पर डाका डालने वाले चिकित्सकों, अधिकारियों व राजनेताओं के खिलाफ कांग्रेस पार्टी के बैनर तले उनका संषर्घ जारी रहेगा जिसके तहत जन जागरण अभियान भी चलाया जाएगा। मात्र टिकट लेने के लिए ऐसे मुद्दों पर बयान देने वाले भाजपाइयों व इन्हें संरक्षण देने वाले भाजपा के बड़े नेताओं के पुतले फंूकने व उनके खिलाफ धरना प्रदर्शन करना जारी रहेगा। ठाकुर ने कहा कि बिलासपुर में भी ऐसा ही गोरखधंधा पनप रहा था।
कुछ डाक्टर अस्पताल में मुफ्त दवा होने के बावजूद भी मरीजों को बाहर से दवाई खरीदने पर मजबूर कर रहे हैं। इन डाक्टरों को सीएमओ बिलासपुर ने उनके इस गलत कार्य हेतु कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है। अब प्रश्न यह है कि भाजपा नेता सुरेश चंदेल व भाजपा विधायक रणधीर ऐसे डाक्टरों को क्यों संरक्षण दे रहे हैं। विधायक बंबर ठाकुर ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सत्ती व पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल से भी प्रश्न पूछा कि क्या अस्पताल में चल रही कमीशनखोरी व गड़बड़झाले को संरक्षण देने में लगे वे बिलासपुर जिला के अपने इन भाजपा नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई करेंगे या फिर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले इन नेताओं को भाजपा ने खुली छूट दे रखी है।
उन्होंने कहा कि यदि उन्होंने स्वयं छापेमारी की व अस्पताल में चल रहे इस गोरख धंधे को उजागर किया तो क्या गलत किया। इन दवा की दुकानों में से एक दुकान भाजपा विधायक रणधीर शर्मा के मौसेरे भाई की है व दूसरी दुकान उस नगर पार्षद की है जो नगर परिषद उपाध्यक्ष के चुनाव में कांग्रेस के समॢथत उम्मीदवार कमलेंद्र कश्यप के विरोध में भाजपा के समर्थन से खड़ा हुआ था लेकिन उसे हार का मुंह देखना पड़ा था। बंबर ने आरोप लगाया कि भाजपा के नेताओं ने विकास कार्य रूकवा दिए हैं और लगभग 80 सडड़ों की आरटीआई से सूचना मांग कर उनका काम ठप्प किया है। उन्होंने कहा कि ऐसे ही पेयजल सुविधा के बारे में भी किया जा रहा है और न ही हैंडपंप लगने दिए जा रहे। उन्होनें कहा कि भाजपा के नेता विकास विरोधी हो गए हैं।
[@ वर्ष 2016 की वे खबरें जो बनी पूरे विश्व में चर्चा का विषय ]
Advertisement
Advertisement
बिलासपुर
हिमाचल प्रदेश से
सर्वाधिक पढ़ी गई
Advertisement