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बांदा में डीएम आवास के कुओं को जीर्णोद्धार का इंतजार
बांदा। ‘नाउन सबके पैर धोवे, आपन धोवत लजाय’ वाली बुंदेलखंड की चर्चित कहावत उत्तर प्रदेश में बांदा के जिलाधिकारी के सरकारी आवास परिसर में चरितार्थ हो रही है। इस परिसर के जीर्ण-शीर्ण कुओं को जीर्णोद्धार का इंतजार है। खास बात यह कि इन्हीं कुओं की तस्वीरों का इस्तेमाल कर ‘कुआं-तालाब जियाओ’ अभियान शुरू किया गया है।
उत्तर प्रदेश के हिस्से वाले बुंदेलखंड में बांदा के जिलाधिकारी ने जिले से पेयजल संकट दूर करने की गरज से कुआं-तालाब जियाओ’ अभियान शुरू कर सभी गांवों के कुआं और तालाबों की पूजा-अर्चना कर उन्हें पुनर्जीवित कर प्राकृतिक जलस्रोत खोजने की कवायद 15 मई से शुरू की थी, लेकिन खुद के सरकारी आवास में मृतप्राय दो कुओं की ओर उनका ध्यान नहीं गया। हालांकि इन्हीं कुओं की तस्वीरों का इस्तेमाल अभियान के पोस्टर में हुआ है।
एक अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि 6 जुलाई को केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय के सचिव यू.पी. सिंह की उपस्थिति में जिले की 447 ग्राम पंचायतों के 7,500 कुओं का पूजन हुआ है, लेकिन जिलाधिकारी आवास में 1966 में बनवाए गए दोनों कुओं की पूजा नहीं हो सकी।
उन्होंने बताया कि इन दोनों कुओं पर खुद जिलाधिकारी का भी ध्यान नही गया, वरना अब तक जीर्णोद्धार हो गया होता।
सन् 1966 में तत्कालीन जिलाधिकारी टी. ब्लाह ने सरकारी आवास परिसर में दो कुओं का निर्माण कराया था। पहले इन्हीं कुओं से जलापूर्ति होती थी, लेकिन अब कुओं के चारों तरफ कूड़े का ढेर जमा है और कुएं सूख भी गए हैं।
जिलाधिकारी के स्टेनो मुहीब ने रविवार को कहा, ‘‘साहब अभी तक शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के कुआं-तालाबों के जीर्णोद्धार में व्यस्त थे, अब उनके आवास परिसर के दोनों कुओं के जीर्णोद्धार का काम जल्द शुरू होगा।’’
(आईएएनएस)
उत्तर प्रदेश के हिस्से वाले बुंदेलखंड में बांदा के जिलाधिकारी ने जिले से पेयजल संकट दूर करने की गरज से कुआं-तालाब जियाओ’ अभियान शुरू कर सभी गांवों के कुआं और तालाबों की पूजा-अर्चना कर उन्हें पुनर्जीवित कर प्राकृतिक जलस्रोत खोजने की कवायद 15 मई से शुरू की थी, लेकिन खुद के सरकारी आवास में मृतप्राय दो कुओं की ओर उनका ध्यान नहीं गया। हालांकि इन्हीं कुओं की तस्वीरों का इस्तेमाल अभियान के पोस्टर में हुआ है।
एक अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि 6 जुलाई को केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय के सचिव यू.पी. सिंह की उपस्थिति में जिले की 447 ग्राम पंचायतों के 7,500 कुओं का पूजन हुआ है, लेकिन जिलाधिकारी आवास में 1966 में बनवाए गए दोनों कुओं की पूजा नहीं हो सकी।
उन्होंने बताया कि इन दोनों कुओं पर खुद जिलाधिकारी का भी ध्यान नही गया, वरना अब तक जीर्णोद्धार हो गया होता।
सन् 1966 में तत्कालीन जिलाधिकारी टी. ब्लाह ने सरकारी आवास परिसर में दो कुओं का निर्माण कराया था। पहले इन्हीं कुओं से जलापूर्ति होती थी, लेकिन अब कुओं के चारों तरफ कूड़े का ढेर जमा है और कुएं सूख भी गए हैं।
जिलाधिकारी के स्टेनो मुहीब ने रविवार को कहा, ‘‘साहब अभी तक शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के कुआं-तालाबों के जीर्णोद्धार में व्यस्त थे, अब उनके आवास परिसर के दोनों कुओं के जीर्णोद्धार का काम जल्द शुरू होगा।’’
(आईएएनएस)
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