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जेकेके में वर्चुअल एग्जीबिशन आर्ट्स ऑफ इंडियन ट्राइब्स शुरू
जयपुर। जवाहर कला केंद्र (जेकेके) ने मंगलवार शाम को फेसबुक लाइव पर 'आर्ट्स ऑफ इंडियन ट्राइब्स' वर्चुअल एग्जीबिशन लॉन्च की। नई दिल्ली की क्राफ्ट एंड कम्युनिटी डवलपमेंट फाउंडेशन (CCDF) के सहयोग से आयोजित यह एग्जीबिशन 15 जून तक प्रदर्शित की जाएगी। इस अवसर पर राजस्थान सरकार के कला एवं संस्कृति मंत्री, डॉ. बी.डी.कल्ला ने बताया कि इस एग्जीबिशन में 10 आर्टिस्ट के 35 कलाकृतियों को प्रदर्शित किया जाएगा। आर्टिस्ट में अनिता बालू महसे, अनिता श्याम, गीता भैरया, ज्योति उईके आदि शामिल हैं। आम जनता के लिए यह पेंटिंग्स जेकेके की वर्चुअल गैलरीज में प्रदर्शित की जाएगी, जिसे जेकेके की ऑफिशियल वेबसाइट पर देखा जा सकता है। उन्होंने लॉकडाउन के दौर में जेकेके की इस सक्रिय पहल की भी सराहना की।
जेकेके की महानिदेशक किरण सोनी गुप्ता ने बताया कि इस प्रदर्शनी में गोंड, भील, वर्ली और मधुबनी सहित आदिवासी कलाओं की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है। आदिवासी समुदाय को समर्पित इस एग्जीबिशन का उद्देश्य हर्ष, प्रेरणा और सकारात्मकता फैलाना है। आदिवासी कला के प्रसार की दिशा में काम करने से भारतीय संस्कृति की समृद्धि और विविधता बढ़ेगी। यह प्रदर्शनी दूसरों को ऑनलाइन प्लेटफार्मों के माध्यम से कला और संस्कृति को साझा करने के लिए प्रेरित करने की एक पहल है।
क्राफ्ट एंड कम्युनिटी डवलपमेंट फाउंडेशन के चेयरमैन, संदीप भंडारी ने कहा कि 'गोंडवाना आर्ट प्रोजेक्ट' सीसीडीएफ की मध्य भारत के आदिवासी कारीगरों के उत्थान और मार्गदर्शन के लिए एक सामाजिक पहल है। इस परियोजना के तहत सहयोग प्रदान करने के लिए गोंड, भील और वर्ली कलाकृतियों की पहचान की गई है। यह फाउंडेशन राजस्थान में जेकेके के साथ मिलकर इन कलाकृतियों को प्रदर्शित करते हुए बेहद उत्साहित है।
जेकेके की महानिदेशक किरण सोनी गुप्ता ने बताया कि इस प्रदर्शनी में गोंड, भील, वर्ली और मधुबनी सहित आदिवासी कलाओं की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है। आदिवासी समुदाय को समर्पित इस एग्जीबिशन का उद्देश्य हर्ष, प्रेरणा और सकारात्मकता फैलाना है। आदिवासी कला के प्रसार की दिशा में काम करने से भारतीय संस्कृति की समृद्धि और विविधता बढ़ेगी। यह प्रदर्शनी दूसरों को ऑनलाइन प्लेटफार्मों के माध्यम से कला और संस्कृति को साझा करने के लिए प्रेरित करने की एक पहल है।
क्राफ्ट एंड कम्युनिटी डवलपमेंट फाउंडेशन के चेयरमैन, संदीप भंडारी ने कहा कि 'गोंडवाना आर्ट प्रोजेक्ट' सीसीडीएफ की मध्य भारत के आदिवासी कारीगरों के उत्थान और मार्गदर्शन के लिए एक सामाजिक पहल है। इस परियोजना के तहत सहयोग प्रदान करने के लिए गोंड, भील और वर्ली कलाकृतियों की पहचान की गई है। यह फाउंडेशन राजस्थान में जेकेके के साथ मिलकर इन कलाकृतियों को प्रदर्शित करते हुए बेहद उत्साहित है।
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