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दहशत में कटी ग्रामीणों की रात
महेंद्रगढ़। तेंदुए के हमले के बाद घायल हुए तीन ग्रामीणों के बाद गांव के लोगों में भी दहशत का माहौल रहा और पूरी रात उनकी दहशत में कटी। दहशत के चलते रात में किसानों ने सिंचाई के लिए चालू की जाने वाली पानी की मोटरें भी बंद रखी। वहीं ग्रामीणों ने पुलिस पर देरी से पहुंचने और वन्य प्राणी विभाग पर तेंदुए को शूट नहीं करने का आरोप भी लगाया है। ग्रामीणों ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने दो बजे तेंदुए को देखा था। तो पुलिस कंट्रोल रूम में फोन किया। लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। इसके बाद इसकी सूचना किसी तरह पुलिस के पास पहुंचाई गई। लेकिन कई घंटों के बाद सिर्फ दो पुलिसकर्मी मौके पर आए और तेंदूए की बात को झुठलाकर वापस चले गए। वहीं वन विभाग का भी एक कर्मचारी मौके पर पहुंचा और वहां पूरी तरह मुस्तैदी के साथ तैनात रहा। जब तेंदुए ने अपना स्थान छोड़ा था तो वन्य प्राणी अधिकारी मौके पर उपस्थित थे। लेकिन उन्होंने तेंदुए को बेहोश करने में लापरवाही बरती। जिसके चलते तेंदुआ मौके से ग्रामीणों को घायल करता हुआ फरार हो गया। ग्रामीणों ने हमेशा से रहने वाले पुलिस के इस रवैये को लेकर मौके पर विरोध भी जताया।
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