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नए वैरिएंट ओमीक्रॉन को लेकर प्रदेश की सीमाओं पर बरती जा रही सतर्कता
लखनऊ। कोरोना के नए वैरिएंट ओमीक्रॉन की पुष्टि होने पर उत्तर प्रदेश सरकार ने सीमाओं पर व्यवस्था को चाक चौबंद कर दिया है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में अधिकारियों को सर्तकता बरतने के साथ ही सभी यात्रियों की जांच के निर्देश दिए हैं। कोरोना प्रबंधन में अव्वल रहने वाली उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में कोरोना की पहली लहर में कम समय में जांच की रफ्तार को बढ़ाया था, जिसके बाद यूपी प्रतिदिन ढाई लाख से अधिक आरटीपीआर जांच करने में सक्षम है। ऐसे में नए वैरिएंट को ध्यान में रखते हुए भविष्य में जीनोम सीक्वेंसिंग की रफ्तार को बढ़ाने में भी यूपी सक्षम है। मुख्यमंत्री ने पीजीआई, केजीएमयू में जीनोम परीक्षण को तेज करने के आदेश दिए हैं। प्रदेश में बीएचयू, सीडीआरआई, आईजीआईबी, राम मनोहर लोहिया संस्थान, एनबीआरआई में नए वैरिएंट की जांच जरूरत पड़ने पर की जा सकती है। बता दें कि राजधानी लखनऊ के एनबीआरआई में कोरोना की पहली लहर के बाद ही नए वैरिएंट की जांच शुरू की थी। जिसमें 45 सैंपल जांचे गये थे। संभावित तीसरी लहर को देखते बीएचयू, केजीएमयू, सीडीआरआई व आईजीआईबी में नए वैरिएंट के जीनोम परीक्षण की प्रक्रिया की जा सकती है।
स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डॉ. वेदव्रत सिंह के मुताबिक प्रदेश में फोकस टेस्टिंग के दायरे को बढ़ाते हुए स्क्रीनिंग, सर्विलांस जांच को तेजी से बढ़ाया जा रहा है। कर्नाटक के बाद हैदराबाद में मिले नए वैरिएंट के चलते सर्वाधिक आबादी वाले यूपी में सर्तकता बरती जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में बीएसएल-2 आरटीपीसीआर प्रयोगशालाओं का संचालन किया जा रहा है। (आईएएनएस)
स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डॉ. वेदव्रत सिंह के मुताबिक प्रदेश में फोकस टेस्टिंग के दायरे को बढ़ाते हुए स्क्रीनिंग, सर्विलांस जांच को तेजी से बढ़ाया जा रहा है। कर्नाटक के बाद हैदराबाद में मिले नए वैरिएंट के चलते सर्वाधिक आबादी वाले यूपी में सर्तकता बरती जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में बीएसएल-2 आरटीपीसीआर प्रयोगशालाओं का संचालन किया जा रहा है। (आईएएनएस)
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