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उपचुनाव हारे छत्रपति उदयनराजे भी संसदीय समिति में, नहीं हैं किसी भी सदन के सदस्य
मुंबई। सतारा से 21 अक्टूबर को लोकसभा उपचुनाव में हारना भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता छत्रपति उदयनराजे पी.भोसले के लिए भले ही थोड़ा निराशाजनक रहा हो, लेकिन पार्टी में उनका रुतबा अभी भी कम नहीं हुआ है। हाल ही में जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक, संसदीय कार्य मंत्रालय (एमपीए) ने उन्हें संसद की नागर विमानन परामर्शदात्री समिति (एमओसीए) में शामिल किया है।
भारत सरकार के सचिव डॉ. राजेंद्र एस. शुक्ला द्वारा अधिसूचना एफ.7-1 / 2019-सीबी, दिनांक 31 अक्टूबर, 2019 पर हस्ताक्षर किए गए हैं और नागर विमानन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी इस समिति के अध्यक्ष बनाए गए हैं। समिति में दो अन्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल और वी. मुरलीधरन भी पदेन सदस्य हैं।
16 सदस्यीय समिति में राजीव प्रताप रूडी, थिरु सीएन अन्नादुरई, सुदीप बंद्योपाध्याय, शर्मिष्ठा सेठी, विनायक बी. राउत, सैयद इम्तियाज जमील, पी. के. कुनहलिकुट्टी, (छत्रपति उदयनराजे भोसले), पूनमबेन एच. मादम. पी.सी. मोहन (सभी लोकसभा सदस्य) और राज्यसभा सदस्य प्रफुल्ल पटेल, झरना दास बैद्य, सुब्रमण्यम स्वामी, श्वेत मलिक, मोतीलाल वोरा और विशम्भर प्रसाद निषाद शामिल हैं। हालांकि भोसले को लोकसभा के सांसद के रूप में दिखाया गया है, जबकि वे संसद के किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। यह एमपीए की ओर से की गई शाही गड़बड़ी को दर्शाता है।
भारत सरकार के सचिव डॉ. राजेंद्र एस. शुक्ला द्वारा अधिसूचना एफ.7-1 / 2019-सीबी, दिनांक 31 अक्टूबर, 2019 पर हस्ताक्षर किए गए हैं और नागर विमानन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी इस समिति के अध्यक्ष बनाए गए हैं। समिति में दो अन्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल और वी. मुरलीधरन भी पदेन सदस्य हैं।
16 सदस्यीय समिति में राजीव प्रताप रूडी, थिरु सीएन अन्नादुरई, सुदीप बंद्योपाध्याय, शर्मिष्ठा सेठी, विनायक बी. राउत, सैयद इम्तियाज जमील, पी. के. कुनहलिकुट्टी, (छत्रपति उदयनराजे भोसले), पूनमबेन एच. मादम. पी.सी. मोहन (सभी लोकसभा सदस्य) और राज्यसभा सदस्य प्रफुल्ल पटेल, झरना दास बैद्य, सुब्रमण्यम स्वामी, श्वेत मलिक, मोतीलाल वोरा और विशम्भर प्रसाद निषाद शामिल हैं। हालांकि भोसले को लोकसभा के सांसद के रूप में दिखाया गया है, जबकि वे संसद के किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। यह एमपीए की ओर से की गई शाही गड़बड़ी को दर्शाता है।
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