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उत्तराखंड में बादल फटने से 2 की मौत, चार धाम तीर्थयात्रा को भी बाधित
देहरादून। उत्तराखंड के चमोली जिले में बादल फटने की घटना के बाद हुई भारी बारिश में दो लोगों की मौत हो गई है, जबकि तीन अन्य पहाड़ी पर मलबे में दब गए। मालारी में गुरुवार देर शाम बादल फटने से हुई भारी बारिश से पहाड़ी का एक हिस्सा टूटकर गिर गया। सरकार की कुछ परियोजाओं में शामिल पांच मजदूर इस पहाड़ी ढलान पर सो रहे थे, जो मलबे में दब गए। इनमें से दो के शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि बाकी तीन की तलाश जारी है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग से संबंधित विशेषज्ञों की एक टीम घटनास्थल पर फौरन पहुंची।
अधिकारी ने बताया कि भारी बारिश और खराब मौसम ने चार धाम तीर्थयात्रा को भी बाधित कर दिया है। सडक़ पर फैले मलबे के कारण बद्रीनाथ-लम्बगद राजमार्ग जाम होगया है, और नागदेव के पास थेरंग और गंगनानी के बीच गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग भी जाम हो गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘कुछ भूस्खलन और राजमार्ग पर फैले मलबे के कारण गंगोत्री, गंगनानी, भटवारी और उत्तरकाशी में परिवहन सेवा बाधित हो गई हैं।’’ सीमा सडक़ संगठन (बीआरओ) के मजदूर सडक़ को साफ करने के लिए काम कर रहे हैं क्योंकि सालाना ‘चार धाम’(यमुनोत्री, गंगोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ) यात्रा के लिए जाने वाले वाहनों की लंबी कतार सडक़ों पर मौजूद है।
हेमकुंड तीर्थयात्रा निरंतर जारी है।
अधिकारी ने बताया कि भारी बारिश और खराब मौसम ने चार धाम तीर्थयात्रा को भी बाधित कर दिया है। सडक़ पर फैले मलबे के कारण बद्रीनाथ-लम्बगद राजमार्ग जाम होगया है, और नागदेव के पास थेरंग और गंगनानी के बीच गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग भी जाम हो गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘कुछ भूस्खलन और राजमार्ग पर फैले मलबे के कारण गंगोत्री, गंगनानी, भटवारी और उत्तरकाशी में परिवहन सेवा बाधित हो गई हैं।’’ सीमा सडक़ संगठन (बीआरओ) के मजदूर सडक़ को साफ करने के लिए काम कर रहे हैं क्योंकि सालाना ‘चार धाम’(यमुनोत्री, गंगोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ) यात्रा के लिए जाने वाले वाहनों की लंबी कतार सडक़ों पर मौजूद है।
हेमकुंड तीर्थयात्रा निरंतर जारी है।
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