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UP: सौहार्द और सहिष्णुता की एक मिसाल हैं वजीरगंज के मंदिर-मस्जिद
गोंडा। मंदिर, मस्जिद को लेकर अयोध्या में जहां कई दशकों तक विवाद चला, वहीं वहां से महज 50 किलोमीटर दूर गोंडा जिले का वजीरगंज समाजिक सौहार्द और सहिष्णुता की मिसाल पेश कर रहा है। यहां हिन्दू-मुस्लिम एक दूसरे का सम्मान कर अपनी सहिष्णुता का परिचय देते हैं। दीवार का फासला रखने वाली मस्जिद की अजान उस समय बंद हो जाती है जब मंदिरों में शंख की आवाज गूंजती है। इसी तरह मस्जिद की अजान के समय मंदिर के घंटे बजने बंद हो जाते हैं।
यह परंपरा आज से नहीं बल्कि कई दशकों से चल रही है। यहां पर आज तक तक मंदिर-मस्जिद तक विवादों की आंच नहीं पहुंची है।
मस्जिद का प्रबंधन करने वाले मोहम्मद अली सिद्दीकी ने बताया कि पुलिस विभाग से रिटायर होने के बाद मैं यहां पर मदरसा और मस्जिद का कार्य देख रहा हूं। वजीरगंज थाने से सटी मस्जिद व मंदिर के बीच केवल बाउंड्री की दूरी है। मंदिर के सामने ही मस्जिद सांप्रदायिक सौहार्द की पहचान है। यहां मंदिर में आरती के वक्त अजान रोक दी जाती है तो अजान के समय आरती। दोनों समुदायों के लोगों में ऐसा अनोखा तालमेल शायद ही कहीं देखने को मिले।
यह परंपरा आज से नहीं बल्कि कई दशकों से चल रही है। यहां पर आज तक तक मंदिर-मस्जिद तक विवादों की आंच नहीं पहुंची है।
मस्जिद का प्रबंधन करने वाले मोहम्मद अली सिद्दीकी ने बताया कि पुलिस विभाग से रिटायर होने के बाद मैं यहां पर मदरसा और मस्जिद का कार्य देख रहा हूं। वजीरगंज थाने से सटी मस्जिद व मंदिर के बीच केवल बाउंड्री की दूरी है। मंदिर के सामने ही मस्जिद सांप्रदायिक सौहार्द की पहचान है। यहां मंदिर में आरती के वक्त अजान रोक दी जाती है तो अजान के समय आरती। दोनों समुदायों के लोगों में ऐसा अनोखा तालमेल शायद ही कहीं देखने को मिले।
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